Mohan Singh Bisht: दिल्ली विधानसभा में डिप्टी स्पीकर की भूमिका निभाने के लिए भाजपा ने मुस्तफाबाद से विधायक मोहन सिंह बिष्ट को उम्मीदवार बनाया है। दिल्ली सरकार ने उनके नाम पर मुहर लगा दी है। इस फैसले पर खुशी जताते हुए बिष्ट ने भाजपा नेतृत्व का आभार व्यक्त किया और कहा कि उनकी प्राथमिकता विधानसभा की कार्यवाही को सुचारू रूप से संचालित करना होगा।
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मोहन सिंह बिष्ट का बयान
भाजपा विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने कहा, “मैं पार्टी का आभार व्यक्त करता हूं, जिसने मुझे यह सम्मान दिया है। मुझे लगता है कि पुराने नेताओं को सम्मान देने का कार्य सिर्फ भाजपा ही कर सकती है। डिप्टी स्पीकर के रूप में मेरी प्राथमिकता सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाना और उसकी प्रक्रिया को प्रभावी ढंग से लागू करना होगा।”
मुस्लिम बाहुल्य सीट से मिली बड़ी जीत
दिल्ली के 2025 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने मोहन सिंह बिष्ट को मुस्तफाबाद सीट से मैदान में उतारा था। यह सीट मुस्लिम बाहुल्य मानी जाती है, जहां लगभग 40 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं। इसके बावजूद बिष्ट ने आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी आदिल अहमद खान को हराकर जीत हासिल की। इस सीट पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रत्याशी और दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन ने भी चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें ज्यादा सफलता नहीं मिली।
मुस्तफाबाद सीट पर चुनाव परिणाम:
प्रत्याशी | पार्टी | मिले वोट |
---|---|---|
मोहन सिंह बिष्ट | भाजपा | 85,215 |
आदिल अहमद खान | आप | 67,511 |
ताहिर हुसैन | एआईएमआईएम | 33,467 |
अली मेहंदी | कांग्रेस | 11,732 |
दिल्ली की राजनीति में कद्दावर नेता
मोहन सिंह बिष्ट दिल्ली की राजनीति में एक मजबूत नेता माने जाते हैं। 1998 में उन्होंने पहली बार करावल नगर विधानसभा सीट से चुनाव जीता था। इसके बाद 2003, 2008 और 2013 में भी वे लगातार इस सीट से जीतते रहे। हालांकि, 2015 के चुनाव में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी कपिल मिश्रा से उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
2020 में बिष्ट ने करावल नगर सीट से फिर वापसी की और विधायक बने। 2025 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें मुस्तफाबाद सीट से उम्मीदवार बनाया, जहां उन्होंने रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की।
उत्तराखंड से दिल्ली तक का सफर
मोहन सिंह बिष्ट मूल रूप से उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के रहने वाले हैं। 1970 के दशक में उनका परिवार दिल्ली आ गया, जिसके बाद उन्होंने भारतीय जनसंघ से जुड़कर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। 1992 में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सक्रिय स्वयंसेवक बने।
भाजपा में उनका कद लगातार बढ़ता गया और 2013 में उन्हें दिल्ली प्रदेश भाजपा का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया।
डिप्टी स्पीकर पद के लिए नामांकन प्रक्रिया
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष कार्यालय की ओर से उपलब्ध कराई गई कार्यसूची के अनुसार, मोहन सिंह बिष्ट को डिप्टी स्पीकर पद पर निर्वाचित करने के लिए दो अलग-अलग प्रस्ताव पेश किए जाएंगे।
पहला प्रस्ताव मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की ओर से पेश किया जाएगा और इसका समर्थन पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा करेंगे। वहीं, दूसरा प्रस्ताव विधायक अनिल कुमार शर्मा द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा और गजेंद्र सिंह यादव इसका समर्थन करेंगे।
भाजपा का सशक्तिकरण और वरिष्ठ नेताओं को सम्मान
भाजपा ने हमेशा अपने वरिष्ठ नेताओं को सम्मान देने की नीति अपनाई है। मोहन सिंह बिष्ट को डिप्टी स्पीकर का उम्मीदवार बनाना इसी नीति का हिस्सा माना जा रहा है। भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने बिष्ट की उम्मीदवारी का स्वागत किया और इसे पार्टी की परिपक्वता का उदाहरण बताया।
दिल्ली विधानसभा में भाजपा की रणनीति और विपक्ष के साथ संवाद स्थापित करने में बिष्ट की भूमिका अहम होगी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वे डिप्टी स्पीकर के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को कैसे निभाते हैं।
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