Delhi coaching incident: दिल्ली में हुए कोचिंग सेंटर हादसे के बाद प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की है। अब तक राजधानी में 19 कोचिंग सेंटरों को सील कर दिया गया है। इस घटना के बाद इंदौर और पटना प्रशासन भी सतर्क हो गए हैं और उन्होंने जांच के लिए टीमें गठित की हैं। यह कदम सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके। प्रशासन का यह निर्णय विद्यार्थियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कार्रवाई यह सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है कि कोचिंग सेंटर्स में छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए और सभी नियमों और मानकों का पालन किया जाए। प्रशासन की यह पहल सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने और संभावित खतरों को कम करने के लिए महत्वपूर्ण है।
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अब तक 19 कोचिंग सेंटर सील
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में हुए हादसे के बाद नगर निगम ने कोचिंग सेंटर्स के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। अनियमितताओं की जांच के दौरान जिन कोचिंग सेंटर्स में सुरक्षा मानकों का उल्लंघन पाया जा रहा है, उन्हें सील किया जा रहा है। इस अभियान की शुरुआत रविवार से हुई थी और मंगलवार तक 19 कोचिंग सेंटर्स को सील किया जा चुका है। यह कार्रवाई छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और कोचिंग सेंटर्स को नियमानुसार संचालन करने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से की जा रही है।
मेयर शैली ओबेरॉय ने किया प्रीत विहार का दौरा
मेयर शैली ओबेरॉय ने नगर निगम के अधिकारियों के साथ प्रीत विहार का दौरा किया और वहां नियमों को नजरअंदाज कर बेसमेंट में संचालित हो रहे कोचिंग सेंटर्स का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि पूरी दिल्ली में कई कोचिंग सेंटर्स एमसीडी की बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन कर रहे हैं। मेयर ने यह भी स्पष्ट किया कि एमसीडी इन सब पर कड़ी कार्रवाई करने जा रही है। मेयर शैली ओबेरॉय का यह कदम प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि वे ऐसे अनियमितताओं को बर्दाश्त नहीं करेंगे और सभी सुरक्षा मानकों का पालन कराना सुनिश्चित करेंगे।
पटना के 20 हजार कोचिंग सेंटरों की जांच शुरू
दिल्ली के बेसमेंट हादसे के बाद बिहार प्रशासन ने भी सक्रिय कदम उठाए हैं। पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने 20 हजार कोचिंग सेंटरों की जांच के आदेश दिए हैं, जो आज (30 जुलाई) से शुरू हो रही है। इस जांच के लिए अनुमंडल पदाधिकारी के नेतृत्व में छह टीमें गठित की गई हैं, जिनमें अग्निशामक अधिकारी, बीईओ (ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर), सीओ (सर्कल ऑफिसर), और क्षेत्र के थानाध्यक्ष शामिल होंगे। इस कदम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोचिंग सेंटरों में सुरक्षा मानकों का पालन हो और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह जांच प्रशासन की तत्परता और सुरक्षा के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाती है।
इंदौर प्रशासन ने कोचिंग सेंटरों की जांच के लिए टीमें गठित
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में यूपीएससी कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत के बाद इंदौर प्रशासन ने भी कोचिंग सेंटरों पर कड़ा रुख अपनाया है। इंदौर के डीएम ने शहर में मानक विहीन कोचिंग सेंटरों की जांच के लिए कई टीमों का गठन किया है। इंदौर कमिश्नर राकेश गुप्ता ने बताया कि नियमों का उल्लंघन करने वाले कोचिंग सेंटरों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।