Haryana Elections: हरियाणा विधानसभा चुनाव की तैयारी के बीच कांग्रेस ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को 13 नेताओं और कार्यकर्ताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया। पार्टी की ओर से जारी अधिसूचना में बताया गया कि इन नेताओं को अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते 6 साल के लिए निष्कासित किया गया है। यह कदम आगामी चुनावों से पहले पार्टी के अंदर अनुशासन बनाए रखने और विरोधी गतिविधियों पर रोक लगाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
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13 बागी नेताओं पर गिरी गाज
कांग्रेस की ओर से जारी अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि 13 नेताओं को निष्कासित करने का निर्णय पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीनता के चलते लिया गया है। विभिन्न संचार माध्यमों से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, ये नेता विधानसभा चुनाव में पार्टी उम्मीदवारों के खिलाफ सक्रिय रूप से काम कर रहे थे, जिससे कांग्रेस के आंतरिक अनुशासन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा था। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए, पार्टी ने इन नेताओं को 6 साल के लिए निष्कासित कर अनुशासन कायम रखने का कदम उठाया है।
13 नेताओं और कार्यकर्ताओं को 6 साल के लिए निष्कासित
हरियाणा विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच कांग्रेस ने अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते 13 नेताओं और कार्यकर्ताओं को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। यह निष्कासन पार्टी के अनुशासन को मजबूत करने और चुनावों में एकजुटता बनाए रखने के उद्देश्य से किया गया है। पार्टी द्वारा निष्कासित किए गए नेताओं में शामिल हैं:
नरेश धांडे (गुहला – एससी)
प्रदीप गिल (जिंद)
सज्जन सिंह ढुल और सुनीता बटन (पंडरी)
राजीव ममुराम गोंदार और दयाल सिंह सिरोही (निलोखेरी – एससी)
विजय जैन (पानीपत ग्रामीण)
दिलबाग संदील (उचाना कलां)
अजीत फोगाट (दादरी)
अभिजीत सिंह (भिवानी)
सतबीर रात्रा (बवानी खेड़ा – एससी)
नीतू मान (पृथला)
अनिता ढुल्ल बड़सीकरी (कलायत)
सभी नेता एकजुट होकर लड़ेंगे चुनाव
हरियाणा कांग्रेस में लंबे समय से गुटबाजी की खबरें सामने आती रही हैं, लेकिन पार्टी नेतृत्व का दावा है कि संगठन में कोई गुटबाजी नहीं है और सभी नेता एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे। इन अटकलों के बीच, कांग्रेस ने शुक्रवार को 13 बागी नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर एक सख्त संदेश दिया। इस कार्रवाई से पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह कदम आगामी विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी के आंतरिक संगठन को मजबूत करने और चुनावी रणनीति पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उठाया गया है।