Haryana Election Result: हरियाणा के चुनाव परिणाम ने साबित कर दिया है कि चौटाला परिवार के लिए यह चुनाव काफी खराब रहा है। गुटों में बंटने के कारण उनकी राजनीतिक स्थिति कमजोर हो गई है। पहले हरियाणा में चौटाला परिवार का प्रभुत्व था, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि दुष्यंत चौटाला की पार्टी की शक्ति तेजी से घट रही है, जैसे जम्मू-कश्मीर में भाजपा ने महबूबा मुफ्ती को अप्रासंगिक बना दिया है।
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दुष्यंत और अभय दोनों बुरी तरह हार गए
हरियाणा के विधानसभा चुनाव में चौटाला परिवार से जुड़ी इंडियन नेशनल लोकदल और जननायक जनता पार्टी को चुनाव में सफलता नहीं मिली। दुष्यंत चौटाला और अभय चौटाला दोनों अपनी-अपनी सीटों पर बुरी तरह हार गए, जिससे यह स्पष्ट होता है कि परिवार के लिए यह चुनाव चुनौतीपूर्ण रहा।
अर्जुन चौटाला अपनी सीट बचाने में रहे कामयाब
हरियाणा में जाट राजनीति के प्रतीक अर्जुन चौटाला अपनी सीट बरकरार रखने में सफल रहे, जबकि दुष्यंत चौटाला उचाना कलां से छठे स्थान पर रहे और उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा। जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने 70 सीटों पर उम्मीदवार उतारे, लेकिन चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत सकी। उन्होंने इस बार सांसद चंद्रशेखर आजाद की आसपा (कांशीराम) के साथ मिलकर चुनाव लड़ा।
खट्टर की सरकार बनाने के फैसले से जेजेपी को नुकसान
2019 में भाजपा को समर्थन देकर मनोहर लाल खट्टर की सरकार बनाने के फैसले ने जेजेपी को नुकसान पहुंचाया। किसानों के आंदोलन के दौरान जेजेपी के नेता भाजपा के साथ खड़े रहे, जिसके कारण पार्टी के उम्मीदवारों को किसानों का कड़ा विरोध झेलना पड़ा। इस स्थिति ने जेजेपी के चुनावी प्रदर्शन को प्रभावित किया।
अर्जुन चौटाला हरियाणा में जाट राजनीति की नई उम्मीद
दुष्यंत चौटाला के भाई दिग्विजय चौटाला भी चुनाव में हार गए, जिससे जेजेपी का भाजपा से अलग होकर चुनाव लड़ने का निर्णय नुकसानदायक साबित हुआ। अभय चौटाला की इनेलो और दुष्यंत चौटाला की जेजेपी दोनों की राजनीतिक ताकत में कमी आई। इस बीच, अर्जुन चौटाला ने अपनी रानिया सीट बचाने में सफलता पाई, जिससे वे जाटलैंड की राजनीति में नई उम्मीद के रूप में उभरे।
चौटाला परिवार के कुल 6 उम्मीदवार मैदान में थे
हरियाणा विधानसभा चुनाव में चौटाला परिवार के कुल 6 उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें दुष्यंत चौटाला, सुनैना चौटाला, अभय चौटाला, आदित्य चौटाला, दिग्विजय चौटाला और अर्जुन चौटाला शामिल थे। हालांकि, इस चुनाव में दुष्यंत, सुनैना, अभय, आदित्य और दिग्विजय सभी हार गए, जबकि अर्जुन चौटाला अपनी सीट बचाने में सफल रहे। यह नतीजे चौटाला परिवार की राजनीतिक स्थिति को चुनौती देते हैं।
चौटाला परिवार की सियासी स्थिति में भारी गिरावट
हरियाणा विधानसभा चुनाव में केवल अर्जुन चौटाला को जीत मिली, जबकि चौटाला परिवार के अन्य सभी उम्मीदवार हार गए। चौधरी देवीलाल और ओम प्रकाश चौटाला जैसे नेताओं के नेतृत्व में इस परिवार का राज्य की राजनीति में लंबे समय से दबदबा रहा है। हालिया चुनाव परिणाम ने स्पष्ट किया है कि चौटाला परिवार की सियासी स्थिति में भारी गिरावट आई है, जिससे उनकी राजनीतिक जमीन भी हिलती नजर आ रही है।