IT Raid on Ashadeep Group: राजस्थान में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने सबसे बड़ी रेड को अंजाम दिया है और बड़ा खुलासा किया है। जयपुर सहित राजस्थान के तीन शहरों (जयपुर, लालसोट और बहरोड़) में कारपेट, बिल्डर और कार्गो सर्विस फर्म से जुड़े तीन कारोबारियों के यहां से 3 करोड़ कैश, 24 लॉकर और दुबई में बेहिसाब संपत्ति के दस्तावेज बरामद किए गए हैं। इसके आलावा टैक्स चोरी और हवाला नेटवर्क से जुड़े होने के सबूत सामने आए हैं। विभागीय जांच में खुलासा हुआ कि ग्रुप ने बोगस लेन-देन और फर्जी निवेश के जरिए ब्लैक मनी को सफेद किया। इन छापों के बाद रियल एस्टेट सेक्टर में हड़कंप मच गया है, और बताया जा रहा है कि आगे प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच भी संभव है।
इन तीन कारोबारियों जो कि रियल एस्टेट से जुड़े आशादीप ग्रुप के डायरेक्टर भी हैं, के यहां सर्च की कार्रवाई आज (शनिवार) भी जारी है। शुक्रवार को इनकम टैक्स की टीम ने 22 ठिकानों पर छापेमारी की थी। अब इसमें दो और ठिकाने बढ़ गए हैं। इसके बाद 24 जगह सर्च चल रहा है।
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हवाला और काले धन के खेल का पर्दाफाश!
जयपुर, जिसे भारत के सबसे समृद्ध शहरों में से एक माना जाता है, वहां इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की यह बड़ी छापेमारी का यह मामला पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है।
एक रेड और करोड़ों की काली कमाई का पर्दाफाश! शुक्रवार सुबह जब IT अधिकारियों की टीम ने जयपुर, लालसोट और बहरोड़ में तीन बड़े व्यापारियों के घर और ऑफिस पर छापेमारी की, तो किसी को अंदाजा भी नहीं था कि यह मामला इतना बड़ा होगा। लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सूत्रों के मुताबिक, टैक्स चोरी की मिली सूचना पर अनिल गुप्ता, अशोक पाटनी और शब्बीर खान के जयपुर, लालसोट और बहरोड़ शहर स्थित 22 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। ये तीनों ही रियल एस्टेट से जुड़े आशादीप ग्रुप के डायरेक्टर भी हैं।
रेड के दौरान 3 करोड़ से ज्यादा कैश, 24 लॉकर, 500 के फटे हुए नोट और दुबई में बेहिसाब निवेश से जुड़े दस्तावेज बरामद किए गए हैं। शुरुआती जांच में ही यह साफ हो गया कि यह सिर्फ एक मामूली टैक्स चोरी का मामला नहीं है। बल्कि IT विभाग इस केस को हवाला से जुड़े काले धन के बड़े रैकेट के रूप में देख रहा है।
अब सवाल यह उठता है कि आखिर इतनी बड़ी रकम और हवाला नेटवर्क का असली मास्टरमाइंड कौन है? क्या इन व्यापारियों के तार किसी बड़े माफिया नेटवर्क या अंतरराष्ट्रीय हवाला गिरोह से जुड़े हुए हैं? या फिर यह एक सुनियोजित साजिश के तहत विदेशों में पैसा भेजने का खेल था? इन सवालों के जवाब आने वाले दिनों में जांच के बाद ही सामने आएंगे, लेकिन फिलहाल यह मामला देशभर में सनसनी मचा चुका है।
किन कारोबारियों के यहां पड़ी रेड?

इस इन्वेस्टिगेशन में जिन बड़े कारोबारियों के नाम सामने आए हैं, वे हैं:
अनिल गुप्ता – आशादीप ग्रुप (रियल एस्टेट)
अशोक पाटनी – प्रेम कार्गो लॉजिस्टिक्स (कार्गो और लॉजिस्टिक्स)
शब्बीर खान – पर्सियन कार्पेट्स ग्रुप (कारपेट एक्सपोर्ट)
तीनों कारोबारी रियल एस्टेट से जुड़े आशादीप ग्रुप के डायरेक्टर भी हैं।
क्या-क्या मिला इन कारोबारियों के यहां से?
3 करोड़ से अधिक कैश – हवाला नेटवर्क से जुड़े होने के संकेत। काले धन को छिपाने की कोशिश।
24 लॉकर – जिनमें से कई को खोला जाना बाकी।
दुबई में अघोषित संपत्ति – करोड़ों के निवेश के दस्तावेज जब्त।
500 के फटे नोटों के टुकड़े – हवाला नेटवर्क से जुड़े होने के संकेत। काले धन को छिपाने की कोशिश।
बैंक स्टेटमेंट और डिजिटल डेटा – लेन-देन का पूरा ब्योरा जब्त।
हवाला रैकेट का पर्दाफाश!
IT विभाग की रेड में सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि इन कारोबारियों ने करोड़ों की रकम को हवाला के जरिए विदेश भेजा। जयपुर के दो दलालों के जरिए दुबई में निवेश करवाने की जानकारी मिली है।
कैसे चला रहा था ये रैकेट?
– रियल एस्टेट में बोगस खरीददारी दिखाकर काले धन को सफेद करना।
– फर्जी कंपनियों के जरिए हवाला के रास्ते पैसे बाहर भेजना।
– नकली इनवॉइस के जरिए टैक्स चोरी कर करोड़ों की संपत्ति बनाना।

बिल्डर्स और कारोबारी कैसे करते हैं ऐसे खेल
भारत में बिल्डर्स और बड़े कारोबारी टैक्स चोरी और हवाला के जरिए अकूत संपत्ति बना रहे हैं। ये लोग न सिर्फ सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि आम जनता को भी धोखा देते हैं।
रियल एस्टेट सेक्टर में फर्जी स्कीम्स – बिल्डर्स पहले लोगों से पैसा इकट्ठा करते हैं और फिर उस रकम का इस्तेमाल अपनी काली कमाई छिपाने के लिए करते हैं।
हवाला नेटवर्क और विदेशों में निवेश – हवाला के जरिए पैसा बाहर भेजकर यह कारोबारी वहां महंगी प्रॉपर्टी खरीदते हैं।
टैक्स चोरी के नए-नए तरीके – बोगस कंपनियां, नकली इनवॉइस और ब्लैक मनी को व्हाइट करने की तमाम तरकीबें अपनाई जाती हैं।
इस तरह की गड़बड़ियों पर सरकार को और सख्त होना होगा, ताकि टैक्स चोरी करने वालों को सबक मिल सके।
अब आगे क्या?
IT विभाग सभी जब्त दस्तावेजों की जांच कर रहा है।
हवाला के जरिए पैसा विदेश भेजने पर ED की जांच भी हो सकती है।
क्या इन कारोबारियों पर बड़ी कार्रवाई होगी?
IT विभाग ने संकेत दिए हैं कि इन पर कई तरह के कानूनी मामले दर्ज किए जा सकते हैं।
सरकार को इस मामले में क्या कदम उठाने चाहिए?
टैक्स चोरी रोकने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे ताकि देश का पैसा बाहर न जाए।
आपका क्या कहना है? क्या सरकार ऐसे टैक्स चोरों पर सख्त कार्रवाई करेगी? कमेंट में अपनी राय बताएं!
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