Astro tips: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हिन्दू धर्म में करीब 33 करोड़ देवी-देवताओं को पूजा जाता है | अपने कुल के आधार पर लोग अपने इष्ट देवी -देवताओं की पूजा अर्चना करते हैं | अपने भगवान एवं अन्य देवी देवताओं की पूजा करने के लिए लोग अपने घरों में मंदिर की स्थापना भी करते हैं | घर के मंदिर में लोग बहुत से देवी देवताओं की मूर्तियां और तस्वीरें रखते हैं।
कई लोग अपने घरों की दीवारों पर भी देवी-देवताओं के चित्र लगाते हैं | हिन्दू धर्म के नियम के अनुसार माना जाता है कि घर में भगवान की पूजा करने से सुख-समृद्धि आती है और मनुष्य के सभी पापों का अंत हो जाता है | परन्तु क्या आप जानते है कि हिन्दू धर्म में कुछ ऐसे देवी-देवताओं का उल्लेख किया गया है जिनका पूजन घर के मंदिर में करना निषेध होता है | साथ ही कुछ देवी-देवता ऐसे भी हैं जिनका चित्र भी घर में लगाना अशुभ माना जाता है
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नटराज की मूर्ति:
भगवन शिव की पूजा सभी घरों में की जाती है | देवों के देव महादेव कई रूप में पूजे जाते हैं | हमारे घरों में भी भगवान भोलेनाथ की कई तरह की मूर्तियाँ पायी जाती हैं | यूँ तो भगवान शिव का हर रूप ही बहुत आलौकिक है परन्तु फिर भी उनकी नृत्य करती हुई मूर्ति या नटराज मुद्रा को घर में रखना अशुभ माना जाता है |
मान्यता है कि जब भगवान शंकर बहुत क्रोधित होते तब वह तांडव करते हैं | भगवान शिव की नटराज मूर्ति उनके इसी तांडव का प्रतिक है | इसलिए उनका यह क्रोधित रूप घर में किसी भी मूर्ति या तस्वीर के रूप में रखना शुभ नहीं माना जाता है | कहा जाता है कि भगवान शिव का यह रूप घर में रखने से परिवार में मनमुटाव और मतभेद पैदा होते हैं।
माँ काली की मूर्ति:
माँ काली की पूजा भी कई घरों में की जाती है | माँ काली को आदिशक्ति पार्वती का रूप कहा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार दैत्यों का नाश करने के लिए देवी पार्वती ने महाकाली का रूप धारण किया था। माता पार्वती के अपार क्रोध को ही महाकाली का रूप माना जाता है |
कहा जाता है की माँ काली का गुस्सा शांत करना आसान नहीं होता है | माना जाता है कि माँ के क्रोधित मुद्रा या मूर्ति को घर में रखने से परिवार के सदस्यों को बात-बात पर गुस्सा आता है और लड़ाई झगड़े होते हैं। इसलिए घर में उनकी क्रोध वाली मुद्रा की कोई मूर्ति या तस्वीर नहीं लगानी चाहिए। हालाँकि माँ काली की सौम्य छवि वाले चित्र को घर में रख सकते हैं।
माता लक्ष्मी की खड़ी मुद्रा:
हिंदू धर्म में माँ लक्ष्मी को धन की देवी बताया गया है | कहा जाता है की माँ लक्ष्मी की पूजा करने से घर में धन -धान्य की कमी नहीं होती है | इसलिए हम सभी के घरों में उनकी पूजा की जाती है | परन्तु पुराणिक मान्यताओं के अनुसार घर में लक्ष्मी माता की खड़ी मुद्रा में मूर्ति या चित्र नहीं रखना चाहिए| घर में माता लक्ष्मी की मूर्ति खड़ी मुद्रा में होना शुभ नहीं माना जाता। माना जाता है कि उनकी खड़ी मूर्ति या चित्र लगाने से घर में धन टिकता नहीं है | ऐसा होने पर घर में दरिद्रता आती है |
शनि देव की मूर्ति:
हिंदी मान्यताओं के अनुसार शनि देव की वक्रदृष्टि बड़ी कष्टदायक होती है | जिस व्यक्ति पर उनकी यह दृष्टि पड़ जाये वह जीवन भर कष्ट भोगता है | यह भी कहा जाता है की गलती से भी शनि देव की आंखों में देख लेने भर से व्यक्ति के बुरे दिन शुरू हो जाते है | इसलिए हमेशा शनि देव के चरणों की और देखकर ही उनकी पूजा करनी चाहिए |
ऐसे में यदि कोई अपने घर में शनिदेव की मूर्ति रखता है तो भगवान शनि देव की दृष्टि घर के सभी सदस्यों पर पड़ती है,जिसे एक बुरा संकेत माना जाता है | ऐसा करने से मनुष्य को बहुत नुकसान पहुँच सकता है।इसलिए भूलकर भी शनिदेव की मूर्ति की पूजा घर में नहीं होनी चाहिए।
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