Monkeypox: देश में एमपॉक्स (मंकीपॉक्स) का एक संदिग्ध मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय सतर्क हो गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि एक युवा, जो एमपॉक्स से प्रभावित देश से लौटा है, उसे वायरस के संदिग्ध रोगी के रूप में पहचाना गया है। उसे अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया है। फिलहाल उसकी स्थिति स्थिर है, और उसके सैंपलों की जांच की जा रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सावधानी के तहत लोगों को एमपॉक्स से संबंधित लक्षणों के प्रति सतर्क रहने और निर्धारित स्वास्थ्य दिशानिर्देशों का पालन करने की सलाह दी है।
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अफ्रीका के 12 देशों में फैल चुका है एमपॉक्स
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मरीज के संपर्क में आए अन्य लोगों की पहचान के लिए संपर्क ट्रेसिंग शुरू की गई है ताकि एमपॉक्स के संभावित प्रसार का आकलन किया जा सके। एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं और प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अफ्रीका के 12 देशों में एमपॉक्स के प्रकोप के बाद अगस्त में इसे वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल (ग्लोबल इमरजेंसी) घोषित किया था।
नए स्ट्रेन के कारण बढ़ रहा है संक्रमण
वैज्ञानिकों ने एमपॉक्स (मंकीपॉक्स) के बढ़ते मामलों के लिए इसके नए स्ट्रेन ‘क्लेड आइबी’ को जिम्मेदार ठहराया है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि वायरस म्यूटेट हो रहा है और नए स्ट्रेन उत्पन्न कर रहा है, जो संक्रमण के प्रसार को और बढ़ा सकता है। नए स्ट्रेन की उपस्थिति उन देशों में भी रिपोर्ट की गई है जहां पहले एमपॉक्स का खतरा नहीं था, जिससे स्थिति की गंभीरता और भी बढ़ गई है। यह नया स्ट्रेन वायरस के सामान्य स्वरूप से अलग हो सकता है, जिससे इसके इलाज और नियंत्रण के उपायों पर असर पड़ सकता है।
एम्पॉक्स को लेकर घबराने की जरूरत नहीं
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने देश में एमपॉक्स (मंकीपॉक्स) के एक संदिग्ध मामले के सामने आने के बाद शांति बनाए रखने की सलाह दी है। एम्स नई दिल्ली में सामुदायिक चिकित्सा केंद्र के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. हर्षल आर. साल्वे ने कहा कि घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बताया कि जबकि एमपॉक्स की मृत्यु दर अधिक हो सकती है, वायरस के महामारी का रूप लेने की संभावना बहुत कम है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह
डॉ. साल्वे ने यह भी कहा कि एमपॉक्स का संक्रमण मुख्यतः करीबी संपर्कों के मामलों में ही होता है, और इसके व्यापक प्रसार की आशंका नहीं है। इसके अलावा, प्रोटोकॉल और एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं ताकि संक्रमण के प्रसार को रोका जा सके और स्थिति को नियंत्रित किया जा सके। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे सही जानकारी पर भरोसा करें और किसी भी संभावित लक्षण के मामले में स्वास्थ्य देखभाल अधिकारियों से संपर्क करें।
चार सप्ताह के भीतर पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं मरीज
एमपॉक्स (मंकीपॉक्स) एक वायरल बीमारी है जिसमें बुखार के साथ शरीर पर दाने निकलने लगते हैं। इस बीमारी के संक्रमण के बाद लिम्फ नोड्स में सूजन आ सकती है या उनका आकार बढ़ सकता है। लिम्फ नोड्स शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में मदद करते हैं। डॉ. हर्षल आर. साल्वे के अनुसार, एमपॉक्स एक ऐसा रोग है जो सामान्यत: अपने-आप ठीक हो जाता है। मरीज आमतौर पर चार सप्ताह के भीतर पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं।
लक्षणों की निगरानी और उचित इलाज जरूरी
हालांकि, बीमारी के दौरान लक्षणों की निगरानी और उचित चिकित्सा प्रबंधन महत्वपूर्ण है, लेकिन गंभीर मामलों की संभावना बहुत कम है और अधिकांश मरीज बिना किसी दीर्घकालिक प्रभाव के ठीक हो जाते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह है कि यदि किसी को एमपॉक्स के लक्षण दिखें, तो तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करें और संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए एहतियाती उपाय अपनाएं।