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Friday, November 22, 2024
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World First 6G Device: जापान ने बनाई दुनिया की पहली 6G डिवाइस, 5G से 20 गुना ज्यादा स्पीड

World First 6G Device: हालांकि यह एक प्रोटोटाइप डिवाइस है लेकिन इसकी स्पीड 5जी टेक्नीक से 20 गुना ज्यादा है। जापान द्वारा तैयार की गई यह 6जी डिवाइस के जरिए 100 Gbps की स्पीड से डेटा भेजा जा सकता है।

World First 6G Device: अभी तक भारत में सभी जगह 5जी ही ठीक से नहीं पहुंचा और जापान ने 6जी डिवाइस भी तैयार कर ली है। दरअसल, जापान ने दुनिया की पहली 6जी डिवाइस तैयार की है। हालांकि यह एक प्रोटोटाइप डिवाइस है लेकिन इसकी स्पीड 5जी टेक्नीक से 20 गुना ज्यादा है। जापान द्वारा तैयार की गई यह 6जी डिवाइस के जरिए 100 Gbps की स्पीड से डेटा भेजा जा सकता है।

5जी से 20 गुना तेज यह डिवाइस 300 फीट का एरिया कवर कर सकती है। दुनिया का यह पहला 6G प्रोटोटाइप डिवाइस जापान की टेलीकॉम कंपनी DOCOMO, NTT Corporation, NEC Corporation और Fujitsu ने पेश किया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, 11 अप्रैल को, इस डिवाइस ने 6G नेटवर्क स्पीड को पहली बार सफलतापूर्वक टेस्ट किया है।

100 Gbps की बेहतरीन स्पीड:

रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि इस प्रोटोटाइप डिवाइस को अंदर और बाहर दोनों स्थानों पर टेस्ट किया गया। टेस्टिंग के दौरान 100 GHz बैंड पर इंडोर में इस 6G डिवाइस ने 100 Gbps की सुपरफास्ट स्पीड अचीव की है। वहीं आउटडोर में 300 GHz बैंड पर इस डिवाइस ने 100 Gbps की स्पीड अचीव की।

रिपोर्ट्स के अनुसार रिसीवर से 328 फीट यानी 100 मीटर की दूरी पर इसकी जांच की गई। इस 6G प्रोटोटाइप डिवाइस की टेस्टिंग सिंगल डिवाइस में की गई, इसकी वजह से इतनी शानदार स्पीड मिली। हालांकि बताया जा रहा है कि मल्टी डिवाइस में इसकी स्पीड कम हो सकती है।

5G की अधिकतम स्पीड 10 Gbps:

बात करें 5जी की तो 5जी की अधिकतम स्पीड 10 Gbps है। लेकिन रियल वर्ल्ड की बात करें तो 5जी सिर्फ 200 से 400 Mbps की औसत इंटरनेट स्पीड दे सकता है। बता दें कि 5जी नेटवर्क में जो फ्रिक्वेंसी बैंड उपयोग में लिए जाते हैं वे कमर्शियल हाई फ्रिक्वेंसी बैंड होते हैं। वैसे तो हाई फ्रिक्वेंसी में इंटरनेट स्पीड ज्यादा मिलती है लेकिन एक खामी भी है कि हाई फ्रिक्वेंसी रेंज नेटवर्क की पेनिट्रेशन रेंज को कम करती है, इसलिए नेटवर्क की रेंज कम हो जाती है।

6G तकनीक की कमियां:

6G के लिए भी हाई फ्रिक्वेंसी बैंड की आवश्यकता होगी, ऐसे मं इस 6जी डिवाइस को फास्ट डाउनलोड अचीव करने के लिए पर्याप्त फ्रिक्वेंसी नहीं मिल पाएगी। इसके साथ ही 6G की स्पीड को कम करने के लिए दीवारें, बारिश आदि भी जिम्मेदार होंगे। बता दें कि इस समय दुनिया के कई देशों में 4G से 5G नेटवर्क में बदलाव हो रहे हैं और इसकी वजह से तेजी से डेटा ट्रांसफर हो रहा है। डेटा के तेजी से ट्रांसफर होने से वीडियो स्ट्रीमिंग भी बेहतर हो जाती है।

बढ़ जाएगी इंटरनेट स्पीड:

रिपोर्ट्स के अनुसार, 6G टेक्नोलॉजी से इंटरनेट की स्पीड बढ़ जाएगी, इससे रियल-टाइम होलोग्राफिक बातचीत हो सकेगी। साथ ही, वर्चुअल और मिक्स्ड रियलिटी अनुभव भी बेहतर होगा। हालांकि इस 6G टेक्नोलॉजी को अभी बाजार में आने में कई साल और लगेंगे। यह प्रोटोटाइप उपकरण वैज्ञानिकों को इस नई पीढ़ी की टेक्नोलॉजी को समझने और सुधारने में मदद करेगा।

6जी के लिए करने होंगे बदलाव:

फिलहाल दुनिया के कई देशों में अभी 5जी नेटवर्क का ही ढांचा तैयार हो रहा है। कई देश तो ऐसे भी हैं जहां अभी तक 5जी की शुरुआत तक नहीं हुई है। ऐसे में 6जी के लिए टेलिकॉम कंपनियों के साथ सरकारों को भी काफी मेहनत करनी होगी। रिपोर्ट्स के अनुसार, 6जी के लिए मोबाइल टावरों को पूरी तरह से बदलना होगा। इसके अलावा स्मार्टफोन कंपनियों को भी 6G इनबिल्ट एंटीना वाले नए मोबाइल मार्केट में लॉन्च करने होंगे।

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