Nursing College: मध्य प्रदेश में नर्सिंग होम्स में गड़बड़ी की शिकायत सामने आई है। इस मामल में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सख्त निर्देश दिए है। हाईकोर्ट ने इस मामले में बड़ा आदेश देते हुए कहा कि प्रदेश भर के शेष नर्सिंग कॉलेजों की भी सीबीआई जांच होगी। बताया जा रहा है कि अभी करीब 200 कॉलजे बचे हुए है, जो इस जांच के दायरे में है। कोर्ट ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो हाई कोर्ट खुद जांच करेगा कि मप्र में नर्सिंग कॉलेज कैसे चलाए जा रहे हैं। मामले की पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ता के वकील आलोक बागरेशा ने आरोप लगाया था कि सीबीआई ने केवल एमपी मेडिकल यूनिवर्सिटी से संबद्ध नर्सिंग कॉलेजों के मामलों की जांच की, लेकिन संबद्ध नर्सिंग कॉलेजों को छोड़ दिया।
हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी
याचिकाकर्ता ने कोर्ट में बताया कि नए खोले गए कॉलेज मापदंडों केे अनुसार ठीक नहीं है। इसके उदाहरण भी याचिकाकर्ता ने पेश कर बचे हुए उन कॉलेजों की जांच की मांग की है। साथ ही सत्र 2022-23 में नए खुले फर्जी नर्सिंग कॉलेजों के फोटो भी पेश किए, जिस पर हाईकोर्ट ने नाराजगी और आश्चर्य व्यक्त की। साथ ही सरकार से अपात्र कॉलेजों को मान्यता देने वालों पर कार्रवाई करने की मांग की है। जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस अचल कुमार पालीवाल की स्पेशल बेंच ने यह सुनवाई की है।
350 नर्सिंग कॉलेजों और 50 अन्य कॉलेजों पर रिपोर्ट पेश
हाईकोर्ट ने जिस सीबीआई को राज्य के सभी नर्सिंग कॉलेजों की स्थिति की जांच करने के लिए कहा था, उसने पिछली दो सुनवाई में 350 नर्सिंग कॉलेजों और फिर 50 अन्य कॉलेजों पर रिपोर्ट पेश की थी। कोर्ट ने विशाल बघेल की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य के सभी नर्सिंग कॉलेजों के मामलों की सीबीआई जांच का आदेश दिया था, जिन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि वर्ष 2020-21 में 55 नए नर्सिंग कॉलेजों को मंजूरी दी गई थी।
अधिकांश कॉलेजों में नर्सिंग चलाने की सुविधाएं नहीं
एमपी नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल राज्य के विभिन्न आदिवासी जिलों में संचालित होगी। प्रस्तावित महाविद्यालयों में उपलब्ध सुविधाओं के समुचित निरीक्षण और भौतिक सत्यापन के बाद मंजूरी दी गई। लेकिन इनमें से अधिकांश कॉलेजों में नर्सिंग कॉलेज चलाने के लिए अपेक्षित सुविधाएं नहीं हैं। इन्हें छोटे घरों में चलाया जा रहा है, इनमें उचित प्रयोगशालाओं और अन्य सुविधाओं का अभाव है।