Delhi: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक नरेश बालियान को जबरन वसूली के मामले में जमानत तो दी, लेकिन उनकी रिहाई से पहले ही एक अन्य मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। यह स्थिति बताती है कि बालियान के खिलाफ कई कानूनी कार्रवाइयां जारी हैं। कोर्ट ने जमानत देने के दौरान यह स्पष्ट किया होगा कि न्यायिक प्रक्रिया का पालन करते हुए आरोपी को राहत दी गई, लेकिन उनकी गिरफ्तारी से यह संकेत मिलता है कि दूसरे मामले में गंभीर आरोप हो सकते हैं। इस प्रकार की घटनाएं राजनीतिक और कानूनी प्रक्रियाओं के जटिल संबंधों को उजागर करती हैं।
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30 नवंबर 2024 को हुए थे गिरफ्तार
आम आदमी पार्टी के विधायक नरेश बालियान को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 30 नवंबर 2024 को जबरन वसूली के एक मामले में गिरफ्तार किया था। इस मामले में बुधवार, 4 दिसंबर 2024 को राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनकी जमानत मंजूर कर ली। हालांकि, उनकी रिहाई से पहले ही उन्हें महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट (मकोका) के तहत दर्ज एक अन्य मामले में गिरफ्तार कर लिया गया।
मकोका के तहत गिरफ्तारी
मकोका कानून का उपयोग संगठित अपराध और गंभीर अपराधों के खिलाफ किया जाता है। किसी व्यक्ति पर मकोका तब लागू किया जाता है जब उसे संगठित अपराध में शामिल पाया जाता है या उसकी गतिविधियां समाज के लिए खतरनाक मानी जाती हैं।
50,000 के निजी मुचलके पर मिली जमानत
आम आदमी पार्टी के विधायक नरेश बालियान को राउज एवेन्यू कोर्ट ने 50,000 रुपये के निजी मुचलके पर जबरन वसूली के मामले में जमानत दी। हालांकि, उनकी जमानत के तुरंत बाद, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कोर्ट को जानकारी दी कि उन्हें मकोका (MCOCA) के तहत एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया गया है।
ऑडियो क्लिप के आधार पर किया था गिरफ्तार
30 नवंबर 2024 को बालियान को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने गैंगस्टर कपिल सांगवान उर्फ नंदू से बातचीत के एक ऑडियो क्लिप के आधार पर गिरफ्तार किया था। इस ऑडियो क्लिप में कथित तौर पर दोनों के बीच हुई बातचीत में गैंगस्टर गतिविधियों और जबरन वसूली से संबंधित जानकारी थी।
मकोका का आरोप
मकोका (Maharashtra Control of Organized Crime Act) के तहत आरोप गंभीर होते हैं, और इसे संगठित अपराध के नेटवर्क और उनके समर्थन करने वालों के खिलाफ लागू किया जाता है। बालियान की गिरफ्तारी के बाद से यह मामला राजनीतिक और कानूनी स्तर पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
नरेश बालियान पर आरोप
दिल्ली की उत्तम नगर सीट से विधायक नरेश बालियान पर आरोप है कि वह गैंगस्टर कपिल सांगवान उर्फ नंदू के एक सिंडिकेट से जुड़े हुए थे। इस मामले में उन पर आरोप है कि उन्होंने सांगवान के गिरोह के सदस्यों का उपयोग करके संपत्ति मालिकों को धमकाया और उन्हें अपनी संपत्ति कम कीमत पर बेचने के लिए मजबूर किया।
मामले की प्रमुख बातें:
सिंडिकेट से संबंध: पुलिस ने दावा किया है कि बालियान कथित तौर पर सांगवान के आपराधिक गिरोह के साथ जुड़े थे, जो संगठित अपराध गतिविधियों में लिप्त था।
संपत्ति विवाद: गिरोह के माध्यम से संपत्ति मालिकों को धमकी देकर उनकी संपत्तियां कम दाम में हड़पने के आरोप लगाए गए हैं।
पुलिस हिरासत: इस सिलसिले में बालियान पिछले साल पुलिस हिरासत में भी रहे हैं।
ऑडियो क्लिप का सबूत: बालियान और सांगवान के बीच बातचीत की एक कथित ऑडियो क्लिप सामने आई, जो मामले को और गंभीर बनाती है।
गैंगस्टर कपिल सांगवान
कपिल सांगवान उर्फ नंदू दिल्ली-एनसीआर में एक कुख्यात अपराधी है, जो संगठित अपराध, जबरन वसूली, और संपत्ति विवादों में शामिल रहा है। इस मामले में पुलिस का आरोप है कि बालियान ने सांगवान के नेटवर्क का इस्तेमाल किया।
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