Tire Factory Fire: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के शेखपुरा कदीम औद्योगिक क्षेत्र में रविवार देर शाम एक टायर ऑयल फैक्ट्री में भीषण धमाका और आग लगने से हड़कंप मच गया। घटना इतनी भयावह थी कि आसपास के इलाकों में लोग घरों से बाहर निकल आए। फैक्ट्री में काम कर रहे मजदूरों की चीखें और धमाके की गूंज ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। इस हादसे में दो मजदूरों की जलकर दर्दनाक मौत हो गई, जबकि पांच अन्य को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। शुरुआती जांच में बॉयलर फटने की वजह सामने आई है, जो महज सात दिन पहले ही उद्घाटित हुई इस फैक्ट्री के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा कर रही है।
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Tire Factory Fire: वेल्डिंग के दौरान बॉयलर में विस्फोट
घटना रविवार शाम करीब 6 बजे की बताई जा रही है, जब फैक्ट्री में रोजाना की तरह काम चल रहा था। सूत्रों के अनुसार, बॉयलर की मरम्मत के लिए वेल्डिंग का काम चल रहा था। इसी दौरान अचानक बॉयलर में तेज धमाका हो गया, जिससे चारों ओर आग की लपटें फैल गईं। धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि दो किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। फैक्ट्री में जमा टायरों और तेल के कारण आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। मजदूरों ने किसी तरह भागने की कोशिश की, लेकिन दो युवक आग की चपेट में आ गए। आंखों देखी के मुताबिक, धमाके के बाद काला धुआं आसमान छूने लगा, और इलाके में अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय निवासियों ने तुरंत पुलिस और दमकल को सूचना दी।
Tire Factory Fire: तत्काल बचाव कार्य
सूचना मिलते ही सहारनपुर एसएसपी व्योम बिंदल के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुंची। साथ ही, दमकल विभाग की छह गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचीं और आग बुझाने का अभियान शुरू किया। करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया। बचाव कार्य में एनडीआरएफ की टीम भी शामिल हुई। एसपी सिटी व्योम बिंदल ने बताया, शेखपुरा कदीम क्षेत्र में टायर ऑयल फैक्ट्री में आग लगने की सूचना मिली। पुलिस और दमकल विभाग ने तुरंत कार्रवाई की। आग पर काबू पा लिया गया। फैक्ट्री में सात मजदूर मौजूद थे, जिनमें से पांच को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया। दो मजदूरों की जलने से मौत हो गई। इसकी गहन जांच की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि मृतकों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गए हैं, और घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
Tire Factory Fire: 19 अक्टूबर को ही हुआ था उद्घाटन
यह फैक्ट्री टायरों से तेल निकालने वाली थी, जिसका उद्घाटन महज सात दिन पहले 19 अक्टूबर को हुआ था। स्थानीय उद्योगपति द्वारा संचालित यह यूनिट रोजगार के अवसर पैदा करने की उम्मीद में स्थापित की गई थी। लेकिन अब यह हादसा न केवल परिवारों को शोक में डुबो रहा है, बल्कि औद्योगिक सुरक्षा मानकों पर सवाल उठा रहा है। जिलाधिकारी अखिल कुमार ने कहा, फैक्ट्री के लाइसेंस और सुरक्षा उपायों की जांच की जा रही है। दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई होगी। शुरुआती जांच में सामने आया है कि बॉयलर में अत्यधिक दबाव या तकनीकी खराबी के कारण धमाका हुआ। वेल्डिंग के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन न होने की भी आशंका है।
Tire Factory Fire: मृतकों के परिजनों ने की न्याय की गुहार
मृतकों में एक 28 वर्षीय राजू (बदला हुआ नाम) और 35 वर्षीय संतोष शामिल हैं, जो स्थानीय गरीब परिवारों से थे। राजू के पिता ने रोते हुए कहा, बेटा सुबह ही फैक्ट्री गया था। अब उसके दो बच्चों का क्या होगा? संतोष की पत्नी ने आरोप लगाया कि फैक्ट्री में सुरक्षा के न्यूनतम इंतजाम थे। प्रशासन ने मृतकों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। घायल मजदूरों को प्राथमिक उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है, लेकिन वे सदमे में हैं।
Tire Factory Fire: औद्योगिक सुरक्षा पर सवाल
यह हादसा उत्तर प्रदेश में बढ़ते औद्योगिक हादसों की कड़ी का हिस्सा है। विशेषज्ञों का मानना है कि नई फैक्टरियों में बॉयलर और वेल्डिंग जैसे जोखिम भरे कार्यों के लिए सख्त निरीक्षण जरूरी है। पर्यावरणविदों ने टायर ऑयल प्रक्रिया से निकलने वाले विषैले धुएं पर भी चिंता जताई है। राज्य सरकार ने आदेश दिया है कि सभी औद्योगिक इकाइयों का सुरक्षा ऑडिट कराया जाए। विपक्षी दलों ने सदन में इस मुद्दे को उठाने का ऐलान किया है।
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