Bareilly Violence Case: उत्तर प्रदेश के बरेली में 26 सितंबर को हुई हिंसा के मामले में पुलिस की कार्रवाई तेज हो गई है। अब तक 83 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि 126 नामजद आरोपियों पर मुकदमे दर्ज हैं। मौलाना तौकीर रजा के करीबी डॉक्टर नफीस खान और नदीम खान पर एक नई एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें फर्जी पत्र तैयार करने का आरोप लगाया गया है। यह कार्रवाई हिंसा के मास्टरमाइंड माने जा रहे तौकीर रजा के नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
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Bareilly Violence Case: फर्जी पत्र की साजिश: लियाकत की शिकायत पर एफआईआर
बरेली कोतवाली थाने में फरीदपुर चौधरी निवासी लियाकत ने शिकायत दर्ज करवाई है। लियाकत का आरोप है कि 25 सितंबर की शाम को नदीम खान और डॉ. नफीस खान ने मिलीभगत से इत्तेहाद मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) का एक फर्जी पत्र तैयार किया। इस पत्र पर लियाकत के नाम से जाली हस्ताक्षर किए गए थे। उद्देश्य साफ था—26 सितंबर को तौकीर रजा के धरने में लोगों को उकसाना, प्रशासन को गुमराह करना और शहर की शांति भंग करना। लियाकत ने स्पष्ट किया कि उनका आईएमसी से कोई संबंध नहीं है और वे न तो धरने में शामिल हुए, न ही उनके गांव से कोई गया। घटना के दिन वे अपने गांव में ही थे। पुलिस जांच में यह पत्र हिंसा की पूर्वनियोजित साजिश का हिस्सा पाया गया है।
Bareilly Violence Case: बुलडोजर कार्रवाई: नफीस के अवैध बारातघर पर ताला
हिंसा के मुख्य आरोपी डॉ. नफीस खान, जो तौकीर रजा के करीबी हैं, के अवैध बारातघर पर रविवार को प्रशासन ने बुलडोजर चलाया। बचे हुए हिस्से को भी ध्वस्त कर दिया गया। नफीस पर डॉक्टर बनकर प्रैक्टिस करने का भी आरोप है, जबकि वे लाइसेंस्ड नहीं हैं। इसी तरह, तौकीर रजा को शरण देने के आरोप में फरहत के घर पर भी जल्द बुलडोजर चलने की तैयारी है। बरेली डेवलपमेंट अथॉरिटी (बीडीए) ने तौकीर के सहयोगी मोहम्मद फरहत खान के घर और मोहम्मद नदीम की चार दुकानों को सील कर दिया है। ये कार्रवाइयां हिंसा के बाद प्रशासन की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का हिस्सा हैं।
Bareilly Violence Case: हिंसा का बैकग्राउंड: ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर से भड़की जंग
दरअसल, 26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद अला हजरत दरगाह और तौकीर रजा के निवास के पास सैकड़ों लोग ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर लेकर जमा हो गए। यह प्रदर्शन शुरू में शांतिपूर्ण था, लेकिन विरोधियों के साथ झड़प होने पर पत्थरबाजी शुरू हो गई। पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हुए। इंटरनेट सेवाएं 48 घंटे के लिए निलंबित कर दी गईं। सीसीटीवी फुटेज से 31 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया। पुलिस के अनुसार, यह हिंसा पूर्वनियोजित थी। तौकीर रजा ने वीडियो के जरिए भीड़ जुटाई, जबकि उनके सहयोगी नदीम और नफीस ने साजिश रची।
Bareilly Violence Case: गिरफ्तारियां और जांच: 83 हिरासत में, 2000 पर केस
पुलिस ने अब तक 83 गिरफ्तारियां की हैं, जिनमें तौकीर रजा, नदीम खान, नफीस खान और अन्य सहयोगी शामिल हैं। 10 एफआईआर दर्ज हैं, जिनमें 2000 से अधिक लोग नामजद हैं। विशेष जांच टीम (एसआईटी) फरार आरोपियों की तलाश में जुटी है। हाल ही में सीबी गंज क्षेत्र में एनकाउंटर के दौरान दो अपराधी पकड़े गए, जो बाहर से हिंसा भड़काने आए थे। एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि नदीम ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की थी, लेकिन पूछताछ में साजिश कबूल ली। तौकीर रजा को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
योगी सरकार की चेतावनी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिंसा की घटना के तुरंत बाद सख्त चेतावनी जारी की थी। उन्होंने कहा कि उपद्रवियों को बख्शा नहीं जाएगा और कानून अपना काम करेगा। बरेली में फ्लैग मार्च किए गए, संवेदनशील इलाकों में फोर्स तैनात की गई। तौकीर रजा के भाई तौसीफ रजा ने अपील की कि निर्दोषों को रिहा किया जाए और तोड़फोड़ रोकी जाए, लेकिन प्रशासन कार्रवाई पर अडिग है। यह घटना 2022 की नूपुर शर्मा विवाद और ज्ञानवापी मामले जैसी पिछली आगजनी की याद दिलाती है, जहां तौकीर रजा का नाम फिर सामने आया था।
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