Jammu Kashmir Election: जम्मू-कश्मीर में 2024 के चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को एक बड़ा झटका लगा है, क्योंकि सैयद मुश्ताक बुखारी का निधन हो गया है। उनके निधन से क्षेत्र में शोक की लहर है। बुखारी ने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत नेशनल कॉन्फ्रेंस से की थी, लेकिन बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे। उनकी राजनीतिक सक्रियता और समाज में उनके योगदान के कारण उनके निधन से भाजपा को एक महत्वपूर्ण क्षति हुई है। बुखारी का निधन चुनावी मौसम में भाजपा के लिए एक चुनौती बन सकता है, क्योंकि यह पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण आधार को खोने के समान है। स्थानीय स्तर पर उनके समर्थकों और राजनीतिक साथी इस घटना से अत्यंत दुखी हैं। भाजपा और जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक परिदृश्य पर उनके योगदान और प्रभाव को याद किया जा रहा है।
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नहीं रहे पूर्व मंत्री मुश्ताक अहमद शाह बुखारी
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके सैयद मुश्ताक बुखारी का बुधवार को निधन हो गया। परिवार के अनुसार, उनकी मृत्यु दिल की गति रुकने से हुई। बुखारी सुरकोट विधानसभा से भाजपा के प्रत्याशी थे। बुखारी का निधन भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण क्षति है, और उनकी कमी का असर पार्टी और क्षेत्र की राजनीति पर पड़ेगा। उनके समर्थकों और परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की जा रही हैं।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने जताया शोक
इस दुखद समाचार पर जम्मू-कश्मीर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, सुरनकोट विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार और राजनीतिक दिग्गज सैयद मुश्ताक बुखारी साहब के निधन की खबर सुनकर स्तब्ध और बहुत दुखी हूं। यह राजौरी और पुंछ के पूरे समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। मैं अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं।
नेशनल कॉन्फ्रेंस से भाजपा में हुए थे शामिल
सैयद मुश्ताक बुखारी ने पहाड़ी समुदाय के लिए अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे के मुद्दे पर पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के साथ मतभेद के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस छोड़ दी थी। फरवरी में, केंद्र सरकार द्वारा पहाड़ी लोगों को एसटी का दर्जा दिए जाने के बाद उन्होंने भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया।
बीजेपी ने सुरनकोट से दिया टिकट
बुखारी की राजनीतिक यात्रा में एक महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब उन्होंने 1996 में फारूक अब्दुल्ला की सरकार में मंत्री के रूप में कार्य किया। उनके अनुभव और राजनीतिक पृष्ठभूमि ने उन्हें भाजपा में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया, जहाँ उन्होंने सुरकोट विधानसभा से पार्टी का प्रतिनिधित्व किया।