MP Assembly By-election Result: मध्य प्रदेश की दो प्रमुख विधानसभा सीटों, विजयपुर और बुधनी, में हुए उपचुनाव के नतीजों ने दोनों प्रमुख दलों, कांग्रेस और भाजपा, को मिली-जुली सफलता दी है। कांग्रेस ने विजयपुर सीट पर भाजपा को हराकर जीत दर्ज की। विजयपुर सीट कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामनिवास रावत के भाजपा में शामिल होने के बाद खाली हुई थी। कांग्रेस ने इस सीट पर पूरी ताकत झोंक दी और भाजपा को कड़ी चुनौती दी। वहीं, बुधनी सीट पर भाजपा ने जीत हासिल की। यह सीट मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद खाली हुई थी। भाजपा के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का सवाल थी क्योंकि यह शिवराज सिंह चौहान का गढ़ माना जाता है। भाजपा ने इस सीट पर जीत के जरिए शिवराज सिंह चौहान के प्रभाव और क्षेत्रीय पकड़ को बरकरार रखा है।
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विजयपुर में कांग्रेस तो बुधनी में बीजेपी जीती
मध्य प्रदेश के विजयपुर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत दर्ज की है। विजयपुर सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार मुकेश मल्होत्रा ने भाजपा के रामनिवास रावत को हराया। 7364 वोट के अंतर से जीत दर्ज की है। मुकेश मल्होत्रा (कांग्रेस) को 1,00,469 वोट मिले। वहीं, रामनिवास रावत (भाजपा) के खाते में 93,105 वोट आए। रामनिवास रावत पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे और बाद में भाजपा में शामिल हो गए। उनके भाजपा में जाने के बाद यह सीट खाली हुई, जिससे उपचुनाव की स्थिति बनी।
विजयपुर हार की समीक्षा करेगी भाजपा
मध्य प्रदेश के विजयपुर उपचुनाव में कांग्रेस की जीत और भाजपा की हार पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने प्रतिक्रिया दी है। डॉ. मोहन यादव (मुख्यमंत्री) उन्होंने कहा कि विजयपुर परंपरागत रूप से कांग्रेस का गढ़ रहा है। आजादी के बाद भाजपा को केवल एक बार यहां जीत मिली थी। पिछली बार भाजपा 18,000 वोटों से हारी थी, जबकि इस बार हार का अंतर घटकर 7,000 वोट रह गया है। उन्होंने स्वीकार किया कि विजयपुर में भाजपा को बेहतर प्रदर्शन की जरूरत है और इस हार की समीक्षा की जाएगी।
स्थानीय मुद्दों की अनदेखी
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा कि हार को गंभीरता से लेते हुए कहा कि पार्टी चुनावी रणनीति और क्षेत्रीय मुद्दों की गहन समीक्षा करेगी। हार का कारण केवल परंपरागत कांग्रेस का प्रभाव नहीं है, बल्कि कुछ आंतरिक और स्थानीय कारक भी हो सकते हैं। भाजपा द्वारा क्षेत्र के जमीनी मुद्दों को सही तरीके से नहीं उठाया गया, जिसका फायदा कांग्रेस को मिला।
कांग्रेस का मजबूत पकड़
विजयपुर कांग्रेस का परंपरागत गढ़ है और रामनिवास रावत के भाजपा में शामिल होने के बावजूद जनता ने कांग्रेस को प्राथमिकता दी। कांग्रेस उम्मीदवार ने स्थानीय स्तर पर बेहतर संपर्क और प्रचार किया, जबकि भाजपा की रणनीति कमजोर साबित हुई। आगामी लोकसभा चुनावों में इस क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन के लिए रणनीति तैयार करेगी।
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