Lucknow Mass Murder: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नए साल के मौके पर होटल में खूनी खेल खेला गया। बुधवार को एक युवक ने होटल में अपनी मां और चार बहनों की हत्या कर दी। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी युवक को गिरफ्तार किया। पुलिस आरोपी युवक से पूछताछ कर रही है। युवक का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील करते हुए नजर आ रहे है।
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एक कमरें में मिले पांच लोगों के शव
घटना के बारे में बताते हुए लखनऊ डीसीपी सेंट्रल रवीना त्यागी ने कहा कि एक जनवरी को नाका थाना क्षेत्र से सूचना मिली कि होटल शरणजीत के एक कमरे में पांच लोगों के शव मिले हैं। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। अरशद नामक आरोपी को हिरासत में ले लिया है। आरोपी आगरा का रहने वाला है। प्रारंभिक पूछताछ में मुताबिक, परिवारिक कलह के चलते अपनी मां और चार बहनों को मौत के घाट उतार दिया। शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा दिया गया है।
लखनऊ के होटल में खूनी खेल
पहले महीने की पहली तारीख को लखनऊ के एक होटल में आगरा निवासी युवक ने मां और चार बहनों की हत्या कर दी। दिल दहलाने वाली घटना सामने आने के बाद हर कोई सकते में हैं। एक साथ पांच हत्याओं की खबर से पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि यह परिवार आगरा जिले के कुबेरपुर का रहने वाला है।
कत्ल कर अरशद ने बनाया वीडियो
मां और बहनों को मौत की नींद सुलाने वाले आरोपी युवक का एक वीडियो वायरल हो रहा है। वह खुद का नाम अरशद बता रहा है। आज बस्ती वालों की वजह से मजबूरी में उसने यह कदम उठाया। अपने हाथों से मां और बहन को मारा है। इस घटना के लिए जिम्मेदार बस्ती के लोग है। हमारा घर इन लोगों ने छीनने के लिए न जाने कितने-कितने जुल्म किए। इनके खिलाफ हमने आवाज उठाई लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। बीते 10 से 15 दिन हो गए, सर्दी में भटकते रहे है। योगी जी से ये निवेदन है कि इन जैसे मुसलमानों को नहीं छोड़ें, पूरी बस्ती मौत की जिम्मेदार है।
वीडियो में लड़कियों की तस्करी, झूठे आरोप, साजिश का दावा
अरशद का यह बयान एक बेहद गंभीर और चिंताजनक स्थिति को उजागर करता है, जहां व्यक्तिगत संघर्ष, सामाजिक तिरस्कार, और मानव तस्करी जैसे अपराध जुड़े हुए हैं। वीडियो में अरशद ने कई आरोप लगाए हैं, जिनमें लड़कियों की तस्करी, झूठे आरोप, और उनके परिवार के खिलाफ साजिश का दावा शामिल है। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने मदद के लिए कई लोगों से गुहार लगाई, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई।
आरोपियों के नाम
अरशद ने रानू उर्फ आफताब अहमद, अलीम खान, सलीम खान, ड्राइवर अहमद, अजहर और अन्य रिश्तेदारों को अपनी बहनों को बेचने की साजिश में शामिल होने का दोषी ठहराया है।
परिवार पर झूठे आरोप
अरशद का कहना है कि उनके परिवार को बांग्लादेशी कहकर अपमानित किया जाता है, जबकि उनके पास स्वतंत्रता के समय (1947) के प्रामाणिक दस्तावेज हैं।
धर्म परिवर्तन का दबाव
बस्ती में तिरस्कार और असहिष्णुता के चलते अरशद और उनका परिवार धर्म परिवर्तन की बात कर रहा था। वे एक मंदिर बनाना चाहते थे और इसके लिए सहायता मांगी थी, लेकिन कोई उनकी मदद के लिए आगे नहीं आया।
समाज और प्रशासन की निष्क्रियता
अरशद ने बताया कि उन्होंने मदद के लिए कई जगह संपर्क किया, लेकिन कहीं से कोई राहत नहीं मिली। आरोप है कि पीड़ित परिवार की शिकायतों को अनसुना किया गया। यह प्रशासनिक लापरवाही की ओर इशारा करता है, जिसकी जांच जरूरी है।
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