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Tuesday, September 16, 2025
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रूस में भूकंप के फिर जबरदस्त झटके, 7.1 की तीव्रता: सुनामी चेतावनी जारी

Earthquake: रूस के कामचटका प्रायद्वीप के पूर्वी तट के पास शक्तिशाली भूकंप आया है। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेस के अनुसार, इसकी तीव्रता 7.1 दर्ज की गई।

Earthquake: रूस के कामचटका प्रायद्वीप के पूर्वी तट के पास शनिवार को 7.7 तीव्रता का भूकंप आया, जिसका केंद्र 10 किमी की गहराई पर था। यह झटका जुलाई में आए 8.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के लगभग छह सप्ताह बाद आया है। भूकंप के कारण 300 किमी के दायरे में समुद्र तटों पर सुनामी की चेतावनी जारी की गई है। अब तक किसी घायल या संपत्ति क्षति की कोई रिपोर्ट नहीं आई है, लेकिन क्षेत्र में सतर्कता बरती जा रही है। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) के अनुसार, यह भूकंप उत्तर प्रशांत महासागर में 111 किमी पूर्व, पेट्रोपावलोवस्क-कामचैट्स्की के पास आया।

Earthquake: भूकंप का विवरण और सुनामी खतरा

यूएसजीएस ने इसकी तीव्रता 7.4 बताई, जबकि जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (जीएफजेड) ने 7.1 का अनुमान लगाया। यह उथले केंद्र के कारण अधिक प्रभावशाली था। पैसिफिक सुनामी वार्निंग सेंटर ने तत्काल सुनामी खतरे की चेतावनी जारी की, जिसमें रूस के कामचटका, कुरिल द्वीपों और जापान के कुछ हिस्सों को शामिल किया गया। जापान में कोई चेतावनी नहीं जारी की गई, लेकिन एनएचके के अनुसार, जापान मेटियोरोलॉजिकल एजेंसी ने निगरानी बढ़ा दी। रूसी आपातकालीन मंत्रालय ने स्थानीय निवासियों को ऊंचे स्थानों पर जाने की सलाह दी। यह भूकंप जुलाई के बड़े झटके का आफ्टरशॉक माना जा रहा है।

Earthquake: जुलाई का 8.8 तीव्रता वाला भूकंप, ऐतिहासिक तबाही

यह नया भूकंप जुलाई 2025 के उस विनाशकारी भूकंप के बाद आया, जो 29 जुलाई को 8.8 तीव्रता का था। यूएसजीएस के अनुसार, यह आधुनिक इतिहास के छठे सबसे बड़े भूकंपों में से एक था, जो 2011 के तोहोकू भूकंप के बाद दुनिया का सबसे शक्तिशाली था। यह 119 किमी पूर्व-दक्षिण-पूर्व, पेट्रोपावलोवस्क-कामचैट्स्की के पास आया था। भूकंप के कारण प्रशांत महासागर में 4 मीटर ऊंची सुनामी लहरें उठीं, जिससे हवाई, जापान, अमेरिका के पश्चिमी तट, चिली और अन्य क्षेत्र प्रभावित हुए। जापान में 20 लाख लोगों को ऊंचे इलाकों में स्थानांतरित किया गया, हालांकि बाद में चेतावनियां हटा ली गईं। रूस में कलीउचेव्स्कॉय ज्वालामुखी का विस्फोट भी हुआ। यूएसजीएस ने आफ्टरशॉक पूर्वानुमान जारी किया, जिसमें पहले सप्ताह में 24% संभावना मैग्नीट्यूड 7 या अधिक के आफ्टरशॉक की बताई गई।

