Transfer Policy : राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की सीएम भजनलाल की सरकार बनने के बाद कई बदलाव हुए हैं। राजस्थान सरकार कर्मचारियों-अधिकारियों के लिए केंद्र की तरह ट्रांसफर पॉलिसी बनाने जा रही है। बीजेपी ने इसके लिए कॉमन एसओपी जारी की गई है। सभी विभागों के एचओडी अधिकारियों से चर्चा कर जरूरत अनुसार सुझाव दिया जाएगा। प्रदेश में कॉमन एसओपी के तहत किसी कर्मचारी का 3 साल से पहले तबादला नहीं होगा। हर कर्मचारी को 2 साल ग्रामीण क्षेत्र में नौकरी करनी होगी।
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तबादला सूची का कई जगह विरोध
फरवरी में तबादलों से रोक हटने के बाद हर विभाग से कर्मचारियों की लंबी लिस्ट जारी की गई। प्रदेश में कई जगह इस तबादला सूची पर विवाद किया जा रहा है। कुछ कर्मचारियों ने ट्रांसफर के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटा है। कई जगह तो सालों से कर्मचारियों का तबादला नहीं होता, ऐसे में कॉमन ट्रांसफर नीति को लाया जाएगा।
राजस्थान में तबादले की प्रक्रिया
कॉमन एसओपी के मुताबिक, कर्मचारियों के ट्रांसफर से पहले सभी विभागों से ऑनलाइन आवेदन सुझाव लेते है। अधिकारी-कर्मचारी इच्छानुसार खाली पद के लिए ट्रांसफर आवेदन कर सकते है। संबंधित विभाग की टीम उनकी काउंसलिंग करती है। इसमें दिव्यांग, विधवा, भूतपूर्व सैनिक, उत्कृष्ट खिलाड़ी, एकल महिला, पति-पत्नी प्रकरण, असाध्य रोग से पीड़ित, शहीद के आश्रित सदस्य और दूरस्थ इलाकों में तीन साल से कार्यरत कर्मचारियों को पहले प्राथमिकता देते है।
प्रस्तावित ट्रांसफर पॉलिसी से भड़के शिक्षक संघ
डॉ रनजीत मीणा प्रदेश महामंत्री, राजस्थान शिक्षक संघ एकीकृत ने सरकार के इस फैसले को गलत बताया है। रनजीत ने कहा कि 1994 में पूर्व शिक्षा सचिव अनिल बोर्दिया के नेतृत्व में कमेटी बनी थी। इसने ड्राफ्ट तैयार किया कमेटी ने ड्राफ्ट को सरकार को सौंप दिया लेकिन पॉलिसी लागू नहीं हो पाई। इसके बाद 1997-98 में उसके बाद वर्ष 2000 में उसके बाद वर्ष 2005 में उसके बाद वर्ष 2015 में उसके बाद वर्ष 2020 में सरकार ट्रांसफर पॉलिसी का मसौदा लेकर आई थी। लेकिन वह लागू नहीं हो पाई।
ट्रांसफर पॉलिसी को बताया लॉलीपॉप
रनजीत मीणा ने कहा कि लोकसभा चुनाव को लेकर की वजह से यह ड्राफ्ट केवल कर्मचारियों को लुभाने के लिए लेकर आए है। इससे पहले कांग्रेस सरकार ने भी छोटा लॉलीपॉप दिया था अब यह बड़ी लॉलीपॉप देने जा रहे है। सरकार के गठन के बाद भजनलाल ने कहा था सरकार 30 दिन में नई ट्रांसफर पॉलिसी बना करके देगी लेकिन वह तय समय पर नहीं हुआ।