Jaipur Violence: राजस्थान की राजधानी जयपुर से सटे चौमू कस्बे में बस स्टैंड के पास एक मस्जिद के बाहर से पत्थर हटाने और लोहे की रेलिंग लगाने को लेकर शुक्रवार तड़के बड़ा बवाल हो गया। मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। प्रशासन ने एहतियातन चौमू में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दीं। फिलहाल इलाके में भारी पुलिस बल तैनात है और स्थिति नियंत्रण में है।
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Jaipur Violence: आपसी सहमति के बाद अचानक विरोध
विवाद की जड़ बस स्टैंड क्षेत्र में मस्जिद के पास सड़क किनारे करीब 45 साल से पड़े पत्थरों में है। ये पत्थर ट्रैफिक जाम का कारण बनते थे। गुरुवार शाम को चौमू थाना पुलिस और मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों के बीच बैठक हुई, जिसमें आपसी सहमति से पत्थर हटाने का फैसला लिया गया। शुक्रवार सुबह पत्थर हटाए गए और मस्जिद के पास लोहे की रेलिंग लगाने का काम शुरू हुआ। इसी दौरान कुछ लोगों ने विरोध शुरू कर दिया, जो देखते ही देखते हिंसक हो गया। भीड़ ने पुलिस जाब्ते पर पत्थर और बोतलें फेंकनी शुरू कर दीं। सड़क पर पत्थर और कांच की बोतलें बिखर गईं।
Jaipur Violence: पुलिस पर हमला, कई जवान घायल
पथराव में कई पुलिसकर्मियों के सिर फूट गए और कम से कम 6 जवान घायल हुए। पुलिस को पीछे हटना पड़ा, लेकिन अतिरिक्त बल आने के बाद आंसू गैस के गोले दागकर और लाठीचार्ज करके भीड़ को तितर-बितर किया गया। चौमू थानाधिकारी प्रदीप शर्मा ने स्पष्ट किया कि केवल सड़क पर पड़े पत्थर हटाए गए थे, मस्जिद की संरचना में कोई छेड़छाड़ नहीं की गई। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें धुएं के गुबार और भागती भीड़ नजर आ रही है।
Jaipur Violence: इंटरनेट बंद, फोर्स तैनात
हालात की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रशासन ने चौमू कस्बे में मोबाइल इंटरनेट और सोशल मीडिया सेवाओं पर अस्थायी रोक लगा दी, ताकि अफवाहें न फैलें। बस स्टैंड इलाका पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। अतिरिक्त पुलिस बल और आरएसी की टुकड़ियां तैनात की गईं। अधिकारियों ने स्थानीय लोगों से शांति की अपील की है। पुलिस पथराव करने वालों की पहचान कर रही है और जल्द कार्रवाई की जाएगी।
सांप्रदायिक तनाव का खतरा क्यों?
चौमू इलाका पहले भी संवेदनशील रहा है। ट्रैफिक सुधार के नाम पर शुरू हुआ काम अचानक सांप्रदायिक रंग ले लेता है, यह चिंता की बात है। विशेषज्ञों का कहना है कि छोटे विवादों को बातचीत से सुलझाना जरूरी है, वरना ऐसे बवाल बार-बार होते रहेंगे। प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से बड़ी अनहोनी टल गई, लेकिन घायल पुलिसकर्मियों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है।
शांति की अपील
पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है। स्थानीय नेताओं और समुदाय के बुजुर्गों से शांति बनाए रखने की गुजारिश की गई है। यह घटना राजस्थान में सांप्रदायिक सद्भाव को बनाए रखने की चुनौती को उजागर करती है। उम्मीद है कि जल्द हालात पूरी तरह सामान्य हो जाएंगे।
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