Panchak: कोई भी शुभ कार्य, मांगलिक कार्य या 16 संस्कार करने से पहले सनातन धर्म में शुभ अशुभ योग और ग्रहों की स्थिति देखी जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहों की स्थिति का हमारे जीवन पर प्रभाव पड़ता है। इसी वजह से शादी विवाह के शुभ मुहूर्त के लिए शुक्र या गुरु ग्रह की शुभ स्थिति देखी जाती है।
वहीं कुछ दिन ऐसे भी होते हैं जिनमें शुभ कार्य या मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं। जैसे हर महीने लगने वाले पंचक में भी कोई शुभ कार्य करना गलत और अशुभ माना जाता है। पंचक का सनातन धर्म में काफी महत्व माना गया है। इस महीने यानी मई माह में आज गुरुवार से पंचक शुरू हो गए हैं।
इन पंचक की शुरुआत 2 मई दिन गुरुवार दोपहर 2:32 से हो गई है| इसका समापन 6 मई के दिन मंगलवार को शाम 5:43 पर होगा। जानते हैं पंचक क्या होते हैं और इसका क्या महत्व है। साथ ही जानते हैं कि पंचक के दौरान कौन से कार्य नहीं करने चाहिए।
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क्या होते हैं Panchak:
सनातन धर्म के अनुसार, पंचक पांच दिन के होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब चंद्रमा धनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण में प्रवेश करता है। इसके बाद शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्र के चार पदों पर चंद्रमा का गोचर होता है तो उसे पंचक कहा जाता है। अगर इसे आसान भाषा में समझा जाए तो जब कुंभ और मीन राशि में चंद्रमा गोचर करता है तो इसे पंचक कहा जाता है।
ज्योतिष शास्त्र में पंचक के पांच दिनों को बहुत ही अशुभ माना जाता है। हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि अगर पंचक के दिनों में किसी इंसान की मौत हो जाए तो उसकी मौत के बाद घर-परिवार के अन्य सदस्यों या आस पास रहने वाले लोगों के जीवन पर भी संकट मंडराने लगता है। ऐसे में पंचक को हिंदू धर्म में बहुत अशुभ माना जाता है।
सारे पंचक नहीं होते अशुभ:
वैसे तो ज्योतिष शास्त्र में पंचक बहुत अशुभ माने जाते हैं लेकिन सभी पंचक अशुभ नहीं होते। गुरुवार से शुरू होने वाले पंचक को दोष रहित माना जाता है। बता दें कि सनातन धर्म में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति को समर्पित माना जाता है। इस बार मई में जो पंचक शुरू हुए हैं, वह भी गुरुवार से ही शुरू हुए हैं।
ऐसी मान्यता है कि गुरु पंचक में पांच काम नहीं करने चाहिए बाकि काम आप कर सकते हैं। मई माह में शुरू हुए पंचक के दौरान तीन बड़े पर्व भी आ रहे हैं। इन पंचक के दौरान वरुथिनी एकादशी, प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि आ रही है। वैसे तो शास्त्रों में बताया गया है कि पंचक के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए लेकिन पंचक का पूजा या व्रत पर इसका कोई प्रभाव नहीं होता है।
ऐसे में आप बिना किसी परेशानी के पंचक के दैरान पूजा अर्चना और व्रत कर सकते हैं। ज्योतिषाचार्यो के अनुसार, मई माह में आज गुरुवार से जो पंचक शुरू हुए हैं वे अग्नि पंचक हैं। ऐसी मान्यता है कि अग्नि पंचक के दौरान आग लगने की संभावनाएं ज्यादा रहती हैं। ऐसे में आप भी इन 5 दिन सतर्क रहें।
पांच तरह के होते हैं पंचक:
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पंचक मुख्य रूप से 5 तरह के होते हैं। जो पंचक सोमवार के दिन से शुरू होते हैं उन्हें राज पंचक कहा जाता है। वहीं जो पंचक मंगलवार से शुरू होते हैं उन्हें अग्नि पंचक कहा जाता है। गुरुवार के दिन से शुरू होने वाले पंचक को भी अग्नि पंचक ही कहा जाता है।
इसके अलावा शुक्रवार के दिन से शुरू होने वाले पंचक को चोर पंचक कहा जाता है। वहीं शनिवार के दिन से शुरू होने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहा जाता है। रविवार से जो पंचक शुरू होते हैं उन्हें रोग पंचक कहा जाता है। इस बार पंचक गुरुवार से शुरू हुए हैं, इसलिए ये अग्नि पंचक हैं।
गुरु पंचक में ना करें ये 5 काम:
ज्योतिष शास्त्र और हिंदू धर्म के अनुसार, गुरु पंचक के दौरान पांच दिनों तक 5 काम करना वर्जित माना गया है। ऐसी मान्यता है कि इन दिनों में ये 5 काम करने से अशुभ फलों की प्राप्ति होती है। जानते हैं कौन से 5 कार्य इन पंचक में नहीं करने चाहिए।
दक्षिण दिशा में यात्रा:
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गुरु पंच के पांच दिनों में लोगों को दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने से अशुभ हो सकता है।
लकड़ी इकट्ठा करना:
ऐसी मान्यता है कि गुरु पंचक के पांच दिनों में लकड़ी इकट्ठा करना या लकड़ी से जुड़े कोई भी कार्य करना वर्जित माना गया है। ऐसे में पंचक काल के दौरान ऐसा कोई भी कार्य करने से बचना चाहिए।
दाह संस्कार:
हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, अगर पंचक में किसी इंसान की मौत हो जाए तो परिवार के अन्य सदस्यों पर भी संकट मंडराने लगता है। ऐसे में अगर इस दौरान किसी की मृत्यु हो जाए परिवार के अन्य लोगों की रक्षा के लिए दाह संस्कार के वक्त आटे, बेसन और कुश (घास) से 5 पुतले बनाने चाहिए और उन पुलतों का मृतक के साथ अंतिम संस्कार करना चाहिए
पलंग या चारपाई बनवाना:
ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि पंचक की अवधि में पलंग या चारपाई बनवाना बहुत ही अशुभ होता है। ऐसे में पंचक के दौरान आप यह गलती भूलकर भी ना करें।
शादी-विवाह:
पंचक की अवधि को अशुभ माना जाता है। ऐसे में इस दौरान कोई मांगलिक कार्य करना वर्जित होता है। ऐसे में पंचक के दौरान विवाह, मुंडन और नामकरण संस्कार जैसे मांगलिक और शुभ कार्य नहीं करने चाहिए।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सभी जानकारियाँ सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। विभिन्न माध्यमों से एकत्रित करके ये जानकारियाँ आप तक पहुँचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज़ सूचना पहुँचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज़ सूचना समझकर ही लें। किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि का होना संयोग मात्र है। Bynewsindia. com इसकी पुष्टि नहीं करता है।