Rule Change: 1 अक्टूबर से आम आदमी की जिंदगी से जुड़ी कई चीजों में बदलाव होने जा रहे हैं, जिनका सीधा असर उनके रोजमर्रा के खर्चों और वित्तीय योजनाओं पर पड़ेगा। हर महीने की पहली तारीख को सरकारी और गैर-सरकारी कंपनियां अपने नियमों में बदलाव करती हैं, और अक्टूबर की शुरुआत में भी ऐसे कई महत्वपूर्ण परिवर्तन लागू होंगे। आइए जानते हैं, वे कौन-कौन से बदलाव हैं जो 1 अक्टूबर 2024 से लागू होने जा रहे हैं।
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एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में बदलाव
हर महीने की पहली तारीख को रसोई गैस (LPG) सिलेंडर की कीमतों में बदलाव किया जाता है। तेल कंपनियां कीमतों की समीक्षा करके नई दरें जारी करती हैं, जिससे घरेलू और व्यावसायिक सिलेंडरों की कीमतें बढ़ या घट सकती हैं। इसका सीधा असर रसोई के बजट पर पड़ेगा।
पीपीएफ और छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दर
सरकार छोटी बचत योजनाओं जैसे पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना, किसान विकास पत्र और राष्ट्रीय बचत पत्र की ब्याज दरों की समीक्षा करती है। 1 अक्टूबर से ब्याज दरों में बदलाव हो सकता है, जिसका असर निवेशकों की बचत और उनके रिटर्न पर पड़ेगा।
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) के नियमों में बदलाव
सुकन्या समृद्धि योजना बेटियों के लिए बचत की एक लोकप्रिय योजना है। 1 अक्टूबर से इसके ब्याज दरों में बदलाव हो सकता है या नए नियम लागू हो सकते हैं। इससे उन परिवारों को असर होगा जो इस योजना के तहत बेटियों के भविष्य के लिए निवेश करते हैं।
क्रेडिट कार्ड और बैंकिंग नियमों में बदलाव
क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ताओं के लिए शुल्क, लेनदेन की लिमिट, और ब्याज दरों में बदलाव संभव है। इसके अलावा, कुछ बैंकों में मिनिमम बैलेंस या अन्य बैंकिंग सेवाओं से जुड़े नियमों में भी बदलाव हो सकता है, जिससे बैंकिंग सेवाओं का उपयोग करने वाले ग्राहकों पर असर पड़ेगा।
एयर टर्बाइन फ्यूल (ATF) की कीमतें
हवाई ईंधन की कीमतें हवाई यात्रा की लागत को प्रभावित करती हैं। सितंबर में ATF की कीमतों में कटौती हुई थी, जिससे हवाई किराए में संभावित राहत मिली थी। अब 1 अक्टूबर को कंपनियां फिर से इनकी कीमतों की समीक्षा करेंगी। अगर कीमतें बढ़ाई जाती हैं, तो हवाई टिकटों की लागत पर असर पड़ सकता है।
CNG और PNG की कीमतें
हर महीने की पहली तारीख को सीएनजी (कंप्रेस्ड नेचुरल गैस) और पीएनजी (पाइप्ड नेचुरल गैस) की कीमतों में भी बदलाव किया जाता है। इसका सीधा असर पब्लिक ट्रांसपोर्ट, जैसे ऑटो और टैक्सी के किराए, और घरों में इस्तेमाल होने वाली गैस पर पड़ता है। 1 अक्टूबर से इनकी कीमतें भी संशोधित हो सकती हैं, जो उपभोक्ताओं की जेब पर भारी असर डाल सकती हैं।