Vegetables Price: भारी बारिश के कारण सब्जियों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है, जिससे आम जनता के रसोई का बजट प्रभावित हो रहा है। व्यापारी भी कह रहे हैं कि आने वाले दिनों में सब्जियों के दाम और बढ़ सकते हैं। बारिश से फसलों को नुकसान पहुंचा है, जिसकी वजह से सब्जियों की आपूर्ति में कमी आ गई है और मांग बढ़ गई है। अचानक बढ़ते सब्जी के दामों से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सब्जी खरीदने पहुंच रहे लोग बढ़ते सब्जी के दाम सुन हैरान हैं।
Table of Contents
टमाटर 80, अदरक 300 रुपए प्रति किलो
हरियाणा के करनाल की बात करें तो यहां भी सब्जी के दाम अचानक सातवें असमान पर पहुंच गए हैं। 40 रुपये किलो बिकने वाला लाल टमाटर 80 रुपए किलो पहुंच गया। वहीं, 120 रुपये किलो बिकने वाला हरा मटर अब 200 रुपए किलो में मिल रहा है। कुछ दिन पहले 200 रुपये किलो बिकने वाली अदरक 300 रुपए प्रति किलो में बिक रही है। गोभी जो पहले 40 रुपये किलो में आती है उसके लिए अब 60 रुपये खर्च करना पड़ रहा है।
व्यापारी बोले-अभी और दाम बढ़ने के आसार
मंड़ी में सब्जी विक्रेताओं का कहना है तो आने वाले दिनों में बारिश होने की संभावना है। ऐसे में अभी और दाम बढ़ने के आसार लग रहे है। सब्जी विक्रेता रामप्रवेश ने कहा कि सब्जी के बढ़ते दामों के कारण मंडी में सब्जी कम पहुंच रही है, जिस वजह से सब्जी के दामों में काफी इजाफा हो रहा है। सब्जी महंगी होने की वजह से लोेग सब्जी लेने कम आ रहे है।
राजस्थान से बिहार तक आसमान छूने लगे सब्जियों के दाम
बीते दिनों से हो रही भारी बारिश की वजह से देश के अधिकांश राज्यों में सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे। राजस्थान से बिहार तक सभी राज्यों में सब्जी ने रसाई का बजट बिगाड़ दिया है। एक माह पहले जो टमाटर 10 से 20 रुपए किलो था वो 100 रुपए के करीब पहुंच गया है। मंडी में थोक प्याज 35 से 40 रुपए किलो बिक रहा है जबकी रिटेल में यही प्याज 50 से 60 रुपए किलो तक पहुंच गया है।
सब्जियों के दाम बढ़ने के प्रमुख कारण
फसलों का नुकसान: भारी बारिश और बाढ़ के कारण खेतों में पानी भर जाने से फसलें नष्ट हो गई हैं, जिससे सब्जियों की पैदावार कम हो गई है।
परिवहन में दिक्कतें: बारिश के कारण सड़कें खराब हो जाती हैं और परिवहन में बाधा आती है, जिससे सब्जियों की समय पर आपूर्ति नहीं हो पाती और कीमतें बढ़ जाती हैं।
मांग और आपूर्ति में असंतुलन: बारिश के कारण उत्पादन कम हो जाने से आपूर्ति घट जाती है, जबकि मांग बढ़ी रहती है, जिससे कीमतें बढ़ती हैं।
भंडारण की कमी: बारिश के मौसम में सब्जियों के भंडारण की समस्या बढ़ जाती है, जिससे वे जल्दी खराब हो जाती हैं और उपलब्धता कम हो जाती है।
बिचौलियों का प्रभाव: बिचौलियों द्वारा कीमतों में वृद्धि कर दी जाती है, जिससे उपभोक्ताओं को महंगी सब्जियां खरीदनी पड़ती हैं।
संभावित समाधान
बारिश की वजह से सभी सब्जियों के दाम बढ़ गए है। इससे आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। निम्नलिखित उपायों से महंगाई पर काबू पाया जा सकता है और आम जनता को राहत मिल सकती है।
सरकारी हस्तक्षेप: सरकार को आवश्यक कदम उठाकर कीमतों को नियंत्रित करने के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए।
भंडारण सुविधाओं में सुधार: बेहतर भंडारण सुविधाएं और कोल्ड स्टोरेज का प्रबंध किया जाना चाहिए ताकि सब्जियों को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सके।
लॉजिस्टिक्स में सुधार: परिवहन व्यवस्था को सुधारने के लिए उपाय किए जाने चाहिए ताकि सब्जियों की आपूर्ति समय पर हो सके।
किसानों को समर्थन: किसानों को उचित समर्थन और सहायता प्रदान की जानी चाहिए ताकि वे फसल नुकसान से उबर सकें और उत्पादन को बढ़ा सकें।