CPI Inflation: नवंबर 2024 में भारत में खुदरा महंगाई (सीपीआई) में राहत मिली है, जो 5.48 प्रतिशत तक घटकर आई है। अक्टूबर 2024 में यह दर 6.21 प्रतिशत थी। यह गिरावट सब्जियों, फलों और दूध की कीमतों में कमी के कारण आई है, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिली है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, इस महंगाई दर में गिरावट से भारत के उपभोक्ताओं के लिए आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है। महंगाई की दर में कमी का मतलब है कि वस्त्र, खाने-पीने की चीजों और अन्य जरूरी वस्तुओं के दाम अपेक्षाकृत स्थिर हो गए हैं, जिससे आम जनता को राहत मिल रही है।
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खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर में घटकर 5.48 प्रतिशत रही
भारत में नवंबर 2024 में खुदरा महंगाई (सीपीआई) में राहत देखने को मिली है। यह 5.48 प्रतिशत पर आ गई, जबकि अक्टूबर में यह 6.21 प्रतिशत थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा गुरुवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, महंगाई दर में यह गिरावट सब्जी, फल और दूध जैसे वस्तुओं की कीमतों में कमी के कारण आई है। इससे आम जनता को महंगाई के मोर्चे पर राहत मिली है और जीवन यापन की लागत में कुछ कमी आई है।
सब्जी-फल और दूध के घटे दाम
नवंबर 2024 में खुदरा महंगाई में न केवल मासिक बल्कि सालाना आधार पर भी कमी आई है। नवंबर 2023 में यह दर 5.5 प्रतिशत थी, जबकि नवंबर 2024 में यह घटकर 5.48 प्रतिशत पर आ गई। यह गिरावट मुख्य रूप से सब्जियों, फलों और दूध की कीमतों में आई कमी के कारण हुई है। इससे उपभोक्ताओं को राहत मिली है, और महंगाई के दबाव में कमी आई है।
जनता को बड़ी राहत
नवंबर 2024 के आंकड़ों के अनुसार, ग्रामीण इलाकों में खुदरा महंगाई दर 5.95 प्रतिशत रही, जबकि शहरी इलाकों में यह 4.83 प्रतिशत दर्ज की गई। खाद्य महंगाई दर इस माह में 9.04 प्रतिशत रही, जिसमें ग्रामीण इलाकों में यह 9.10 प्रतिशत और शहरी इलाकों में 8.74 प्रतिशत थी। इस दौरान, सब्जियों, दालों, चीनी, फल, अंडे, दूध और उत्पादों, मसाले, परिवहन और संचार, और पर्सनल केयर जैसी कई श्रेणियों में महंगाई दर में कमी देखने को मिली। इन राहतकारी बदलावों से उपभोक्ताओं को महंगाई के दबाव से कुछ राहत मिली है।
जानिए कितनी घटी कीमतें
नवंबर 2024 में सबसे ज्यादा महंगाई दर लहसुन में 85.14 प्रतिशत, आलू में 66.65 प्रतिशत, फूलगोभी में 47.70 प्रतिशत, पत्तागोभी में 43.58 प्रतिशत और नारियल तेल में 42.13 प्रतिशत रही। वहीं, सबसे कम महंगाई दर जीरा में -35.04 प्रतिशत, अदरक में -16.96 प्रतिशत, एलपीजी में -10.24 प्रतिशत और सूखी मिर्च में -9.73 प्रतिशत रही।
आरबीआई द्वारा तय किए गए महंगाई के बैंड
अक्टूबर 2024 में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा तय किए गए महंगाई के बैंड (2 से 6 प्रतिशत) से बाहर निकलने के बाद, नवंबर में खुदरा मुद्रास्फीति काबू में आ गई है। अब आरबीआई की नजर महंगाई को 4 प्रतिशत से नीचे लाने पर है, जिससे ब्याज दरों में कटौती करके वृद्धि दर को बढ़ावा दिया जा सके।
इसके अलावा, दिसंबर 2024 की मौद्रिक नीति में आरबीआई ने कैश रिजर्व रेश्यो (सीआरआर) में 0.50 प्रतिशत की कटौती की थी, जिससे बैंकिंग सिस्टम में तरलता में वृद्धि हुई है। यह कदम वृद्धि दर को समर्थन देने और महंगाई पर काबू पाने में मदद करेगा।
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