UCC: उत्तराखंड कैबिनेट ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सोमवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की, जिसमें समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के लिए नियमावली को मंजूरी दी गई। यह कदम मुख्यमंत्री धामी के द्वारा किए गए चुनावी वादे को पूरा करने की दिशा में उठाया गया है, जिसे उन्होंने 2022 के विधानसभा चुनाव में जनता से किया था। उत्तराखंड का यह कदम देश के अन्य राज्यों के लिए एक मिसाल साबित हो सकता है, क्योंकि यह देश का पहला राज्य होगा जहां समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू की जाएगी। यूसीसी के लागू होने से उत्तराखंड में नागरिकों के लिए समान कानून लागू होगा। यूसीसी कानून में सभी धर्म, जाति और वर्ग के लोगों के लिए समान अधिकार सुनिश्चित किया गया है।
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CM धामी बोले- वादा पूरा किया
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हमने जो वादा किया था, उसे पूरा किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2022 विधानसभा चुनावों के दौरान उन्होंने जनता से यह वादा किया था कि अगर उनकी सरकार बनती है, तो राज्य में पहला कदम समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने का होगा। अब यह वादा पूरा किया जा रहा है, और यह एक ऐतिहासिक कदम है।
विधेयक की प्रक्रिया
6 फरवरी 2023 को उत्तराखंड में यूसीसी बिल पहली बार विशेष विधानसभा सत्र में पेश किया गया था। 7 फरवरी 2023 को इसे विधानसभा में भारी बहुमत से पास कर दिया गया था। इसके बाद, 13 मार्च 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस विधेयक पर हस्ताक्षर किए और इसे कानून का दर्जा दे दिया।
सामाजिक प्रभाव
यूसीसी के लागू होने के बाद, उत्तराखंड के नागरिकों के लिए समान कानूनी अधिकार सुनिश्चित किए जाएंगे, जो समाज में समानता और न्याय को बढ़ावा देंगे। इससे धार्मिक और जातीय समानता को प्रोत्साहन मिलेगा, और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी नागरिकों को उनके कानूनी अधिकारों के मामले में समान बर्ताव मिले।
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का महत्व
समान नागरिक अधिकार
यूसीसी का उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए समान कानून व्यवस्था सुनिश्चित करना है, जिससे समाज में समानता और न्याय स्थापित हो सके।
धार्मिक समानता
यूसीसी के तहत सभी धर्मों और समुदायों के बीच समान नागरिक अधिकार सुनिश्चित किए जाते हैं। यह किसी विशेष समुदाय के धार्मिक नियमों और कानूनों से ऊपर नागरिक अधिकारों की सुरक्षा का प्रयास करता है।
सामाजिक न्याय
यह सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए लागू किया जाएगा, ताकि किसी भी व्यक्ति के साथ भेदभाव न हो और समाज में समानता को बढ़ावा दिया जा सके।
उत्तराखंड सरकार का निर्णय
उत्तराखंड में यूसीसी के लागू होने के बाद राज्य के सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलेंगे, जिससे विभिन्न समुदायों के बीच कानून के हिसाब से भेदभाव कम होगा। यह एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है, जो राज्य में सामूहिक और धार्मिक विविधता के बावजूद एकजुटता को बढ़ावा देगा।
उत्तराखंड सरकार द्वारा यूसीसी (समान नागरिक संहिता) को लागू करने की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण कदम तब उठाया गया था जब पूर्व मुख्य सचिव सिंह की अध्यक्षता में एक 9 सदस्यीय समिति ने यूसीसी के कार्यान्वयन के लिए नियमों को निर्धारित करने के लिए अपनी अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। इस रिपोर्ट के बाद, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह घोषणा की थी कि यूसीसी को जनवरी 2025 में लागू किया जाएगा। यह कदम राज्य के नागरिकों के लिए समान कानून लागू करने की दिशा में एक अहम विकास है, जिसमें सभी धर्म, जाति और वर्ग के नागरिकों को समान कानूनी अधिकार मिलेंगे।
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