22.1 C
New Delhi
Sunday, November 2, 2025
Homeराजस्थानAsaram: आसाराम को फिर 1 जुलाई तक अंतरिम जमानत, हाईकोर्ट ने अंतरिम...

Asaram: आसाराम को फिर 1 जुलाई तक अंतरिम जमानत, हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत को बढ़ाया

Asaram: बालिग लड़की से बलात्कार के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम बापू को राजस्थान हाईकोर्ट से अंतरिम राहत मिली है।

Asaram: बालिग लड़की से बलात्कार के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम बापू को राजस्थान हाईकोर्ट से अंतरिम राहत मिली है। हाईकोर्ट ने सोमवार को उनकी अंतरिम जमानत 1 जुलाई 2025 तक बढ़ा दी। जस्टिस दिनेश मेहता और जस्टिस विनीत कुमार की खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की तय शर्तों को बरकरार रखा है। अदालत ने पीड़िता के आरोपों पर जवाब मांगते हुए दोनों पक्षों को अगली सुनवाई की तारीख तक दस्तावेज और हलफनामे जमा करने का समय दिया है।

Asaram: सुप्रीम कोर्ट ने दी थी 31 मार्च तक अंतिम जमानत

गौरतलब है कि आसाराम को पहले सुप्रीम कोर्ट ने 14 जनवरी से 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दी थी। जमानत की अवधि समाप्त होने पर उन्होंने 1 अप्रैल को दोपहर 1:30 बजे जोधपुर सेंट्रल जेल में आत्मसमर्पण किया। हालांकि, उसी रात करीब 11:30 बजे उन्हें स्वास्थ्य कारणों से पाली रोड स्थित आरोग्यम नामक एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां वे अब भी भर्ती हैं। 3 अप्रैल को फॉलोअप चेकअप के लिए उन्हें एम्स ले जाया गया था, जिसके बाद वे वापस उसी अस्पताल लौट आए।

Asaram: पीड़िता के वकील ने लाया ये आरोप

इस मामले की सुनवाई 2 अप्रैल को हुई थी। सुनवाई के दौरान पीड़िता के वकील पीसी सोलंकी ने आरोप लगाया कि आसाराम ने अंतरिम जमानत की अवधि के दौरान सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई शर्तों का उल्लंघन किया है। शर्तों के अनुसार, उन्हें सार्वजनिक रूप से प्रवचन देने या किसी भी प्रकार की सार्वजनिक गतिविधि में शामिल होने की मनाही थी। सोलंकी ने दावा किया कि इस शर्त का उल्लंघन कर आसाराम ने प्रवचन दिया।

Asaram: सुप्रीम कोर्ट की शर्तों पर बनी बहस

आसाराम के वकील निशांत बोरा ने कोर्ट को बताया कि आरोपों को खारिज करने के लिए उन्होंने हलफनामा दायर किया है और यह स्पष्ट किया है कि आसाराम ने किसी भी सार्वजनिक प्रवचन में भाग नहीं लिया। अदालत ने इस मामले में पीड़िता की ओर से भी हलफनामा मांगा है ताकि दोनों पक्षों की बातों की तुलना की जा सके। अदालत ने यह स्पष्ट किया कि जमानत की अवधि बढ़ाने का निर्णय सुप्रीम कोर्ट की शर्तों के अनुपालन पर आधारित होगा।

गुजरात हाईकोर्ट मिली थी राहत

वहीं, 28 मार्च को गुजरात हाईकोर्ट ने भी एक अन्य मामले में आसाराम को तीन महीने की अंतरिम जमानत दी थी। इसके बाद राजस्थान हाईकोर्ट के खुलते ही 1 अप्रैल को उनके वकील ने पहले से लंबित याचिका पर तात्कालिक सुनवाई की मांग की थी। अदालत ने 2 अप्रैल को सुनवाई की और लगभग आधे घंटे की बहस के बाद अगली सुनवाई की तारीख 7 अप्रैल तय की थी।

कोर्ट ने दिया ये आरोप

कोर्ट द्वारा दी गई यह अंतरिम राहत अस्थायी है, और इसमें सुप्रीम कोर्ट की शर्तों के उल्लंघन को लेकर गंभीर प्रश्न उठाए गए हैं। यदि प्रवचन दिए जाने के आरोप सिद्ध होते हैं, तो आगे चलकर यह राहत समाप्त हो सकती है। अदालत अब अगली सुनवाई में दोनों पक्षों के हलफनामे और प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर फैसला करेगी कि आसाराम की जमानत आगे भी जारी रहेगी या उसे रद्द किया जाएगा।

फिलहाल, अस्पताल में भर्ती आसाराम को मिली यह राहत उनके लिए बड़ी कानूनी राहत मानी जा रही है, लेकिन उन पर लगे शर्तों के उल्लंघन के आरोपों ने इस अंतरिम जमानत की वैधता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अदालत का अगला कदम इन आरोपों की सच्चाई के सामने आने के बाद तय होगा।

यह भी पढ़ें:-

राम नवमी पर पीएम मोदी का पंबन ब्रिज मास्टरस्ट्रोक: राम सेतु की धरती से सियासी चाल – क्या दक्षिण का रास्ता खोल पाएगी बीजेपी?

- Advertisement - Advertisement - Yatra Swaaha
RELATED ARTICLES
New Delhi
smoke
22.1 ° C
22.1 °
22.1 °
73 %
1kmh
0 %
Sat
28 °
Sun
32 °
Mon
33 °
Tue
28 °
Wed
32 °

Most Popular