Sambhal mosque row: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद से संबंधित एक हलफनामा दायर किया है। यह कदम मस्जिद के इतिहास और उसके स्थान को लेकर एक महत्वपूर्ण विवाद के बीच उठाया गया है। विवाद में दावा किया गया है कि 16वीं शताब्दी की यह मस्जिद, एक प्राचीन हिंदू मंदिर, हरिहर मंदिर के स्थल पर बनाई गई थी, जिसे कथित तौर पर मुगल सम्राट बाबर ने ध्वस्त कर दिया था। इन दावों ने कानूनी कार्यवाही को जन्म दिया है, जिसमें साइट के पुरातात्विक सर्वेक्षण के लिए एक सिविल कोर्ट का आदेश भी शामिल है, जिसका स्थानीय समुदाय ने विरोध किया है, जिसके कारण हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए हैं।
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हलफनामें में मस्जिद समिति पर लगाए गंभीर आरोप
एएसआई के हलफनामे में कथित तौर पर मस्जिद समिति के खिलाफ गंभीर आरोप शामिल हैं, हालांकि इन आरोपों के बारे में पूरी जानकारी नहीं दी गई है। स्थिति तनावपूर्ण रही है, खासकर नवंबर 2024 में सर्वेक्षण प्रक्रिया के दौरान हुई झड़पों के बाद, जिसमें कई मौतें और चोटें आईं। सर्वेक्षण के विरोध के कारण हिंसा भड़की थी, जिसे कई स्थानीय लोगों ने मस्जिद की स्थिति को बदलने के प्रयास के रूप में देखा। वर्तमान कानूनी और राजनीतिक घटनाक्रम पर कड़ी नजर रखी जा रही है, क्योंकि वे इस स्थल के इतिहास और धार्मिक स्थल के रूप में इसकी स्थिति के बारे में भविष्य के निर्णयों को प्रभावित कर सकते हैं।
निरीक्षण में मस्जिद कमेटी के सदस्य लगातार डालते हैं अड़चनें
यह हलफनामा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा प्रस्तुत किया गया है, जिसमें एएसआई ने जामा मस्जिद के निरीक्षण के दौरान होने वाली कठिनाइयों और मस्जिद के संरक्षित स्वरूप में हुए बदलावों के बारे में जानकारी दी है। एएसआई के अनुसार, मस्जिद के निरीक्षण के दौरान मस्जिद कमेटी के सदस्य लगातार अड़चनें डालते रहे हैं, जिसके कारण उन्हें निरीक्षण करने में कठिनाई हुई। 25 जून को जब एएसआई ने मस्जिद का निरीक्षण किया, तो पाया गया कि मस्जिद के स्वरूप में कई बदलाव किए गए थे, जिनके लिए मस्जिद कमेटी ने कोई अनुमोदन नहीं लिया था। यह मसला प्रशासन और संरक्षण के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, क्योंकि संरक्षित स्मारकों में किसी भी प्रकार के बदलाव या निर्माण के लिए सरकार या संबंधित प्राधिकरण से अनुमति की आवश्यकता होती है।
पुलिस ने दर्ज की थी शिकायत
एएसआई के अनुसार, मस्जिद कमेटी के अड़चनों और सहयोग न करने के रवैये के खिलाफ उन्होंने पहले भी पुलिस में शिकायत दर्ज की थी। इसके अलावा, मस्जिद कमेटी के अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है, जिसमें उन्हें मस्जिद के संरक्षित स्वरूप में किए गए बदलावों और निरीक्षण में रुकावट डालने के कारणों की व्याख्या करने को कहा गया है। यह कदम एएसआई ने मस्जिद के संरक्षण और निरीक्षण प्रक्रिया को बाधित करने की स्थिति को लेकर उठाया है, ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचा जा सके और संरक्षित स्मारकों की देखभाल सही तरीके से की जा सके।
सर्वे प्रक्रिया के खिलाफ हिंसक विरोध
रविवार को उत्तर प्रदेश के संभल जिले स्थित मस्जिद में कोर्ट के आदेश पर एक सर्वे प्रक्रिया शुरू की गई थी, जिसके दौरान हिंसक विरोध हुआ। विरोध करने वाले लोगों ने जमकर पथराव किया, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। इस घटनाक्रम के कई सीसीटीवी फुटेज सामने आए हैं, जिनमें देखा जा सकता है कि कुछ युवक पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर पथराव कर रहे हैं। इनमें से कई युवक अपने चेहरों को कपड़े से ढके हुए थे, ताकि पुलिस उनकी पहचान न कर सके। वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि ये युवक हाथों में पत्थर लेकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर लगातार हमला कर रहे थे। पत्थरबाजी के साथ-साथ अन्य चीजें जैसे ईंट भी फेंकी गईं, जिससे स्थिति और भी बिगड़ गई।
पुलिस कर रही है मामले की जांच
यह घटना सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के लिहाज से गंभीर मानी जा रही है, और इस पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रशासन और पुलिस द्वारा इस हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाने की संभावना है।
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