Naxal encounter : छत्तीसगढ़ की सेनाएं लगातार नक्सलियों का सफाया कर रही हैं। प्रदेश के कांकेर में मंगलवार शाम को बड़ी नक्सली मुठभेड़ हुई है। सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में 29 नक्सली मारे गए हैं। इस मुठभेड़ में दो जवान भी घायल हो गए हैं यहां जवानों द्वारा सर्च ऑपरेशन जारी है। उनकी सुरक्षा के मद्देनजर अतिरिक्त बल भी मौके पर पहुंच गए हैं। बताया जा रहा है कि यहां एके-47 समेत बड़ी संख्या में स्वचालित हथियार बरामद हुए हैं। एसपी कल्याण एलिसेला ने मुठभेड़ की पुष्टि की है। बस्तर आईजी ने 29 नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि की है। मारे गए नक्सलियों में शीर्ष नक्सली कमांडर शंकर राव भी शामिल है। उसके सिर पर 25 लाख रुपये का इनाम था।
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एके-47 जैसे हथियार बरामद
कांकेर जिले के छोटेबेठिया थाना क्षेत्र के जंगल क्षेत्र में पुलिस और नक्सलियों के बीच चल रही मुठभेड़ में अब तक 29 नक्सलियों को मार गिराया गया हैं। जिन नक्सलियों के शवों को बरामद किया गया है, उसमें कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के भी कैडर के लोग शामिल हैं। बताया जा रहा है कि एनकाउंटर वाली जगह से सुरक्षाबलों ने 7 एके सीरीज राइफल और 3 लाइट मशीन गन जब्त हुई है।
देश की इतिहास की सबसे बड़ी घटना: रमन सिंह
कांकेर में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ पर छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने कहा कि यह छत्तीसगढ़ और देश के इतिहास की सबसे बड़ी घटना है। मैंने गृह मंत्री अमित शाह को बधाई दी है जिनकी निर्णायक नीतियों ने इसे बनाए रखा है। सुरक्षा बलों का मनोबल ऊंचा है। मैं विजय शर्मा और उनकी टीम, पुलिस कर्मियों और डीआरजी कर्मियों को बधाई देता हूं और मैंने ऑपरेशन में शामिल सभी लोगों को अपनी शुभकामनाएं देने के लिए एसपी से भी बात की है। यह एक ऐतिहासिक सफलता है और हम आगे बढ़े हैं। राज्य में नक्सलवाद से मुक्ति की दिशा में।
नक्सलवाद पर राजनीति शुरू
इस बीच नक्सलवाद पर राजनीति भी शुरू हो गई है। छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने नक्सलवाद को लेकर कांग्रेस के पूर्व गृह मंत्री और महासमुंद लोकसभा प्रत्याशी ताम्रध्वज साहू पर निशाना साधा है। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि पांच साल तक गृह मंत्री रहते हुए साहू ने नक्सलवाद के खिलाफ कुछ नहीं किया। नक्सलवाद के खिलाफ कोई बड़ा कदम नहीं उठाया गया। आज भाजपा सरकार नक्सलवाद को खत्म करने के लिए लगातार काम कर रही है।
पिछले महीने भी हुई थी मुठभेड़
गौरतलब है कि पिछले महीने 3 मार्च को कांकेर जिले के हिदूर इलाके में मुठभेड़ हुई थी। हिदूर के जंगल में हुई इस मुठभेड़ में एक जवान शहीद हो गया। जवान का नाम बस्तर फाइटर्स कांस्टेबल रमेश कुरेठी था। यहां से सुरक्षा बलों को एक माओवादी के शव के साथ एक एके-47 भी मिली। बताया जा रहा है कि यह मुठभेड़ तब हुई जब जवान हिदूर के जंगल में सर्चिंग के लिए निकले थे। अभी वे अंदरूनी इलाके में पहुंचे ही थे कि नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। यह मुठभेड़ करीब एक घंटे तक चली।
प्रदेश में लगातार हो रहे एनकाउंटर
बता दें कि छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच लगातार मुठभेड़ हो रही है। 10-11 मार्च को दंतेवाड़ा-बीजापुर के सीमावर्ती इलाके में पुलिस की नक्सलियों से मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में एक नक्सली मारा गया। 10 मार्च को पुलिस को सूचना मिली थी कि दंतेवाड़ा और बीजापुर के सीमावर्ती इलाके में नक्सली छिपे हुए हैं। यह नक्सली किरंदुल थाना क्षेत्र के पुरंगेल और बीजापुर के पीडिया के जंगलों में हैं। उनके पास बहुत सारे हथियार हैं। इस सूचना पर डीआरजी, बस्तर फाइटर्स दंतेवाड़ा, बीजापुर-सुकमा स्पेशल टास्क फोर्स और सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन ने मिलकर नक्सल विरोधी अभियान शुरू किया। इसी सर्चिंग के दौरान 11 मार्च को इस टीम का सामना नक्सलियों से हो गया। इस मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने एक नक्सली को मार गिराया।
यहां एक घंटे तक फायरिंग हुई
21 फरवरी को भी दंतेवाड़ा बीजापुर के सीमावर्ती इलाके में पुलिस और नक्सलियों के बीच बड़ी मुठभेड़ हुई थी। यहां करीब एक घंटे तक फायरिंग हुई। ये मुठभेड़ पीडिया और हितावर के जंगलों में हुई। ये फायरिंग भी तब हुई जब जवान गंगालूर थाना क्षेत्र में सर्चिंग कर रहे थे। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में नक्सली घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। दरअसल, नक्सलियों को हटाने के लिए सुरक्षा बल लगातार उनके इलाकों में कैंप लगा रहे हैं। इससे नक्सली घबरा गये हैं।