Jharkhand: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने झारखंड विधानसभा चुनाव में अनुशासनहीनता के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए 30 बागी नेताओं को पार्टी से 6 वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया है। ये वे नेता हैं जिन्होंने पार्टी की ओर से तय उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव में नामांकन दाखिल किया था। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री डॉ. प्रदीप वर्मा ने मंगलवार को इस निष्कासन की घोषणा की। इस कार्रवाई का उद्देश्य चुनाव में पार्टी एकता और अनुशासन बनाए रखना है, साथ ही यह कदम उन नेताओं के लिए स्पष्ट संदेश है जो पार्टी के निर्देशों का उल्लंघन करते हैं।
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30 बागी को पार्टी से किया बाहर
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि पार्टी की नीतियों और अनुशासन का पालन नहीं करने वाले नेताओं के खिलाफ यह कार्रवाई आवश्यक थी। हजारीबाग और पलामू जिलों में सबसे अधिक पांच बागी नेताओं को पार्टी से निष्कासित किया गया है। हजारीबाग जिले में पार्टी से निष्कासित किए गए नेताओं में पूर्व जिलाध्यक्ष भैया बांके बिहारी और हर्ष अजमेरा शामिल हैं, जिन्होंने भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ नामांकन दाखिल किया था। इसके अलावा बरकट्ठा से बटेश्वर मेहता, कुमकुम देवी और सुरेंद्र मोदी ने भी पार्टी के निर्देशों के खिलाफ जाकर चुनाव में खड़े होने का निर्णय लिया, जिसके चलते इन्हें भी निष्कासन का सामना करना पड़ा।
झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी की कड़ी कार्रवाई
पलामू जिले में भी भाजपा ने कड़ी कार्रवाई करते हुए पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले नेताओं को निष्कासित कर दिया है। इसमें कर्नल संजय सिंह, विनोद सिंह, चंद्रमा कुमारी, पुष्परंजन और लक्ष्मी देवी के नाम शामिल हैं, जिन्हें पार्टी से छह वर्षों के लिए बाहर कर दिया गया है। इसी तरह, जमशेदपुर में भी पार्टी के अनुशासन का उल्लंघन करने वाले नेताओं पर कार्रवाई की गई है।
छह साल के लिए पार्टी से किया निष्कासित
जमशेदपुर की सीटों पर पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ नामांकन करने वाले शिवशंकर सिंह, विकास सिंह, राजकुमार सिंह और विमल बैठा को भी छह वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित किया गया है। इन कदमों के जरिए भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है कि अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और पार्टी की नीतियों और निर्देशों का पालन सभी के लिए अनिवार्य है।
पार्टी ने इन बागी प्रत्याशियों को दिखाया बाहर का रास्ता
भारतीय जनता पार्टी ने झारखंड विधानसभा चुनाव में अनुशासनहीनता के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए कई बागी नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इसमें दुमका की जूली यादव, लातेहार के बलवंत सिंह और संतोष पासवान, बोकारो के चितरंजन साव, रांची के हजारी प्रसाद साहू और रामावतार केरकेट्टा, गुमला के मिसिर कुजूर, पाकुड़ के मुकेश कुमार शुक्ला और शिवचरण महतो, पूर्वी सिंहभूम के रामदेव हेम्ब्रम, लोहरदगा के रामेश्वर उरांव, खूंटी के शिवशंकर बड़ाइक, गढ़वा के उपेंद्र यादव, और चतरा के उमेश भारती शामिल हैं।
अनुशासनहीनता को नहीं किया जाएगा बर्दाश्त
इसके साथ ही, पार्टी के निर्देश पर कुछ बागी उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया था। इनमें रांची से मुनचुन राय और संदीप वर्मा, नाला से सत्यानंद झा बाटुल, कांके से कमलेश राम सहित अन्य कुछ नेता शामिल थे। पार्टी ने इन कदमों के जरिए स्पष्ट संदेश दिया है कि अनुशासनहीनता को किसी भी स्तर पर सहन नहीं किया जाएगा और संगठन के हित को सर्वोपरि रखा जाएगा।
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