Rajasthan govt: लोकसभ चुनाव परिणाम 2024 के बाद राजस्थान सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। भजनलाल सरकार ने सभी कर्मचारियों के दस्तावेजों की जांच का फैसला लिया है जो पिछले पांच सालों में भर्ती हुए हैं। इस प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी सरकारी नौकरियों में भर्ती सही और पारदर्शी तरीके से हो रही है और किसी प्रकार की धोखाधड़ी या जालसाजी न हो। राजस्थान सरकार का पेपर लीक मामले को सुलझाने और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की दिशा में बड़ा कदम है।
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राजस्थान में 5 वर्षों में भर्ती कर्मचारियों के दस्तावेज की होगी जांच
राजस्थान सरकार ने कार्मिक विभाग को बीते पांच साल यानी कांग्रेस सरकार के दौरान भर्ती हुए सभी कर्मचारियों के दस्तावेजों की जांच करने का आदेश दिया है। राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने एसआई 2021 पेपर लीक मामले में राजस्थान पुलिस अकादमी (आरपीए) में कई ट्रेनी सब इंस्पेक्टर (एसआई) को हिरासत में लिया है। जांच एजेंसी को पहले गिरफ्तार किए गए ट्रेनी सब इंस्पेक्टर्स ने पूछताछ के दौरान कई खुलासे किए थे। उन्होंने बताया था कि आरपीए में ट्रेनिंग ले रहे कई एसआई ने अपनी जगह पर डमी कैंडिडेट्स (अभ्यर्थियों) को परीक्षा में बैठाया था।
फर्जी शैक्षणिक दस्तावेज से हालिस की सरकारी नौकरी
भजनलाल सरकार ने अब कार्मिक विभाग को आदेश जारी कर कहा है कि पिछले पांच सालें विभिन्न विभागों में की गई भर्तियों में अभ्यर्थियों ने कथित रूप से फर्जी शैक्षणिक योग्यता दस्तावेज पेश किए। उन्होंने डमी अभ्यर्थियों को परीक्षा में बैठाकर सरकारी नौकरियां हासिल की। जारी आदेश में बताया कि हर सरकारी विभाग को भर्तियों की जांच के लिए एक आंतरिक समिति गठित करनी चाहिए। कार्मिक विभागों को आदेश दिया गया है कि वे बीते पांच वर्षों में संदिग्ध भर्तियों के बारे में एसओजी को सूचित करें।
आवेदन पत्र, फोटो, हस्ताक्षर की होगी गहनता से जांच
आदेश में बताया गया है कि हर विभाग यह जांच करे कि परीक्षा देने वाले व्यक्ति और पद पर कार्यरत लोक सेवक एक ही हैं या नहीं। साथ ही कर्मचारियों की डिग्री व अन्य दस्तावेज, आवेदन के समय पेश किए गए आवेदन पत्र, फोटो, हस्ताक्षर आदि की भी गहनता से जांच होनी चाहिए। जांच के बाद जिन कर्मचारियों की भर्ती संदिग्ध लगती है, उनकी जानकारी एसओजी को भेजी जाए।
राजस्थान सरकार ने क्यों उठाया ये कदम
राजस्थान सरकार के इस फैसले के तहत सभी कर्मचारियों के दस्तावेज़ों की जांच की जाएगी और उनकी प्रामाणिकता को सत्यापित किया जाएगा। यह कदम राज्य के कर्मचारियों की विश्वसनीयता और प्रशासनिक पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है। इस प्रकार की पहल से राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि सभी नियुक्तियां नियमों और विनियमों के अनुसार की गई हैं और इससे कर्मचारियों और अधिकारियों में पारदर्शिता और जिम्मेदारी बढ़ेगी।
आदिवासी इलाकों में रिक्त पद प्राथमिकता से भरे जाए : राज्यपाल
राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि राज्य के आदिवासी इलाकों में चिकित्सकों, पैरामेडिकल तथा शैक्षणिक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के रिक्त पदों को प्राथमिकता से भरे जाना चाहिए। राज्यपाल ने राजभवन में जनजाति कल्याण के लिए संचालित योजनाओं एवं विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा बैठक में संबोधित करते हुए यह सब किया है। कलराज मिश्र ने कहा कि राज्य के जनजाति क्षेत्रों में सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षिक विकास के तीव्र विकास के प्रयास करना होगा। इसके लिए आदिवासी क्षेत्रों में रिक्त पदों को भरने के लिए भी सभी स्तरों पर गंभीर प्रयास किए जाने की जरूरत है।