Manmohan Singh Death: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात 92 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्हें रात 8:06 बजे दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) लाया गया था। वे घर पर बेहोश हो गए थे। अस्पताल के बुलेटिन के मुताबिक, उन्हें इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया, जहां रात 9:51 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बेलगाम से दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। वे देर रात दिल्ली पहुंचेंगे। मनमोहन सिंह के निधन पर राहुल ने लिखा- मैंने अपना मार्गदर्शक और गुरु खो दिया है। मनमोहन सिंह दो बार देश के प्रधानमंत्री रहे। वे लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। इससे पहले भी वे कई बार अस्पताल में भर्ती हुए थे।
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इस बीच, कर्नाटक के बेलगाम में चल रही कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक रद्द कर दी गई है।
मनमोहन सिंह के जीवन की प्रमुख उपलब्धियां और मील के पत्थर:
- मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर, 1932 को गह, पंजाब (अब पाकिस्तान में) में गुरुमुख सिंह और अमृत कौर के घर हुआ था।
- विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आ गया। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पीएचडी की और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से डी.फिल. की डिग्री हासिल की।
- उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में पढ़ाया। 1966-1969 के बीच, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में आर्थिक सलाहकार के रूप में कार्य किया।
- 1971 में वे वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में शामिल हुए और बाद में 1972 में मुख्य आर्थिक सलाहकार के पद पर पदोन्नत हुए।
- उन्होंने योजना आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया और आरबीआई गवर्नर (1982-1985), प्रधान मंत्री के आर्थिक सलाहकार और यूजीसी के अध्यक्ष सहित महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं।
- सिंह 1991 में असम से राज्यसभा के लिए चुने गए, इसके बाद 1995, 2001, 2007 और 2013 में पुनः निर्वाचित हुए।
- उन्होंने नरसिम्हा राव की सरकार (1991-1996) के दौरान वित्त मंत्री के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और आर्थिक सुधारों के लिए प्रशंसा अर्जित की। बाद में उन्होंने 2004 से 2014 तक प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया।
- उनके परिवार में उनकी पत्नी गुरशरण कौर और तीन बेटियाँ हैं।
मनमोहन सिंह प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले अंतिम प्रधानमंत्री थे
3 जनवरी 2014 को मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री के तौर पर अपनी आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने 100 से ज़्यादा पत्रकारों के 62 सवालों के जवाब दिए। इसमें मनमोहन सिंह ने कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि इतिहास मेरे प्रति समकालीन मीडिया से ज़्यादा उदार रहेगा।”
Manmohan Singh Death: राहुल गांधी ने लिखा- मैंने अपना गुरु खो दिया
डॉ. सिंह का राजनीतिक और आर्थिक योगदान
1991 के आर्थिक संकट के दौरान वित्त मंत्री के रूप में डॉ. सिंह ने देश को उदारीकरण के रास्ते पर आगे बढ़ाया और वैश्विक मंच पर इसे नई पहचान दिलाई। उनके कार्यकाल के दौरान शुरू किए गए सुधारों और नीतियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत आधार प्रदान किया। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति समेत कई नेताओं ने उनके निधन पर दुख जताया है। उनके योगदान को याद करते हुए पूरे देश में उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है।
Manmohan Singh Death: कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया
राजनाथ सिंह ने कहा- देश की प्रगति में उनका योगदान याद रखा जाएगा
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने लिखा- इतिहास आपकी विनम्रता को याद रखेगा
अमित शाह ने लिखा- मनमोहन सिंह ने देश के शासन में निभाई अहम भूमिका
पीएम मोदी ने कहा- मनमोहन सिंह ने लोगों का जीवन बेहतर बनाने के लिए प्रयास किए
पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा- भारत अपने सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन पर शोक मना रहा है। एक साधारण पृष्ठभूमि से उठकर वे एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री बने। उन्होंने वित्त मंत्री सहित कई पदों पर कार्य किया। उन्होंने वर्षों तक हमारी आर्थिक नीति पर गहरी छाप छोड़ी। संसद के अंदर उनका योगदान बहुत महत्वपूर्ण है। हमारे प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास किए।
एक अन्य पोस्ट में पीएम ने लिखा है- ‘जब डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे और मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, तब हम रोजाना बात करते थे। हम शासन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर गहन चर्चा करते थे। उनकी बुद्धिमत्ता और विनम्रता हमेशा देखने को मिलती थी। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं डॉ. मनमोहन सिंह के परिवार, उनके मित्रों और असंख्य प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति’
Manmohan Singh Death: राष्ट्र उनके 6 उल्लेखनीय योगदानों को हमेशा याद रखेगा
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह अपनी आर्थिक सुधारवादी सोच और कल्याणकारी नीतियों के लिए जाने जाते हैं। उनके नेतृत्व में देश ने कई ऐसे कानून और नीतियां अपनाईं, जिनसे लाखों नागरिकों का जीवन बेहतर हुआ। आइए जानते हैं उनके कार्यकाल में हुए कुछ ऐतिहासिक बदलावों के बारे में।
1- शिक्षा का अधिकार अधिनियम (2009)
डॉ. सिंह की सरकार ने 6 से 14 वर्ष की आयु के प्रत्येक बच्चे को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार दिया। यह कानून बच्चों को उनके मौलिक अधिकार दिलाने में मील का पत्थर साबित हुआ।
2- सूचना का अधिकार (2005)
इस कानून ने प्रत्येक भारतीय नागरिक को सरकारी सूचना तक पहुंचने का अधिकार दिया, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हुई।
3- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (2013)
इस अधिनियम के माध्यम से देश के दो तिहाई परिवारों को सस्ती दरों पर खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई गई। यह कदम गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों के लिए वरदान साबित हुआ।
4- भूमि अधिग्रहण अधिनियम (2013) ने
विकास परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण किए जाने पर प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा सुनिश्चित किया।
5- वन अधिकार अधिनियम (2006)
आदिवासी समुदायों के पारंपरिक भूमि अधिकारों को बहाल करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम था।
6- मनरेगा (2005)
डॉ. सिंह की सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम लागू किया, जिससे प्रत्येक ग्रामीण परिवार को प्रति वर्ष 100 दिन रोजगार का अधिकार मिला।
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