Fertilizer Crisis: मध्यप्रदेश के दतिया जिले में डीएपी खाद की कमी के कारण किसान काफी परेशान हो रहे हैं। उन्हें खाद प्राप्त करने के लिए सुबह 6 बजे से लंबी लाइनों में लगना पड़ता है। किसानों को खाद प्राप्त करने का एकमात्र तरीका टोकन प्रणाली है, जिसके तहत सुबह 10 बजे के बाद टोकन बांटे जाते हैं। इसके बाद, किसान अपनी बारी का इंतजार करते हैं, लेकिन पूरा दिन लाइन में खड़े रहने के बावजूद यह कोई गारंटी नहीं होती कि उन्हें खाद मिल पाएगी। इस स्थिति ने किसानों के बीच प्रशासन की विफलता को लेकर असंतोष पैदा कर दिया है, और वे खाद की किल्लत के समाधान के लिए अधिकारियों से सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।
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फसलों की वृद्धि और उपज हो रही है प्रभावित
यह स्थिति किसानों के लिए बहुत ही तनावपूर्ण और निराशाजनक है, क्योंकि वे अपनी फसलों के लिए जरूरी खाद प्राप्त करने के लिए दिनभर की मेहनत करते हैं, लेकिन कभी-कभी उन्हें खाद नहीं मिल पाती। इसके कारण उनकी फसलों की वृद्धि और उपज प्रभावित हो रही है, और वे भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
खाद की कमी से अन्नदाता परेशान
दतिया जिले में डीएपी खाद की गंभीर किल्लत के कारण स्थिति बहुत तनावपूर्ण हो गई है। खाद की वितरण प्रक्रिया को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन को अब पुलिस की मदद लेनी पड़ रही है। हाल ही में इस समस्या के खिलाफ किसानों ने कृषि उपज मंडी के सामने विरोध प्रदर्शन किया और मंडी के सामने जाम लगा दिया। यह स्थिति खाद की भारी कमी को लेकर किसानों के बढ़ते गुस्से का संकेत है।
रबी सीजन के दौरान भेजा था 81,400 टन खाद
दतिया जिले में रबी सीजन के दौरान 81,400 टन यूरिया, डीएपी, और एनपीके खाद की डिमांड प्रशासन को भेजी गई थी। हालांकि, अब तक जिले में केवल 24,057 टन खाद ही उपलब्ध हो पाया है, जिसके कारण खाद की कमी और भी बढ़ गई है। यह कमी किसानों के लिए बड़ी परेशानी का कारण बन रही है, जिससे उनकी फसलों पर असर पड़ने की संभावना है और कृषि कार्यों में देरी हो रही है। खाद के लिए हो रही यह किल्लत अब जिले में एक गंभीर संकट बन चुकी है।
वोट मिलने के बाद कोई नहीं ले रहा किसानों की सुध
खाद की किल्लत को लेकर दतिया जिले के किसानों में गहरा गुस्सा और निराशा देखी जा रही है। एक किसान ने बताया कि उसे दो बोरी खाद की जरूरत थी, लेकिन घंटों लंबी लाइन में खड़े रहने के बाद भी उसे खाद नहीं मिली। उसने कहा, जब सरकार को वोट चाहिए होता है तो वोट मिल जाता है, लेकिन उसके बाद हमारी कोई सुध नहीं ली जाती।
किसानों में गहरा गुस्सा और निराशा
वहीं, एक अन्य किसान ने इस समस्या को और गंभीर बताते हुए कहा कि 70 साल के बुजुर्ग भी खाद पाने के लिए परेशान हो रहे हैं, लेकिन प्रशासन उनकी मदद नहीं कर रहा है। किसान यह महसूस कर रहे हैं कि वे रोज़ यहां आकर केवल निराश और परेशान हो रहे हैं, और किसी तरह की राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है।
खाद लेने के लिए घंटों लाइन में लगे किसान, मायूस होकर घर लौटे
कानपुर में खाद की गंभीर कमी के कारण किसानों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। किसान खाद प्राप्त करने के लिए घंटों लंबी कतारों में अपनी बारी का इंतजार करते हैं, लेकिन बावजूद इसके, कई किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है। खासकर कानपुर देहात के सहकारी समितियों पर यह स्थिति और भी चिंताजनक हो गई है, जहां खाद की उपलब्धता नहीं हो रही है, जिससे किसानों में असंतोष और निराशा बढ़ रही है।
अधिकारियों का दावा, खाद की कोई कमी नहीं
हालांकि, संबंधित अधिकारी दावा कर रहे हैं कि खाद की कोई कमी नहीं है और किसानों को समय पर खाद दी जा रही है। वे इसे केवल वितरण की प्रक्रिया से जुड़ी समस्या मानते हैं। लेकिन किसानों का कहना है कि लंबी लाइनें और वितरण की व्यवस्था की खामियां इस समस्या का मुख्य कारण हैं। उनका मानना है कि प्रशासन की ओर से खाद की आपूर्ति की स्थिति और वितरण व्यवस्था में सुधार की जरूरत है, ताकि वे समय पर अपनी जरूरत की खाद प्राप्त कर सकें और उनकी फसलों की देखभाल में कोई रुकावट न आए।
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