Yogi Govt: संभावित बाढ़ की आशंका को देखते हुए योगी सरकार ने पूरे प्रदेश में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। 24 अति संवेदनशील और 16 संवेदनशील क्षेत्रों में 612 बाढ़ चौकियां स्थापित की हैं, जहां एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी के जवान तैनात किए गए हैं। इन चौकियों का उद्देश्य बाढ़ की स्थिति को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करना और हताहतों और संपत्ति के नुकसान को कम करना है। इसके अलावा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में निवासियों की सहायता के लिए 40 में से 39 जिलों में खाद्यान्न की निविदा प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई है।
बाढ़ राहत प्रयासों के लिए 10 करोड़ रुपए आवंटित
योगी सरकार ने बाढ़ प्रभावित जिलों के लिए 10 करोड़ रुपये की धनराशि भी आवंटित की है। आवंटित धनराशि से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दो प्रकार के खाद्य पैकेट वितरित किए जाएंगे, जिनमें भोजन, मोमबत्ती, तिरपाल, नहाने का साबुन आदि जैसी दैनिक जरूरत की चीजें होंगी। हाल ही में सीएम योगी ने बाढ़ पूर्व उपायों पर एक उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए। इन निर्देशों का पालन करते हुए अधिकारियों ने चार से पांच दिनों के बेहद कम समय में मिशन मोड में तैयारियों को अंजाम दिया।
612 चौकियां, NDRF की 7, SDRF की 18 और PAC की 17 टीम तैनात
प्रदेश के अतिसंवेदनशील और संवेदनशील क्षेत्रों में 612 बाढ़ चौकियों की स्थापना की गई है। इन क्षेत्रों में अतिरिक्त बाढ़ चौकियों की स्थापना की जा रही है। बाढ़ चौकियों में एनडीआरएफ की 7, एसडीआरएफ की 18 और पीएसी की 17 टीम तैनात हो चुकी है। इसके साथ ही आपदा मित्रों को भी तैनात किया गया है। इसके अलावा सभी बाढ़ प्रभावित जनपदों में नावों का चिन्हीकरण और नाविक तैनात कर दिए गए हैं।
नाव और गोताखोर
राज्य में 612 चौकियां स्थापित की गई हैं। ये चौकियां बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में निगरानी और सहायता के लिए काम करेंगी। बाढ़ के दौरान बचाव कार्यों के लिए नाव और गोताखोरों को तैयार किया जाएगा। इससे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
बचाव और राहत कार्य
राज्य सरकार ने बचाव और राहत कार्यों के लिए विभिन्न विभागों और एजेंसियों को सक्रिय कर दिया है। इसमें पुलिस, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल), एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) और अन्य संबंधित एजेंसियां शामिल हैं।
संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान
बाढ़ संभावित क्षेत्रों की पहचान की जा रही है और वहां विशेष निगरानी रखी जा रही है। संवेदनशील इलाकों में पहले से ही जरूरी सामान और उपकरण भेजे जा रहे हैं।
जन जागरूकता
लोगों को बाढ़ से पहले और बाढ़ के दौरान क्या करना चाहिए, इसके बारे में जागरूक किया जा रहा है। सरकारी एजेंसियों द्वारा समय-समय पर दिशानिर्देश जारी किए जा रहे हैं।
स्वास्थ्य सेवाएं
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाओं को मजबूत किया जा रहा है। डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मियों को तैनात किया जा रहा है ताकि आपात स्थिति में तुरंत मदद मिल सके। जनता को भी इस दौरान सतर्क और तैयार रहने की सलाह दी गई है ताकि बाढ़ से होने वाले नुकसान को न्यूनतम किया जा सके।
बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री
उत्तर प्रदेश सरकार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री के वितरण की योजना बनाई है। इस योजना के तहत प्रत्येक परिवार और व्यक्ति को दो अलग-अलग खाद्यान्न पैकेट वितरित किए जाएंगे। यह राहत सामग्री बाढ़ प्रभावित लोगों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वितरित की जाएगी। पहले पैकेट में तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए खाद्य और अन्य आपूर्ति शामिल हैं, जबकि दूसरे पैकेट में भोजन बनाने के लिए आवश्यक वस्तुएं हैं।
पैकेट विवरण:
पहला पैकेट (प्रति परिवार):
– ढाई-ढाई किलोग्राम के दो लाई के पैकेट (कुल 5 किग्रा)
– 2 किग्रा भुना चना
– 1 किग्रा गुड़ (प्लास्टिक के पैकेट में)
– बिस्किट के 10 पैकेट
– माचिस और मोमबत्ती का एक पैकेट
– 2 पीस नहाने का साबुन
– एक 20 लीटर का जरीकेन
– एक तिरपाल
दूसरा पैकेट (प्रति व्यक्ति):
– 10 किग्रा आटा
– 10 किग्रा चावल
– 2 किग्रा अरहर दाल
– 10 किग्रा आलू
– 200 ग्राम हल्दी
– 100 ग्राम मिर्च
– 200 ग्राम सब्जी मसाला
– 1 लीटर सरसों का तेल
– 1 किग्रा नमक का पैकेट