Fuel Price: लोकसभा चुनाव 2024 खत्म होने के बाद पेट्रोल और डीजल महंगा हो गया है। सरकारी खजाना भरने के लिए जनता पर महंगाई को बोझ बढ़ गया है। कर्नाटक सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर सेल्स टैक्स में बढ़ा दिया है। कांग्रेस सरकार ने आज यानी 15 जून को इसका ऐलान कर दिया है। राज्य सरकार की अधिसूचना के मुताबिक, कर्नाटक बिक्री कर (केएसटी) पेट्रोल पर 25.92 प्रतिशत से बढ़ाकर 29.84 प्रतिशत कर दिया है। वहीं, डीजल पर 14.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 18.4 प्रतिशत हो गया है। वित्त विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि यह तुरंत प्रभाव से लागू होगा। भारतीय जनता पार्टी ने हिमाचल प्रदेश के बाद अब कर्नाटक में भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है। भाजपा ने कांग्रेस के साथ ही पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि इंडी गठबंधन का मतलब आम आदमी को लूटना है।
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पेट्रोल 3 रुपए और डीजल 3.20 रुपए महंगा
कर्नाटक सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमते बढ़ाकर जनता को महंगाई का झटका दिया है। प्रदेश में पेट्रोल 3 रुपए और डीजल 3.20 रुपए महंगा हो गया। कांग्रेस सरकार के आदेश के अनुसार, पेट्रोल 25.92 से 29.84 फीसदी और डीजल 14.34 फीसदी से 18.44 फीसदी तक सेल्स टैक्स बढ़ा दिया है। बेंगलुरू में इस समय पेट्रोल 99.84 रुपए प्रति लीटर पर, जबकि डीजल 85.93 रुपए प्रति लीटर पर मिल रहा है।
कांग्रेस की गारंटियां आम जनता की जेब पर भारी
वित्त विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, ईंधन की कीमतें बढ़ने से इस वित्तीय वर्ष में करीब 2,500-2,800 करोड़ रुपए जुटाए जाएंगे। प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने पर कई गारंटियों की घोषणा की थी। इसके लिए अतिरिक्त राजस्व जुटाना राज्य सरकार के सामने बड़ी चुनौती है। ऐसे में राज्य सरकार ने भारतीय निर्मित शराब (आईएमएल) पर सभी स्लैबों पर 20 प्रतिशत अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (एईडी) लागू कर दिया है। वहीं, बीयर पर एईडी 175 प्रतिशत से बढ़ाकर 185 प्रतिशत कर दिया है। इसके अलावा नए पंजीकृत परिवहन वाहनों पर 3 प्रतिशत अतिरिक्त उपकर बढ़ाया गया है।
घाटे में चल रही कर्नाटक सरकार
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का कहना है कि उनकी सरकार घाटे में चल रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार सिद्धारमैया के 2024-25 के राजस्व-घाटे वाले बजट में कुल 3,71,383 करोड़ रुपए का रेवेन्यू है। 27,354 करोड़ रुपए के घाटे के साथ, यह संभवतः पहली बार है जब किसी वित्तीय वर्ष में वार्षिक उधारी 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक हुई है।
बीजेपी ने बोला कांग्रेस पर जोरदार हमला
हिमाचल के बाद अब कर्नाटक में भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी पर बीजेपी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। बीजेनी ने कांग्रेस के सिद्धांत की तुलना हाथी के दांत से करते हुए आरोप लगाया कि कर्नाटक राज्य को दिवालिया बनाने के बाद अब कांग्रेस की सरकार अपनी नीतियों के लिए ‘जजिया’ लगा रही है। भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के फैसले को किसान और आम आदमी विरोधी करार दिया है। पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस महंगाई की शिकायत करती रहती है लेकिन अपने ही राज्यों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ा देती है। हिमाचल प्रदेश के बाद अब कर्नाटक में पेट्रोल-डीजल की कीमत को बढ़ा दिया गया।
कांग्रेस की गारंटियों का प्रभाव:
कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी ने चुनाव के दौरान कई गारंटियों का वादा किया था, जिनमें मुफ्त बिजली, मुफ्त राशन, और अन्य सामाजिक कल्याण योजनाएं शामिल थीं। इन गारंटियों को पूरा करने के लिए सरकार को वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता होती है, जो करों और ईंधन की कीमतों में वृद्धि के माध्यम से जुटाए जा सकते हैं। इन गारंटियों को लागू करने के लिए राज्य सरकार पर वित्तीय दबाव बढ़ा है, जिसके परिणामस्वरूप ईंधन की कीमतों में वृद्धि की गई है।
प्रभाव:
उपभोक्ता बजट: पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि का सीधा असर आम उपभोक्ताओं के बजट पर पड़ता है, जिससे उनके मासिक खर्चे बढ़ जाते हैं।
परिवहन लागत: ईंधन की कीमतों में वृद्धि से परिवहन लागत बढ़ती है, जिसका असर वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों पर पड़ता है।
मुद्रास्फीति: ईंधन की कीमतें बढ़ने से मुद्रास्फीति बढ़ सकती है, जिससे जीवन यापन की लागत में वृद्धि हो सकती है।
कृषि क्षेत्र: डीजल की कीमत बढ़ने से खेती की लागत बढ़ जाती है, जिससे किसानों पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है।