Rudraksha: रुद्राक्ष को सनातन धर्म में बहुत पवित्र और महत्वपूर्ण माना गया है। आपने कई लोगों को रुद्राक्ष की माला गले में धारण करे हुए देखा होगा। कई लोग एक रुद्राक्ष भी धारण करते हैं। हमारे ऋषि मुनि भी रुद्राक्ष धारण करते हैं। भगवान भोलेनाथ को भी रुद्राक्ष अत्यंत प्रिय है। ऐसी मान्यता है कि जो लोग रुद्राक्ष धारण करते हैं, भोलेनाथ की उन पर विशेष कृपा रहती है।
वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव के आंसुओं से रुद्राक्ष की उत्पत्ति हुई है। रुद्राक्ष कई प्रकार के होते हैं। इनमें एक मुखी से लेकर इक्कीस मुखी तक रुद्राक्ष शामिल हैं। लोग ज्योतिषियों की सलाह के अनुसार अलग अलग मुखी रुद्राक्ष धारण करते हैं। मान्यता है कि रुद्राक्ष धारण करने से जीवन के संकट दूर हो जाते हैं। रुद्राक्ष के कारण ग्रहों के अशुभ प्रभाव भी दूर होते हैं।
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Rudraksha धारण करने के लाभ:
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रुद्राक्ष धारण करने वाले लोगों को ना सिर्फ धार्मिक और ज्योतिषिय लाभ होते हैं बल्कि सेहत को लेकर भी कई प्रकार के लाभ मिलते हैं। धार्मिकग्रंथों में रुद्राक्ष को बहुत आलौकिक और चमत्कारी बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि जो कोई एक मुखी रुद्राक्ष धारण करता है सूर्य के नकारात्मक प्रभाव उस पर से दूर हो जाते हैं। हिंदू धर्म ग्रन्थ्रों में रुद्राक्ष को भगवान शिव से जुड़ा और बहुत ही पवित्र ही माना गया है।
ऐसे में धर्मग्रन्थों में बताया गया है कि रुद्राक्ष धारण करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। जानते हैं रुद्राक्ष धारण करने वाले लोगों को कौन कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए और किन लोगों को रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए।
ऐसे लोग भूलकर भी धारण ना करें रुद्राक्ष:
हिंदू धर्मशास्त्रों में बताया गया है कि जो लोग मांस मछली का सेवन करते हैं, ऐसे लोगों को रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अगर आप रुद्राक्ष धारण करना चाहते हैं सबसे पहले मांसाहार और धूम्रपान से तुरंत दूरी बना लें। ऐसी मान्यता है कि मांसाहार करने से रुद्राक्ष अशुद्ध हो जाता है और इसकी वजह से आपके जीवन में कई प्रकार के कष्ट आ सकते हैं।
सोते समय उतार दें रुद्राक्ष या रुद्राक्ष की माला:
इतना ही नहीं अगर आप रुद्राक्ष धारण करते हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि रात को जब भी आप सोने जाएं तो रुद्राक्ष को उतारकर एक श़ुद्ध स्थान पर रख दें। आप रात को सोते समय रुद्राक्ष की माला को अपने तकिए के नीचे भी रख सकते हैं।
ऐसा माना जाता है कि रुद्राक्ष को तकिए के नीचे रखने से बुरे सपने आने बंद हो जाते हैं। इतना ही नहीं जिन लोगों को नींद से जुड़ी परेशानी होती है उन्हें भी रुद्राक्ष को तकिए के नीचे रखने से लाभ मिलता है।
गर्भवती महिलाएं ना धारण करें रुद्राक्ष:
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गर्भवती महिलाओं को भी रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए। अगर कोई महिला रुद्राक्ष करती है तो तो बालक के जन्म के बाद तब तक रुद्राक्ष उतारकर रख देना चाहिए जब तक सूतक काल समाप्त ना हो जाए। वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रुद्राक्ष धारण करने वाले को रुद्राक्ष पहनकर नवजात शिशु और उसकी मां के पास नहीं जाना चाहिए। अगर आपको किसी वजह से जाना भी पड़े तो सबसे पहले रुद्राक्ष उतार दें उसके बाद नवजात या उसकी मां के पास जा सकते हैं।
क्या हैं रुद्राक्ष पहनने के नियम:
अगर आप रुद्राक्ष धारण करना चाहते हैं तो ध्यान रखें कि कभी भी रुद्राक्ष को काले धागे में ना पहनें। रुद्राक्ष को हमेशा लाल या पीले रंग के धागे में ही धारण करना चाहिए। रुद्राक्ष को बहुद पवित्र माना गया है ऐसे में रुद्राक्ष को कभी भी अशुद्ध हाथों से नहीं छूना चाहिए।
रुद्राक्ष को हमेशा स्नान करने के बाद शुद्ध होकर ही पहनना चाहिए। अगर आप रुद्राक्ष धारण कर रहे हैं तो रुद्राक्ष धारण करते समय भगवान शिव के मंत्र ऊं नमः शिवाय का जाप करते हुए धारण करें। ध्यान रखें कि स्वयं का पहना हुआ रुद्राक्ष किसी दूसरे शख्स को कभी भी पहनने के लिए नहीं देना चाहिए।
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