Bihar Cabinet Expansion: बिहार में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी कैबिनेट का विस्तार कर बड़ा सियासी संदेश दिया है। मंगलवार को राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सात विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। इससे पहले बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दिया था, जिसके बाद यह विस्तार हुआ। शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर ने विधायकों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
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बीजेपी के कोटे के भरे गए खाली पद
नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार के इस कैबिनेट विस्तार से जहां बीजेपी कोटे के सभी खाली पद भर गए हैं, वहीं विधानसभा चुनाव से पहले गठबंधन की मजबूती का संदेश भी गया है। नए मंत्रियों के सामने विकास कार्यों को गति देने और जनता के विश्वास को बनाए रखने की चुनौती होगी। अब देखना यह है कि यह नया मंत्रीमंडल चुनावी रणभूमि में जनता की कसौटी पर कितना खरा उतरता है।
किन नेताओं ने ली मंत्री पद की शपथ?
मंगलवार को जिन सात बीजेपी विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली, उनके नाम इस प्रकार हैं:
- संजय सरावगी (विधायक, दरभंगा)
- सुनील कुमार (विधायक, बिहारशरीफ)
- जीवेश मिश्रा (विधायक, जाले)
- राजू कुमार सिंह (विधायक, साहेबगंज)
- मोती लाल प्रसाद (विधायक, रिगा)
- विजय कुमार मंडल (विधायक, भागलपुर)
- कृष्ण कुमार मंटू (विधायक, कटिहार)
इनमें सबसे खास बात यह रही कि दरभंगा के विधायक संजय सरावगी और जाले के विधायक जीवेश मिश्रा मिथिला पाग पहनकर शपथ लेने पहुंचे, जो मिथिला संस्कृति की पहचान है।
नए मंत्रियों का राजनीतिक सफर और अनुभव
संजय सरावगी: दरभंगा से बीजेपी विधायक संजय सरावगी मिथिला क्षेत्र की मजबूत आवाज माने जाते हैं। उनका प्रशासनिक अनुभव और संगठन में सक्रियता उन्हें मंत्री पद के लिए उपयुक्त बनाती है।
सुनील कुमार: पेशे से डॉक्टर सुनील कुमार 2013 में बीजेपी में शामिल हुए थे। इससे पहले उन्होंने जेडीयू के टिकट पर 2005 और 2010 के विधानसभा चुनाव जीते थे। इस बार बिहारशरीफ से बीजेपी विधायक के तौर पर चुने गए हैं।
जीवेश मिश्रा: जाले विधानसभा क्षेत्र से विधायक जीवेश मिश्रा नवंबर 2020 से अगस्त 2022 तक श्रम मंत्री रह चुके हैं। उनके अनुभव को देखते हुए उन्हें फिर से कैबिनेट में जगह दी गई है।
राजू कुमार सिंह: राजनीति की शुरुआत लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) से करने वाले राजू कुमार सिंह अब साहेबगंज से बीजेपी विधायक हैं। उनकी क्षेत्र में लोकप्रियता और संगठन में पकड़ को ध्यान में रखते हुए मंत्री पद सौंपा गया है।
मोती लाल प्रसाद, विजय कुमार मंडल और कृष्ण कुमार मंटू भी अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रियता के लिए जाने जाते हैं और संगठन में उनकी भूमिका अहम रही है।
मौजूदा कैबिनेट में अब कितने मंत्री?
बिहार सरकार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दो डिप्टी सीएम समेत कुल 30 मंत्री हैं। भारतीय संविधान के तहत राज्य मंत्रिपरिषद में अधिकतम 36 मंत्री हो सकते हैं। दिलीप जायसवाल के इस्तीफे के बाद बीजेपी कोटे के सात पद खाली थे, जिन्हें अब भर दिया गया है।
सियासी प्रतिक्रिया और विपक्ष का रुख
कैबिनेट विस्तार पर राष्ट्रीय लोक जनता पार्टी (आरएलएम) अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, “मंत्रिपरिषद का यह विस्तार पहले से तय था। जब पूरी कैबिनेट बनी थी, तब बीजेपी कोटे की कुछ सीटें खाली रह गई थीं, उसी आधार पर यह विस्तार हुआ है। इसमें कुछ भी चौंकाने वाला नहीं है। विपक्ष, खासकर आरजेडी को अपनी बेचैनी पर काबू रखना चाहिए।”
वहीं, आरजेडी ने इस विस्तार को आगामी चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक संतुलन साधने की कोशिश बताया है। पार्टी प्रवक्ता ने कहा, “यह विस्तार जनता की समस्याओं का हल नहीं है। बेरोजगारी, महंगाई और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दे अभी भी गंभीर हैं।”
चुनावी समीकरण साधने की कोशिश
बिहार में विधानसभा चुनाव कुछ ही महीनों बाद होने हैं। ऐसे में बीजेपी और जेडीयू गठबंधन अपने समीकरण मजबूत करने में जुट गया है। मिथिला, मगध और सीमांचल क्षेत्रों से मंत्रियों को शामिल कर सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन साधने की कोशिश की गई है। यह विस्तार बीजेपी के संगठन को मजबूत करने और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए भी अहम माना जा रहा है।