Google: लोकसभा चुनाव जल्द ही होने वाले हैं। सभी पार्टियां अपने—अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर रही हैं। साथ ही पार्टियां इन चुनावों की तैयारियों में भी जुट गई हैं। बता दें कि चुनावों के दौरान सोशल मीडिया पर कई बार फेक न्यूज भी फैल जाती है लेकिन अब इस पर रोकथाम के लिए चुनाव आयोग और अल्फाबेट इंक के स्वामित्व वाली कंपनी गूगल मिलकर काम करेंगे। दरअसल, चुनावों के दौरान फेक न्यूज को रोकने के लिए गूगल और चुनाव आयोग ने हाथ मिलाया है।
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इन चीजों पर लगेगी रोकथाम:
गूगल ने बताया कि कंपनी चुनाव आयोग के साथ मिलकर आगामी चुनावों के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए बनाए गए डेटा, झूठी सूचनाओं के प्रसार पर रोकथाम के लिए काम करेंगे। एक ब्लॉग पोस्ट में गूगल इंडिया ने इस बात की जानकारी देते हुए पुष्टि की है। गूगल ने बताया कि इससे चुनाव के दौरान फेक न्यूज रोकने में मदद मिलेगी।
गूगल ने ब्लॉग पोस्ट में लिखा:
गूगल ने एक एक ब्लॉग पोस्ट में जानकारी देते हुए लिखा कि कंपनी गूगल सर्च पर मतदान के बारे में लोगों को हिंदी और अंग्रेजी में महत्वपूर्ण जानकारियां ढूंढने में मदद करेगी। इन महत्वपूर्ण जानकारियों में मतदान के बारे में जैसे रजिस्ट्रेशन कैसे करें और मतदान कैसे करें जैसे टॉपिक शामिल हैं। वहीं आजकल लोग AI का गलत इस्तेमाल कर झूठी सूचनाएं या गलत तथ्यों का प्रचार कर देते हैं। ऐसे में गूगल ऐसी प्रक्रियाएं तैयार कर रही है, जिससे AI सामग्री की पहचान आसानी से हो जाएगी।
विज्ञापनदाता करते हैं एआई का गलत इस्तेमाल:
साथ ही गूगल ने कहा कि चुनावों के दौरान कई विज्ञापनदाता एआई का गलत इस्तेमाल करते हैं। गूगल ने कहा कि कंपनी चाहती है कि चुनावों के दौरान यूजर्स को सही और अधिक पारदर्शिता के साथ जानकारी मिले। उन्होंने कहा कि कंपनी ने पहले से ऐसी पॉलिसी बना रखी है जो गुमराह करने वाले और हेरफेर किए गए मीडिया के इस्तेमाल पर रोक लगाती हैं। कंपनी ने इसमें डीपफेक का उदाहरण दिया। बता दें कि पिछले दिनों डीपफेक का गलत इस्तेमाल कर लोगों के वीडियो के साथ छेड़छाड की गई। इनमें राजनेताओं के वीडियो भी शामिल थे।
गूगल ने की C2PA के साथ साझेदारी:
इसके साथ ही गूगल ने बताया कि कंपनी ने यूट्यूब पर पहले से ही एआई से तैयार किए गए कंटेंट को लेबल करना शुरू कर दिया है। इसके लिए गूगल ने हाल ही में कोलिशन फॉर कंटेंट प्रोविनेंस एंड ऑथेंटिसिटी (C2PA) के साथ पार्टनरशिप की है। इसके साथ ही गूगल कुछ और पॉलिसी बना रही है जिसमें यह तय किया जाएगा कि चुनाव से संबंधित विज्ञापन को कंपनी के मंच पर कौन—कौन जारी कर सकता है। इसके लिए ऐसी सामग्री पब्लिश करने के लिए चुनाव आयोग द्वारा पहचान का सत्यापन, प्रमाणन और अधिकृत किया जाना जैसे नियम शामिल होंगे।