Earthquake: कामचटका भूकंपों का हॉटस्पॉट

कामचटका प्रायद्वीप एक अत्यधिक भूकंपीय सक्रिय क्षेत्र है, जो कुरिल-कामचटका ट्रेंच पर स्थित है, जहां प्रशांत प्लेट ओखोटस्क प्लेट के नीचे धंस रही है। यह क्षेत्र सालाना सैकड़ों भूकंपों का सामना करता है। 1952 में यहां 9.0 तीव्रता का भूकंप आया था, जो अब तक का सबसे शक्तिशाली माना जाता है। उस भूकंप ने कामचटका और कुरिल द्वीपों पर भारी तबाही मचाई, जिसमें सैवरो-कुरिल्स्क शहर नष्ट हो गया। सुनामी ने हवाई तक पहुंचकर 6 गायों की मौत और 8-10 लाख डॉलर (1952 की कीमतों में) का नुकसान किया। 1841 में भी 9.0 तीव्रता का भूकंप आया था। हाल के वर्षों में 1923, 2023 और 2025 के भूकंपों ने इस क्षेत्र की असुरक्षा को उजागर किया है।

भूकंप तीव्रता की श्रेणियां

भूकंपों की तीव्रता रिक्टर स्केल या मोमेंट मैग्नीट्यूड स्केल पर मापी जाती है। 3-4.9 तीव्रता वाले छोटे भूकंप होते हैं, जो सामान्यतः महसूस होते हैं लेकिन नुकसान नहीं पहुंचाते। 5-6.9 मध्यम से तीव्र श्रेणी में आते हैं, जो इमारतों को हिला सकते हैं। 7-7.9 को मेजर कहा जाता है, जो व्यापक क्षति का कारण बनते हैं। 8 या इससे अधिक तीव्रता वाले अत्यंत शक्तिशाली होते हैं, जैसे जुलाई का 8.8। यह स्केल लॉगरिदमिक है, अर्थात 1 यूनिट बढ़ने पर ऊर्जा 31 गुना बढ़ जाती है।

भूकंप कैसे आते हैं: टेक्टोनिक प्लेट्स का खेल

पृथ्वी की सतह 12 प्रमुख टेक्टोनिक प्लेटों पर तैर रही है, जो सालाना 4-5 सेमी की गति से खिसकती हैं। जब ये प्लेटें टकराती या एक-दूसरे के नीचे धंसती हैं, तो ऊर्जा जमा हो जाती है, जो भूकंप के रूप में निकलती है। कामचटका में प्रशांत प्लेट की गति 75 मिमी प्रति वर्ष है, जो बड़े भूकंपों को जन्म देती है। पृथ्वी के सात मुख्य महाद्वीपीय भूखंड हैं: भारतीय-आस्ट्रेलियाई, उत्तर अमेरिकी, प्रशांत महासागरीय, दक्षिण अमेरिकी, अफ्रीकी, अंटार्कटिक और यूरेशियाई। ये प्लेटें सबडक्शन जोन पर टकराती हैं, जिससे सुनामी भी उत्पन्न होती हैं।

1952 के भूकंप की यादें: ऐतिहासिक तबाही

1952 का 9.0 तीव्रता वाला भूकंप कामचटका के इतिहास का सबसे विनाशकारी था। 4 नवंबर को आए इस झटके ने कुरिल द्वीपों और कामचटका पर सुनामी पैदा की, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए। सैवरो-कुरिल्स्क शहर पूरी तरह नष्ट हो गया। सुनामी ने प्रशांत महासागर पार कर हवाई पहुंचा, जहां बाढ़ और क्षति हुई। यह घटना आधुनिक भूकंपीय निगरानी की शुरुआत का प्रतीक बनी। आज के भूकंप इसकी याद दिलाते हैं कि क्षेत्र में खतरा हमेशा बना रहता है।

भविष्य की चुनौतियां और सतर्कता

ये लगातार भूकंप कामचटका की भूगर्भीय अस्थिरता को दर्शाते हैं। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अगले वर्षों में 8.4-8.8 तीव्रता के भूकंप की संभावना है। रूस, जापान और अन्य देशों ने सुनामी चेतावनी प्रणालियां मजबूत की हैं। अब सभी की नजरें आफ्टरशॉक पर हैं। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि तटीय क्षेत्रों में आपातकालीन तैयारी बढ़ाएं। यह घटना वैश्विक स्तर पर भूकंप जागरूकता को मजबूत करने का अवसर है।

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