UP Crime: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में सौरभ हत्याकांड जैसा एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने पुलिस और ग्रामीणों को चौंका दिया। यह घटना कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र के अकबरपुर सादात गांव की है, जहां एक महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति की गला घोंटकर हत्या कर दी और साजिश रचते हुए उसकी मौत को सांप के काटने जैसा दिखाने की कोशिश की। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
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UP Crime: शव के पास मिला सांप
पुलिस के अनुसार, मृतक की पहचान अमित कश्यप के रूप में हुई है, जिसका शव रविवार को उसके घर के बिस्तर पर मिला था। शव के पास ही एक सांप भी पड़ा हुआ था, जिससे पहली नजर में यह मामला सर्पदंश का लगा। यहां तक कि सपेरे और वन विभाग ने भी शुरू में यही माना।
UP Crime: दम घुटने से हुई मौत
हालांकि, अमित के परिजनों को शक था कि यह प्राकृतिक मौत नहीं है। उनके आग्रह पर पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया, जिसमें सामने आया कि अमित की मौत दम घुटने से हुई है, न कि सांप के काटने से। जांच में पता चला कि अमित की पत्नी रविता के अमरदीप नामक युवक से अवैध संबंध थे। अमित को इस रिश्ते की भनक लग गई थी और उसने दोनों के मिलने पर पाबंदी लगा दी थी। इससे नाराज होकर दोनों ने मिलकर अमित की हत्या की योजना बनाई।
1000 रुपये में खरीदा था सांप
हत्या के बाद साजिश को अंजाम देने के लिए अमरदीप ने एक सपेरे से 1000 रुपये में सांप खरीदा और उसे अमित के शव पर छोड़ दिया, जिससे उसके शरीर पर सांप के काटने के निशान बन जाएं। उन्होंने यूट्यूब और गूगल पर हत्या को छिपाने के कई तरीके भी खोजे थे। फिलहाल पुलिस ने रविता और अमरदीप को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की जांच जारी है।
प्रताडि़त सास भी बहू के खिलाफ दर्ज करा सकती है घरेलू हिंसा का मुकदमा
प्रयागराज। घरेलू हिंसा के मामलों में जहां अक्सर सास पर बहू को प्रताड़ित करने के आरोप लगते हैं, वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक ऐसा मामला सामने आया, जिसमें सास ने बहू पर मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना का आरोप लगाया। इस मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने साफ कहा कि यदि सास को बहू से प्रताड़ना मिलती है, तो वह घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 के तहत बहू के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकती है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट का अहम फैसला
यह फैसला न्यायमूर्ति आलोक माथुर की एकलपीठ ने सुनाया। कोर्ट ने कहा कि घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 12 के तहत राहत की याचिका कोई भी ऐसी महिला दाखिल कर सकती है, जो साझा परिवार में रह रही हो और प्रताड़ित हो रही हो। यदि सास को बहू या परिवार के अन्य सदस्य प्रताड़ित कर रहे हैं, तो वह भी इस अधिनियम के तहत “पीड़ित महिला” मानी जाएगी।
ससुराल वालों को झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकी
इस मामले में सास ने अपनी बहू पर आरोप लगाया कि वह उसके बेटे पर मायके में रहने का दबाव बना रही है और ससुराल वालों को झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकी देती है। सास ने यह भी कहा कि बहू ने परिवार के सदस्यों के साथ दुर्व्यवहार किया और उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया।
सास को कानूनी संरक्षण का अधिकार
वहीं, बहू के वकील ने कोर्ट में तर्क दिया कि यह शिकायत बहू की ओर से पहले दर्ज कराए गए दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा के मामले का बदला लेने के लिए की गई है। हाईकोर्ट ने लखनऊ की निचली अदालत द्वारा बहू और उसके परिवार के खिलाफ जारी समन को सही ठहराते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया बहू के खिलाफ मामला बनता है और सास को कानूनी संरक्षण का अधिकार है।
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