Purnea News: बिहार के मद्य निषेध विभाग के चार अधिकारियों को भ्रष्टाचार और दुराचार के गंभीर आरोपों के चलते तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। ये अधिकारी पूर्णिया में तैनात थे। मामले में एक स्थानीय निवासी द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसके आधार पर कार्रवाई की गई। इस मामले में पीड़ित सोनू कुमार पोद्दार ने आरोपों को साबित करने के लिए एक ऑडियो क्लिप का सहारा लिया। उन्होंने यह ऑडियो 1 दिसंबर की रात को उत्पाद आयुक्त सह निबंधन महानिरीक्षक रजनीश कुमार सिंह के व्हाट्सएप नंबर पर भेजा। बिहार में शराबबंदी लागू है। इसके तहत किसी भी तरह की शराब की बिक्री, सेवन और व्यापार पर प्रतिबंध है।
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शिकायतकर्ता का आरोप:
महेंद्रपुर निवासी सोनू कुमार पोद्दार ने आरोप लगाया कि मद्य निषेध विभाग के अधिकारी उन्हें झूठे मामले में फंसाने की धमकी दे रहे थे। इसके बदले वे रिश्वत की मांग कर रहे थे। शिकायत में यह भी बताया गया कि अधिकारी उनके साथ गाली-गलौज कर रहे थे।
तत्काल निलंबन, जांच के आदेश:
मामले की गंभीरता को देखते हुए विभाग ने चारों अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबित अधिकारियों के नाम और अन्य विवरण अभी सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। बिहार सरकार ने मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की है। यह टीम अधिकारियों पर लगे आरोपों की गहराई से जांच करेगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की सिफारिश करेगी।
ऑडियो में बातचीत:
ऑडियो में मद्य निषेध विभाग के अधिकारियों द्वारा कथित रूप से गाली-गलौज और रिश्वत मांगने की बातचीत दर्ज थी। इसमें पीड़ित को झूठे मामले में फंसाने की धमकी का भी उल्लेख था। ऑडियो प्राप्त होते ही उत्पाद आयुक्त रजनीश कुमार सिंह ने मामले की गंभीरता को भांपते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए। प्रारंभिक जांच में आरोपों की पुष्टि होने के बाद अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया।
निलंबन के कारण और प्रक्रिया:
बिहार के पूर्णिया जिले में मद्य निषेध विभाग के चार अधिकारियों के खिलाफ रिश्वतखोरी और झूठे मामलों में फंसाने के आरोप की जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की गई। पीड़ित सोनू कुमार पोद्दार द्वारा भेजे गए ऑडियो क्लिप की सहायक आयुक्त, मद्य निषेध, पूर्णिया ने जांच की। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि ऑडियो में रिश्वत मांगने और गाली-गलौज की पुष्टि हो रही थी।
चार अधिकारी भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित:
चारों अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया, लेकिन उनका जवाब असंतोषजनक पाया गया।
इसके बाद उत्पाद आयुक्त सह निबंधन महानिरीक्षक रजनीश कुमार सिंह ने तुरंत निलंबन का आदेश दिया। निलंबित अधिकारी- सुमन कांत झा (निरीक्षक), चंदन कुमार (उप निरीक्षक), दिनेश कुमार दास (सहायक उप निरीक्षक) और प्रदीप कुमार (सिपाही)।
रिश्वत मांगने का आरोप:
ऑडियो क्लिप में अधिकारियों द्वारा पीड़ित से अवैध रूप से धन की मांग की पुष्टि हुई। पीड़ित को झूठे आरोप लगाकर डराने और पैसे देने के लिए मजबूर करने का प्रयास किया गया। यह कार्रवाई बिहार सरकार के मद्य निषेध कानून की ईमानदारी से क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के प्रयासों को दर्शाती है।
भ्रष्टाचार पर सख्त रुख
उत्पाद आयुक्त रजनीश कुमार सिंह ने भ्रष्टाचार पर सख्त रुख अपनाते हुए स्पष्ट चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि नशा मुक्त बिहार अभियान को सफल बनाने के लिए कठोर कदम उठाए जाएंगे, लेकिन इसका उपयोग निर्दोष लोगों को फंसाने या अवैध लाभ लेने के लिए नहीं होना चाहिए। उन्होंने बताया कि अन्य शिकायतें भी विभाग के पास आई हैं, और उनकी गहन जांच चल रही है। सत्यता प्रमाणित होने पर भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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