Market Cap: यह रिपोर्ट भारतीय बैंकिंग क्षेत्र के लिए एक गर्व की बात है कि एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एसबीआई जैसे प्रमुख भारतीय बैंक दुनिया के शीर्ष 25 बैंकों में शामिल हैं। एचडीएफसी बैंक 13वीं, आईसीआईसीआई बैंक 19वीं और एसबीआई 24वीं रैंक पर हैं, जो दर्शाता है कि भारतीय बैंक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण वित्तीय संस्थान बन गए हैं। इस उपलब्धि से भारतीय बैंकों की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में वृद्धि को भी दर्शाया जा रहा है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत वित्तीय ढांचे का संकेत है।
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भारतीय बैंकों के मार्केट कैप में महत्वपूर्ण वृद्धि
यह जानकारी बताती है कि 2024 की चौथी तिमाही तक भारतीय बैंकों के मार्केट कैप में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। एचडीएफसी बैंक का मार्केट कैप 158.5 अरब डॉलर, आईसीआईसीआई बैंक का 105.7 अरब डॉलर और एसबीआई का 82.9 अरब डॉलर रहा, जो उनके वित्तीय मजबूती और निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है। इन बैंकों का अच्छा प्रदर्शन भारतीय वित्तीय प्रणाली की स्थिरता और विकास की दिशा को मजबूत बनाता है। यह भारतीय बैंकिंग क्षेत्र की प्रगति और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में उनकी प्रभावशाली स्थिति को भी उजागर करता है।
जानिए कितना बढ़ा बैंकों का मार्केट कैप
यह रिपोर्ट भारतीय बैंकों के लिए एक सकारात्मक संकेत है। जनवरी से दिसंबर 2024 के बीच, आईसीआईसीआई बैंक का मार्केट कैप 25.8% बढ़कर 105.7 अरब डॉलर हो गया, जबकि एचडीएफसी बैंक का मार्केट कैप 1.6% बढ़कर 158.5 अरब डॉलर तक पहुंचा। यह दर्शाता है कि भारतीय बैंकों ने वैश्विक और घरेलू अर्थव्यवस्था के बावजूद स्थिर विकास बनाए रखा है।
27.1% बढ़कर 4.6 ट्रिलियन डॉलर हुआ 25 बैंकों का मार्केट कैप
रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के शीर्ष 25 बैंकों का मार्केट कैप दिसंबर 2024 तक सालाना आधार पर 27.1% बढ़कर 4.6 ट्रिलियन डॉलर हो गया है, जो वैश्विक बैंकिंग क्षेत्र में सकारात्मक विकास को दर्शाता है। यह भारतीय बैंकों के प्रदर्शन को और भी महत्वपूर्ण बनाता है, क्योंकि वे वैश्विक स्तर पर बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच अपनी स्थिति को मजबूती से बनाए हुए हैं।
जेपी मॉर्गन चेस और गोल्डमैन सैश का मार्केट कैप भी बढ़ा
जेपी मॉर्गन चेस का मा और र्केट कैप के हिसाब से दुनिया का सबसे बड़ा बैंक बनना एक महत्वपूर्ण घटना है। 2024 की चौथी तिमाही के अंत तक, इसका मार्केट कैप 37.2% बढ़कर 674.9 अरब डॉलर हो गया है, जो इस बैंक की वैश्विक वित्तीय ताकत और निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है। इसके साथ ही, गोल्डमैन सैश का मार्केट कैप भी 42.9% बढ़ा, जो उसकी मजबूत वित्तीय स्थिति और बाज़ार में बढ़ती उपस्थिति को दर्शाता है। ये दोनों बैंकों का बढ़ता मार्केट कैप इस बात का संकेत है कि वैश्विक बैंकिंग क्षेत्र में प्रमुख अमेरिकी बैंक अपने प्रतिस्पर्धियों से आगे निकलते जा रहे हैं, और उनकी वृद्धि भारतीय बैंकों के साथ-साथ अन्य वैश्विक बैंकों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन सकती है।
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