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Ayodhya Ram Mandir: 22 जनवरी को इस तरह घर पर करें भगवान राम की पूजा, जानें आरती और पूजा विधि

Ayodhya Ram Mandir: ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक 22 जनवरी का दिन शुभ संयोगों के कारण विशेष माना जा रहा है। वहीं इस दिन अयोध्या में श्री राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा भी की जाएगी। आईए जानते हैं घर पर ही किस तरह भगवान राम की पूजा करना शुभ होगा...

Ayodhya Ram Mandir: इस साल 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीराम लला प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किया जाएगा। सनातन धर्म में भगवान श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम की संज्ञा दी गई है। ऐतिहासिक कथाओं के अनुसार उन्होंने अपने जीवनकाल में एक आदर्श पुत्र, भाई, राजा और स्वामी होने की जिम्मेदारी को भी बखूबी निभाया। तो आईए जानते हैं इस शुभ दिन घर पर ही किस तरह भगवान श्री राम की पूजा करके कृपा प्राप्त कर सकते हैं…

श्री राम पूजन विधि:

सबसे पहले सुबह अपने घर के कार्यों और स्नान आदि से निवृत होकर साफ़ सुथरे वस्त्र धारण करें।

इसके बाद मन में भगवान श्री राम का स्मरण करते हुए पूजा का संकल्प लें। पूजा घर की साफ सफाई करें।

वहां गंगाजल का छिड़काव करके मंदिर में एक जगह पर लकड़ी की चौकी बिछाएं।

चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर प्रभु श्रीराम के साथ माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी की तस्वीर स्थापित करें।

इसके बाद भगवान राम का पंचामृत से अभिषेक करके रोली, चावल, सिंदूर, फूल, फल आदि अर्पित करें। धूप दीप से सपरिवार आरती करें। ‘ॐ श्री रामाय नमः’ मंत्र और हनुमान चालीसा का पाठ करना भी विशेष फलदाई माना गया है। इसके बाद प्रसाद वितरण कर स्वयं भी ग्रहण करें।

श्री राम की आरती:

श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भव भय दारुणम्।
नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्।।

कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्।
पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम्।।

भजु दीन बंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम्।
रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम्।।

सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारू अंग विभूषणं।
आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खर-धूषणं।।

इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनम्।
मम ह्रदय कुंज निवास कुरु कामादी खल दल गंजनम्।।

मनु जाहिं राचेऊ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सावरों।
करुना निधान सुजान सिलू सनेहू जानत रावरो।।

एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषी अली।
तुलसी भवानी पूजि पूनी पूनी मुदित मन मंदिर चली।।

दोहा: जानि गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि।
मंजुल मंगल मूल वाम अंग फरकन लगे।।

आरती के बाद ‘जय श्री राम’ का नारा लगाते हुए मन में प्रभु श्रीराम से इच्छा पूर्ति की कामना करें।

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