Nepal Protests: नेपाल में सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ शुरू हुए युवा आंदोलन ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। राजधानी काठमांडू समेत कई शहरों में हिंसा, पथराव, आगजनी और तोड़फोड़ का दौर जारी है। इस हिंसक प्रदर्शन ने प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली, राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल, गृहमंत्री रमेश लेखक, कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी, स्वास्थ्य मंत्री प्रदीप पौडेल, जल आपूर्ति मंत्री प्रदीप यादव और युवा व खेल मंत्री तेजुलाल चौधरी को इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर दिया। अब तक 22 लोगों की मौत और 400 से अधिक लोगों के घायल होने की खबर है।
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Nepal Protests: सोशल मीडिया बैन से भड़की चिंगारी
प्रदर्शन की शुरुआत सरकार द्वारा 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, यूट्यूब और एक्स, पर प्रतिबंध लगाने से हुई। सरकार ने इन प्लेटफॉर्म्स के पंजीकरण न करने को आधार बनाया, लेकिन युवाओं ने इसे भ्रष्टाचार और कुशासन के खिलाफ व्यापक आंदोलन में बदल दिया। सोमवार रात सरकार ने प्रतिबंध हटा लिया, लेकिन प्रदर्शनकारी ओली सरकार के इस्तीफे और भ्रष्टाचार पर जवाबदेही की मांग पर अड़े रहे। मंगलवार को प्रदर्शन और हिंसक हो गए, जिसमें संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट और सिंह दरबार जैसे महत्वपूर्ण सरकारी भवनों में आग लगा दी गई।
Nepal Protests: नेताओं के आवासों पर हमला, पूर्व पीएम की पत्नी की मौत
प्रदर्शनकारियों ने कई वरिष्ठ नेताओं के निजी आवासों को निशाना बनाया। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल, पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा, माओवादी नेता पुष्प कमल दहाल ‘प्रचंड’ और संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग के घरों पर पथराव और आगजनी की गई। सबसे दुखद घटना पूर्व प्रधानमंत्री झालानाथ खनाल की पत्नी रविलक्ष्मी चित्रकार की मौत थी, जिन्हें प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर कीर्तिपुर में उनके घर में जिंदा जला दिया। उन्हें कीर्तिपुर बर्न अस्पताल ले जाया गया, लेकिन बचाया न जा सका।
Nepal Protests: काठमांडू में कर्फ्यू, हवाई अड्डा बंद
हिंसा को नियंत्रित करने के लिए काठमांडू, ललितपुर और भक्तपुर में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लागू किया गया। काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को मंगलवार दोपहर से बंद कर दिया गया, जिसके कारण एयर इंडिया और इंडिगो जैसी एयरलाइंस ने अपनी उड़ानें रद्द कर दीं। नेपाली सेना ने हवाई अड्डे और संसद भवन की सुरक्षा अपने हाथ में ले ली है। कई मंत्रियों को सेना के हेलिकॉप्टरों से सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।
भारत की चिंता और सीमा पर सतर्कता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल के हालात पर चिंता जताते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, नेपाल में हिंसा हृदयविदारक है। नेपाल की स्थिरता और शांति हमारे लिए महत्वपूर्ण है। भारत ने अपने नागरिकों के लिए यात्रा परामर्श जारी किया, जिसमें काठमांडू में रहने वाले भारतीयों से घरों में रहने और सावधानी बरतने की सलाह दी गई। भारत-नेपाल सीमा, विशेष रूप से लखीमपुर खीरी और बलरामपुर में, सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने स्निफर डॉग्स के साथ सुरक्षा बढ़ा दी है।
सेना प्रमुख और मेयर की अपील
नेपाली सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिगडेल ने मंगलवार रात एक वीडियो संदेश में प्रदर्शनकारियों से शांति और बातचीत की अपील की। उन्होंने कहा, मैं आंदोलनकारी समूहों से अपने सभी कार्यक्रम स्थगित करने और शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत करने का आह्वान करता हूं। दूसरी ओर, काठमांडू के मेयर बालेन शाह ने कहा कि जब तक संसद भंग नहीं होती, कोई बातचीत नहीं होगी। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से सेना के साथ वार्ता के लिए तैयार रहने, लेकिन संसद भंग करने की शर्त रखी।
राजनीतिक संकट और भविष्य की अनिश्चितता
ओली और पौडेल के इस्तीफे ने नेपाल में नेतृत्व का संकट पैदा कर दिया है। राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (आरएसपी) के नेता रवि लामिछाने और मेयर बालेन शाह को संभावित प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है। विश्लेषकों का कहना है कि नेपाल श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे हालात की ओर बढ़ सकता है, जहां जन आंदोलनों ने सरकारों को उखाड़ फेंका।
नेपाल में ‘Gen Z’ आंदोलन ने भ्रष्टाचार और कुशासन के खिलाफ युवाओं की ताकत दिखाई है। हालांकि, हिंसा और अस्थिरता ने देश को संकट की ओर धकेल दिया है। सेना के हस्तक्षेप और बातचीत की कोशिशों के बीच, नेपाल के सामने अब नई सरकार और स्थिरता की चुनौती है।
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