Lal Krishna Advani: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की तबीयत बिगड़ने की खबर उनके समर्थकों और भारतीय राजनीति में गहरी चिंता का कारण बनी है। 97 वर्ष की आयु में उनका बार-बार अस्पताल में भर्ती होना उनकी बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत है। पिछले कुछ महीनों में यह उनकी चौथी बार अस्पताल में भर्ती होने की घटना है, और इससे उनकी स्थिति के प्रति और भी अधिक चिंता व्यक्त की जा रही है।
Table of Contents
आडवाणी की स्थिति स्थिर
लालकृष्ण आडवाणी की स्वास्थ्य स्थिति को लेकर चिंताएँ जारी हैं। उन्हें दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां वे न्यूरोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. विनीत सूरी की देखरेख में इलाज करवा रहे हैं। उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है, जो एक अच्छी खबर है, लेकिन अस्पताल में भर्ती होने का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है। इस साल की शुरुआत में भी उन्हें इसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जो यह संकेत करता है कि आडवाणी जी को लगातार स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं आ रही हैं। उनकी बढ़ती उम्र और उम्र से जुड़ी समस्याएं इसे और जटिल बना सकती हैं।
स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं आडवाणी
लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न जैसे सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया जाना उनके लंबी राजनीतिक यात्रा और भारतीय राजनीति में उनके योगदान का प्रतीक है। हालांकि, उनकी स्वास्थ्य समस्याओं के कारण वह राष्ट्रपति भवन में आयोजित सम्मान समारोह में शिरकत नहीं कर सके, और उन्हें यह सम्मान उनके आवास पर ही दिया गया। यह स्थिति उनकी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और बढ़ती उम्र को दर्शाती है, लेकिन यह भी दिखाता है कि उनकी महत्वपूर्ण भूमिका और योगदान के लिए उन्हें उचित सम्मान दिया गया।
परिवार और समर्थकों के लिए चिंता का विषय
भारत रत्न से सम्मानित होने के बाद भी उनकी स्थिति को लेकर चिंता बनी हुई है, और बार-बार अस्पताल में भर्ती होना उनके परिवार और समर्थकों के लिए चिंता का विषय है। उनका योगदान भाजपा और भारतीय राजनीति में हमेशा याद रखा जाएगा, चाहे उनका शारीरिक स्वास्थ्य कैसा भी हो।
पीएम मोदी ने घर जाकर दी थी जन्मदिन की बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आठ नवंबर को लालकृष्ण आडवाणी के आवास पर जाकर उन्हें जन्मदिन की बधाई देना, भारतीय राजनीति में आडवाणी जी की भूमिका और सम्मान को दर्शाता है। यह एक भावुक और सम्मानजनक क्षण था, जहां प्रधानमंत्री मोदी ने आडवाणी जी के साथ अपनी तस्वीर शेयर करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी।
8 नवंबर, 1927 को कराची में हुआ जन्म
लालकृष्ण आडवाणी का जीवन और राजनीतिक करियर भारतीय राजनीति के इतिहास का एक अहम हिस्सा है। उनका जन्म 8 नवंबर, 1927 को कराची (जो अब पाकिस्तान में है) में हुआ था, और उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के समय से ही राजनीति में सक्रियता शुरू की।
1942 में RSS से जुड़े
आडवाणी 1942 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े, जो उनकी विचारधारा और राजनीति में अहम योगदान का आधार बना। 1980 में भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) की स्थापना के बाद से वह पार्टी के अभिन्न हिस्सा रहे। वह भाजपा के सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहने वाले नेता हैं, और इस दौरान पार्टी को न केवल राजनीतिक ताकत मिली, बल्कि उन्होंने उसे राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख पार्टी के रूप में स्थापित भी किया।
गृह मंत्री और उप प्रधानमंत्री के रूप में निभाई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां
आडवाणी ने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भारत के गृह मंत्री और उप प्रधानमंत्री के रूप में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई। 1999 से 2005 तक उनके नेतृत्व में गृह मंत्रालय ने कई अहम नीतियां लागू कीं, और उनके कार्यकाल के दौरान भारतीय राजनीति में कई महत्वपूर्ण मोड़ आए। साल 2009 में भाजपा ने उन्हें प्रधानमंत्री पद का चेहरा घोषित किया, लेकिन पार्टी उस चुनाव में जीत हासिल नहीं कर पाई। फिर भी उनकी राजनीति और नेतृत्व ने भाजपा को नई दिशा दी और उसे देशभर में एक मजबूत विपक्षी पार्टी के रूप में उभारा।
यह भी पढ़ें-
CM Yogi ने सुनीं 200 लोगों की समस्याएं: बोले- गरीबों की जमीन कब्जामुक्त कराएं, दबंगों को सबक सिखाएं