Delhi Elections: दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (आप) को बड़ा झटका लगा है। शुक्रवार को इस्तीफा देने वाले आठ विधायकों ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया। इन विधायकों में गिरीश सोनी (मादीपुर), भावना गौड़ (पालम), मदन लाल (कस्तूरबा नगर), पवन शर्मा (आदर्श नगर), राजेश ऋषि (उत्तम नगर), बीएस जून (बिजवासन), रोहित मेहरौलिया (त्रिलोकपुरी) और नरेश यादव (महरौली) शामिल हैं।
Table of Contents
भाजपा में शामिल होने का कारण
दिलचस्प बात यह है कि आम आदमी पार्टी ने इन विधायकों में से किसी को भी आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया था। इसके अलावा, पूर्व विधायक विजेंद्र गर्ग, निगम पार्षद अजय राय और सुनील चड्डा ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। इन नेताओं ने पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर अपनी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और विधानसभा अध्यक्ष को भी अपने इस्तीफे की सूचना दी थी।
राजनीतिक समीकरणों पर असर
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है। ऐसे में इन आठ विधायकों का भाजपा में शामिल होना भाजपा की रणनीति को मजबूत कर सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इन नेताओं के आने से भाजपा को जमीनी स्तर पर मजबूती मिलेगी, खासकर उन विधानसभा क्षेत्रों में जहां वे पहले से सक्रिय थे।
भाजपा ने इसे बताया ‘ऐतिहासिक दिन’
भाजपा के वरिष्ठ नेता बैजयंत जय पांडा ने इन विधायकों का स्वागत करते हुए इसे एक ‘ऐतिहासिक दिन’ बताया। उन्होंने कहा कि इन नेताओं को ‘आपदा’ (आप) से मुक्ति मिल गई है और उम्मीद जताई कि 5 फरवरी को होने वाले चुनाव के बाद दिल्ली भी इससे मुक्त हो जाएगी। भाजपा नेताओं ने इस घटनाक्रम को आम आदमी पार्टी की गिरती लोकप्रियता का संकेत बताया।
दिल्ली में चुनावी माहौल गरमाया
दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर 5 फरवरी को एक ही चरण में मतदान होगा और 8 फरवरी को मतगणना के बाद नतीजे घोषित किए जाएंगे। चुनाव से महज कुछ दिन पहले विधायकों का इस तरह पार्टी बदलना राजनीतिक सरगर्मियों को और बढ़ा सकता है। आम आदमी पार्टी के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में उसने भारी बहुमत से जीत दर्ज की थी।
आम आदमी पार्टी की प्रतिक्रिया
विधायकों के इस्तीफे और भाजपा में शामिल होने पर आम आदमी पार्टी की तरफ से आधिकारिक बयान जारी किया गया। पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि जिन नेताओं को टिकट नहीं मिला, उन्होंने अवसरवादी राजनीति अपनाते हुए भाजपा का रुख कर लिया। उन्होंने दावा किया कि इससे पार्टी की चुनावी संभावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा और जनता आम आदमी पार्टी को एक बार फिर मौका देगी।
भविष्य की रणनीति
भाजपा इन नए नेताओं के सहारे अपनी चुनावी रणनीति को धार दे सकती है, वहीं आम आदमी पार्टी के लिए यह चुनौतीपूर्ण स्थिति हो सकती है। कांग्रेस भी इन घटनाओं पर नजर बनाए हुए है और अपने पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास कर रही है।
यह भी पढ़ें:-
Budget 2025: आर्टिकल 370 से लेकर डिजिटल फ्रॉड तक, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के भाषण की 10 बड़ी बातें