Student Suicide In Kota: यह बेहद दुखद घटना है और यह चिंताजनक है कि कोटा में लगातार इस तरह के आत्महत्या के मामले सामने आ रहे हैं। कोटा को देशभर से जेईई और नीट की तैयारी के लिए बड़ी संख्या में छात्र आते हैं, और यहां के दबावपूर्ण माहौल को लेकर कई बार मानसिक स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर पड़ता है। पिछले कुछ समय में कोटा में कोचिंग छात्रों की आत्महत्याओं के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। यह जरूरी है कि छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य सहायता मुहैया कराई जाए और उन्हें आत्महत्या के विचारों से उबरने के लिए उचित काउंसलिंग और सपोर्ट सिस्टम की आवश्यकता है।
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ओडिशा का रहने वाला था छात्र
कोटा में जेईई की तैयारी कर रहे एक अभ्यर्थी ने पंखे से लटककर अपनी जान दे दी। पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि मृतक छात्र ओडिशा का निवासी है। अभी तक सुसाइड करने की वजह का पता नहीं चल पाया है। पुलिस के अनुसार, ओडिशा निवासी अभिजीत गिरी (18) अप्रैल 2024 से कोटा में रह कर जेईई की तैयारी कर रहा था। आपको बता दें कि बीते 10 दिनों में कोटा में कोचिंग छात्र की आत्महत्या का यह तीसरा मामला है।
पुलिस ने छात्र के परिवार को दी सूचना
एएसआई लाल सिंह तंवर ने बताया कि सूचना मिली थी कि अंबेडकर कॉलोनी स्थित जैन विला रेजीडेंसी हॉस्टल में जेईई के छात्र ने पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली है। इस घटना के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस ने बताया कि अभिजीत गिरी के परिजनों को सूचना दे दी गई है। उनके आने के बाद शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा। इस तरह की घटनाएं न केवल छात्रों के परिवारों के लिए, बल्कि पूरी समाज के लिए भी गंभीर चिंता का विषय होती हैं।
10 दिन में तीन छात्रों ने दी जान
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कोटा में 2025 के पहले महीने में छात्र आत्महत्या का यह तीसरा मामला सामने आया है। इससे पहले 7 जनवरी को हरियाणा के महेंद्रगढ़ निवासी नीरज जाट (19) ने जवाहर नगर इलाके में अपने हॉस्टल के कमरे में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली थी। इसके एक दिन बाद 8 जनवरी को विज्ञान नगर थाना क्षेत्र में अभिषेक लोढ़ा (19) ने भी पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
चिंताजनक आंकड़े
यह आंकड़ा और भी चिंताजनक है, क्योंकि महज कुछ दिनों में कोटा में आत्महत्या के तीन मामले सामने आए हैं। ये घटनाएँ यह दर्शाती हैं कि छात्रों पर लगातार बढ़ता दबाव और मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी को लेकर तत्काल कदम उठाने की जरूरत है। छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना अब और भी महत्वपूर्ण हो गया है, ताकि वे इस तरह के मानसिक तनाव से उबर सकें।
मजबूत और व्यापक सपोर्ट सिस्टम की आवश्यकता
इन घटनाओं से यह भी स्पष्ट होता है कि केवल शैक्षिक दबाव ही नहीं, बल्कि अन्य व्यक्तिगत, पारिवारिक या सामाजिक समस्याएँ भी छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकती हैं। इसलिए, एक मजबूत और व्यापक सपोर्ट सिस्टम की आवश्यकता है, जिसमें काउंसलिंग, मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता और ऐसे किसी भी संकेत को पहचानने की व्यवस्था हो, जो आत्महत्या या मानसिक स्वास्थ्य संकट को जन्म दे सकती है।
कोटा और अन्य कोचिंग हब्स में जहां हजारों छात्र एक ही लक्ष्य के लिए आते हैं, वहां समग्र विकास की ओर ध्यान देने की आवश्यकता है, जिससे छात्र अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के साथ संतुलन बना सकें।
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