Kailash Gehlot: दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता कैलाश गहलोत ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल, दुष्यंत गौतम और अन्य भाजपा नेताओं की उपस्थिति में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ली। यह कदम दिल्ली की राजनीतिक हलचल में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है।
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इस्तीफे के पीछे की बताई असली वजह
भाजपा में शामिल होने के बाद, कैलाश गहलोत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आम आदमी पार्टी छोड़ना उनके लिए आसान नहीं था। उन्होंने याद दिलाया कि वह अन्ना आंदोलन के समय से AAP से जुड़े थे और लगातार दिल्लीवासियों के लिए काम किया। उन्होंने यह भी कहा कि उनके फैसले को लेकर कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि यह किसी दबाव का नतीजा है, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी भी अपने राजनीतिक जीवन में दबाव में आकर कोई निर्णय नहीं लिया। 2015 से राजनीतिक जीवन से पार्टी में रहकर कोई भी काम दबाव में नहीं किया।
आप को बड़ा झटका
कैलाश गहलोत का भाजपा में शामिल होना दिल्ली की राजनीति में बड़े बदलाव का संकेत दे सकता है, खासकर आगामी चुनावों को देखते हुए। उनका यह कदम भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण जीत और AAP के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
ईडी और सीबीआई के दबाव में ‘आप’ छोड़ने की बात गलत
कैलाश गहलोत ने भाजपा में शामिल होने के बाद यह स्पष्ट किया कि उनके आम आदमी पार्टी छोड़ने के पीछे प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के दबाव जैसी अफवाहें पूरी तरह गलत हैं। उन्होंने कहा कि यह निर्णय एक रात में नहीं लिया गया, बल्कि यह एक सोच-समझकर लिया गया कदम है।
सेवा करने के लिए AAP से जुड़ा था
उन्होंने अपने बयान में कहा कि मैं पेशे से वकील हूं। वकालत छोड़कर आम आदमी पार्टी से जुड़ा था। लाखों कार्यकर्ता भी अपनी नौकरियां और काम छोड़कर एक विचारधारा और पार्टी के साथ जुड़े थे, क्योंकि उन्होंने उस पार्टी में एक उम्मीद देखी थी। मैंने भी दिल्लीवासियों और लोगों की सेवा करने के मकसद से AAP का हिस्सा बनने का निर्णय लिया था।
किसी भी प्रकार को कोई दबाव नहीं
कैलाश गहलोत ने यह भी कहा कि उनके AAP छोड़ने को लेकर जो “नैरेटिव” फैलाया जा रहा है, वह गलतफहमी है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय व्यक्तिगत और राजनीतिक विचारधारा में बदलाव का परिणाम है और इसका किसी भी प्रकार के दबाव से कोई लेना-देना नहीं है। यह बयान उनके राजनीतिक फैसले को स्पष्ट करने के साथ-साथ उन आरोपों को खारिज करने का प्रयास करता है, जो उनके भाजपा में शामिल होने के बाद उठे थे।
दिल्ली सरकार के खिलाफ कई गंभीर आरोप
कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी (AAP) छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने के बाद दिल्ली सरकार के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने विशेष रूप से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए हैं।
मुख्यमंत्री आवास पर लग्जरी खर्च का आरोप
गहलोत ने मुख्यमंत्री आवास की साज-सज्जा पर करोड़ों रुपये खर्च करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि जिस पार्टी ने आम आदमी की विचारधारा से शुरुआत की थी, वह अब फिजूलखर्ची और लग्जरी जीवनशैली अपनाने में लग गई है। यह आरोप पहले भी लगते रहे हैं, लेकिन अब AAP के ही एक वरिष्ठ नेता द्वारा इस पर सवाल उठाने से मामला और गंभीर हो गया है।
यमुना की सफाई पर सवाल
गहलोत ने दिल्ली में यमुना नदी की सफाई को लेकर भी केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “दिल्ली सरकार ने यमुना को साफ करने के बड़े-बड़े दावे किए थे, लेकिन हकीकत यह है कि नदी पहले से भी ज्यादा गंदी हो गई है।” गहलोत ने यह भी कहा कि दिल्लीवासियों के लिए यमुना नदी की सफाई एक बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए थी, लेकिन सरकार ने इस पर गंभीरता से काम नहीं किया।
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