Illegal Arms Factory: मध्य प्रदेश के भिंड जिले के एक सुदूर ग्रामीण इलाके में किराए के फार्महाउस पर चल रही अवैध देसी हथियार फैक्ट्री का पुलिस ने शुक्रवार को भंडाफोड़ कर दिया। पुलिस अधीक्षक (एसपी) असित यादव ने बताया कि छापेमारी में 12 देसी पिस्तौलें, तीन जिंदा कारतूस और हथियार निर्माण का भारीपूरा सामान जब्त किया गया। यह कार्रवाई एक स्थानीय गिरोह द्वारा उत्तर प्रदेश से कुशल श्रमिकों को 50,000 रुपये मासिक वेतन पर रखकर संचालित औद्योगिक स्तर की फैक्ट्री को निशाना बनाकर की गई। गिरोह के चार सदस्य हिरासत में हैं, जबकि मुख्य कारीगर फरार है, जिस पर 10,000 रुपये का इनाम घोषित किया गया है।
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Illegal Arms Factory: फार्महाउस पर किराए का धंधा
भिंड के रूपवाई गांव के एक फार्महाउस को गिरोह ने 20,000 रुपये मासिक किराए पर लिया था। एसपी असित यादव ने पत्रकारों को बताया कि गिरोह ने उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले से दो कुशल बंदूक बनाने वाले कारीगरों को बुलाया था। ये कारीगर हथियार निर्माण में माहिर थे और फैक्ट्री को एक व्यवस्थित व्यवसाय की शक्ल दी गई थी, जिसमें मासिक वेतन, उत्पादन लक्ष्य और सामग्री आपूर्ति की पूरी व्यवस्था शामिल थी। छापेमारी के दौरान चार आरोपी पिस्तौलें असेंबल करते हुए पकड़े गए। पुलिस ने मौके से ड्रिल मशीनें, ग्राइंडर, लोहे की नालें, वर्मा, फनल और अन्य उपकरण बरामद किए, जो हथियार बनाने के लिए इस्तेमाल हो रहे थे।
यह फैक्ट्री 19 सितंबर से सक्रिय थी और अब तक 22 पिस्तौलें तैयार कर चुकी थी। इनमें से कम से कम सात हथियार अवैध बाजार में बेचे जा चुके थे। एसपी ने कहा, यह कोई छोटा-मोटा अपराध नहीं, बल्कि एक संगठित उद्योग था, जो क्षेत्रीय अपराध को बढ़ावा दे रहा था। गिरोह ने उत्पादन लक्ष्य निर्धारित कर रखे थे, ताकि मासिक आय सुनिश्चित रहे।
Illegal Arms Factory: संदिग्ध की गिरफ्तारी से खुले राज
कार्रवाई की शुरुआत बरोही थाना प्रभारी अतुल भदौरिया को मिली मुखबिर सूचना से हुई। सूचना थी कि अमलहारी गांव के चौराहे पर एक व्यक्ति अवैध पिस्तौल बेचने की फिराक में है। पुलिस टीम तुरंत मौके पर पहुंची और संदिग्ध को धर दबोचा। उसके कब्जे से एक 32 बोर की पिस्तौल, तीन 315 बोर की पिस्तौलें और तीन जिंदा कारतूस बरामद हुए। पूछताछ में आरोपी ने फार्महाउस पर चल रही गुप्त फैक्ट्री का खुलासा किया।
Illegal Arms Factory: उत्तर प्रदेश से कारीगर बुलाए
पुलिस ने फौरन छापा मारा और फैक्ट्री का पूरा जखीरा जब्त कर लिया। एसपी ने बताया कि आरोपियों ने कबूल किया कि हथियार बनाने की सामग्री उत्तर प्रदेश के इटावा, मैनपुरी और एटा जिलों से मंगवाई जाती थी। ये जिले अवैध हथियार तस्करी के लिए कुख्यात हैं। गिरोह के सदस्यों ने बताया कि वे हथियारों को स्थानीय अपराधियों और सीमापार तस्करों को ऊंचे दामों पर बेचते थे।
Illegal Arms Factory: फरार मुख्य आरोपी पर 10 हजार का इनाम
पुलिस ने हथियारों के तीन खरीदारों को भी गिरफ्तार कर लिया है, जो विभिन्न अपराधों में लिप्त पाए गए। इनकी तलाश अन्य खरीदारों और गिरोह के सहयोगियों की चल रही है। फार्महाउस पर काम करने वाला मुख्य बंदूक बनाने वाला कारीगर, जो उत्तर प्रदेश का कुख्यात अपराधी है, फरार हो गया। उसकी पहचान मैनपुरी जिले के एक वांछित अपराधी के रूप में हुई है। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर 10,000 रुपये का इनाम घोषित कर दिया है। एसपी यादव ने कहा कि फरारी आरोपी को जल्द पकड़ लिया जाएगा और पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जाएगा।
Illegal Arms Factory: क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा, पुलिस की सतर्कता बढ़ी
यह घटना भिंड और उत्तर प्रदेश सीमा पर अवैध हथियार तस्करी के नेटवर्क को उजागर करती है। भिंड जिला, जो चंबल घाटी के बीहड़ों से सटा हुआ है, लंबे समय से अपराध का केंद्र रहा है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, ऐसी फैक्टरियां स्थानीय अपराध, डकैती और हत्या जैसे मामलों को बढ़ावा देती हैं। इस कार्रवाई से क्षेत्र में हथियारों की आपूर्ति पर अंकुश लगेगा।
Illegal Arms Factory: आर्म्स एक्ट और अन्य धाराओं में मामला दर्ज
एसपी असित यादव ने अपील की कि नागरिक संदिग्ध गतिविधियों की सूचना पुलिस को दें। उन्होंने कहा, हमारी प्राथमिकता अपराध मुक्त भिंड बनाना है। मुखबिरों की भूमिका सराहनीय रही। पुलिस ने मामला आर्म्स एक्ट और अन्य धाराओं के तहत दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। गिरोह के अन्य सदस्यों और आपूर्तिकर्ताओं की धरपकड़ के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं।
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