Modi Cabinet: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे परियोजना को मंजूरी दे दी गई। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस महत्वपूर्ण निर्णय की जानकारी दी। इस परियोजना के तहत उत्तराखंड में सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किलोमीटर लंबी रोपवे और गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक 12.4 किलोमीटर लंबी रोपवे बनाई जाएगी। इन दोनों परियोजनाओं की कुल लागत लगभग 6811 करोड़ रुपये आंकी गई है और इन्हें पूरा होने में छह साल का समय लगेगा।
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Modi Cabinet: रोपवे परियोजना की मुख्य विशेषताएं
इन रोपवे परियोजनाओं को पर्वतमाला योजना के तहत विकसित किया जाएगा। हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना का बजट 2730 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है, जबकि केदारनाथ रोपवे परियोजना की अनुमानित लागत 4081 करोड़ रुपये होगी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, केदारनाथ रोपवे प्रोजेक्ट के पूरा होने से तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा बेहद आसान और सुविधाजनक हो जाएगी।
Modi Cabinet: केदारनाथ रोपवे प्रोजेक्ट के लाभ
समय की बचत: वर्तमान में सोनप्रयाग से केदारनाथ की 18 किलोमीटर की यात्रा में लगभग 8 से 9 घंटे का समय लगता है। लेकिन इस रोपवे के बनने के बाद यह यात्रा केवल 36 मिनट में पूरी हो जाएगी।
आधुनिक तकनीक: इस प्रोजेक्ट में थ्री एच टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा, जिसमें तीन केबल एक साथ होंगे, जो पूरे गोंडोला को सपोर्ट करेंगे। यह गोंडोला मिनी बस के आकार का होगा, जिसमें 36 यात्री एक साथ बैठ सकते हैं।
सुरक्षित और आरामदायक यात्रा: रोपवे परियोजना पर्यावरण के अनुकूल होगी और तीर्थयात्रियों को एक आरामदायक यात्रा प्रदान करेगी।
चारधाम यात्रा को बढ़ावा: यह रोपवे परियोजना उत्तराखंड की धार्मिक पर्यटन को और अधिक लोकप्रिय बनाएगी, जिससे स्थानीय व्यवसायों को भी लाभ मिलेगा।
स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा: इस परियोजना से उत्तराखंड के स्थानीय व्यवसायियों और होटल संचालकों को आर्थिक लाभ होगा।
बुजुर्गों और दिव्यांगजनों के लिए राहत: बुजुर्ग और दिव्यांगजन, जो कठिन चढ़ाई के कारण यात्रा नहीं कर पाते थे, वे अब आसानी से केदारनाथ धाम के दर्शन कर सकेंगे।
Modi Cabinet: हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना के लाभ
हेमकुंड साहिब को गोविंदघाट से जोड़ने वाली यह 12.4 किलोमीटर लंबी रोपवे परियोजना तीर्थयात्रियों के लिए बेहद सुविधाजनक होगी। वर्तमान में इस यात्रा में 4 से 5 घंटे लगते हैं, लेकिन रोपवे बनने के बाद तीर्थयात्री केवल 42 मिनट में हेमकुंड साहिब पहुंच सकेंगे।
यात्रा समय में कमी: हेमकुंड साहिब की कठिन यात्रा अब बेहद आसान हो जाएगी और यात्रियों को लंबी पैदल यात्रा से निजात मिलेगी।
दर्शन के समय में बढ़ोतरी: रोपवे बनने से हेमकुंड साहिब में दर्शन का समय बढ़ जाएगा। अब तीर्थयात्री सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक दर्शन कर सकेंगे।
पर्यटन को बढ़ावा: उत्तराखंड का यह क्षेत्र पर्यटन पर अत्यधिक निर्भर है। रोपवे बनने से अधिक तीर्थयात्री यहां आएंगे, जिससे स्थानीय व्यवसायियों को लाभ मिलेगा।
आर्थिक विकास: रोपवे परियोजना से उत्तराखंड के स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
दिव्यांगजनों और बुजुर्गों के लिए सहूलियत: यह रोपवे बुजुर्ग और दिव्यांगजनों के लिए अत्यंत लाभदायक होगा, क्योंकि अब वे आसानी से हेमकुंड साहिब के दर्शन कर सकेंगे।
स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं के लिए ऐतिहासिक फैसला
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान लाखों श्रद्धालु हर साल केदारनाथ और हेमकुंड साहिब की यात्रा करते हैं। इन रोपवे परियोजनाओं के निर्माण से यात्रियों को सुगम यात्रा का अनुभव मिलेगा और राज्य में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का यह निर्णय उत्तराखंड के धार्मिक और पर्यटन स्थलों को विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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