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Tuesday, October 14, 2025
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21 मौतें के बाद कफ सिरप कांड में बड़ा एक्शन, श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स का मालिक गिरफ्तार

Cough syrup: मध्य प्रदेश पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए विशेष जांच दल (SIT) गठित किया। SIT ने तमिलनाडु जाकर कंपनी की फैक्ट्री की तलाशी ली, सीसीटीवी फुटेज खंगाले और गवाहों से पूछताछ की।

Cough syrup: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में दूषित ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप से 21 मासूम बच्चों की मौत ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। इस जानलेवा घोटाले में मध्य प्रदेश पुलिस ने बड़ा एक्शन लेते हुए तमिलनाडु की श्रीसन मेडिकल्स कंपनी के मालिक रंगनाथन को हिरासत में ले लिया। तीन दिन से फरार चल रहे रंगनाथन की गिरफ्तारी को जांच में मील का पत्थर माना जा रहा है। कंपनी पर मिलावटी दवा बनाने का आरोप है, जिसकी लैब रिपोर्ट ने सारी सच्चाई उजागर कर दी। मध्य प्रदेश और तमिलनाडु सरकारों के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं, जबकि दवा उद्योग की लापरवाही पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

Cough syrup: 21 बच्चों की जिंदगियां लील गया कफ सिरप

यह त्रासदी छिंदवाड़ा के विभिन्न इलाकों में फैली, जहां गरीब परिवारों के बच्चे सर्दी-खांसी के इलाज के लिए सस्ते कोल्ड्रिफ सिरप पर निर्भर थे। सितंबर के अंत तक 21 बच्चों की मौत की पुष्टि हो चुकी थी और डॉक्टरों ने दवा में मौजूद विषाक्त तत्वों को मौत का कारण बताया। श्रीसन मेडिकल्स, जो तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले के सुंगुवरचत्रम में स्थित है, पिछले 14 वर्षों से इस सिरप का उत्पादन कर रही थी। कंपनी का यह उत्पाद मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में वितरित होता रहा, लेकिन गुणवत्ता जांच में खामियां सामने आईं। तमिलनाडु के दवा नियंत्रक ने 3 अक्टूबर को सैंपल जांच के बाद सिरप को ‘मिलावटी’ घोषित कर उत्पादन बंद करने का आदेश दिया। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि सिरप में एथिलीन ग्लाइकॉल जैसे जहरीले तत्वों की मौजूदगी से किडनी फेलियर हुआ, जो बच्चों के लिए घातक साबित हुआ।

Cough syrup: फरार मालिक पर शिकंजा, 20 हजार का इनाम

मध्य प्रदेश पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए विशेष जांच दल (SIT) गठित किया। SIT ने तमिलनाडु जाकर कंपनी की फैक्ट्री की तलाशी ली, सीसीटीवी फुटेज खंगाले और गवाहों से पूछताछ की। रंगनाथन और अन्य मालिक तीन दिन पहले फरार हो गए थे, जिसके बाद पुलिस ने 20,000 रुपये का इनाम घोषित कर दिया। बुधवार को चेन्नई एयरपोर्ट के पास रंगनाथन को हिरासत में लिया गया। पूछताछ में उनसे उत्पादन प्रक्रिया, कच्चे माल की खरीद और वितरण चेन के बारे में सवाल किए जा रहे हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, रंगनाथन ने अभी तक कोई सफाई नहीं दी है, लेकिन जांच में अन्य फरार आरोपियों के सुराग मिले हैं। मध्य प्रदेश के डीजीपी सुधीर सक्सेना ने कहा, यह गिरफ्तारी न्याय की दिशा में बड़ा कदम है। हम दवा माफिया को बख्शेंगे नहीं।

Cough syrup: एमपी ने तमिलनाडु पर लगाए लापरवाही के आरोप

इस घोटाले ने मध्य प्रदेश और तमिलनाडु सरकारों के बीच तनाव पैदा कर दिया। मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने तमिलनाडु सरकार को दोषी ठहराते हुए कहा, 21 बच्चों की मौत की जिम्मेदारी तमिलनाडु की है। राज्य से बाहर भेजी जाने वाली दवाओं की जांच उनकी जिम्मेदारी थी। हमारी सरकार रैंडम सैंपलिंग करती है, लेकिन यह सिरप जांच के दायरे में नहीं आया। पटेल ने केंद्र सरकार से भी हस्तक्षेप की मांग की। दूसरी ओर, तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री सुब्रमण्यम ने लैब रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, हमने तुरंत कार्रवाई की और उत्पादन रोका। मिलावट की पुष्टि होने पर कंपनी सील कर दी गई। इस टकराव ने दवा नियंत्रण कानूनों की कमजोरियों को उजागर किया, जहां अंतरराज्यीय समन्वय की कमी साफ नजर आ रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत सख्ती बढ़ाने की जरूरत है।

दवा उद्योग में सुधार की मांग तेज

यह घटना स्वास्थ्य सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़ी करती है। दवा कंपनियों की लापरवाही से न केवल छिंदवाड़ा प्रभावित हुआ, बल्कि अन्य राज्यों में भी इसी सिरप की जांच शुरू हो गई है। एनजीओ और अभिभावक संगठनों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर राष्ट्रीय स्तर पर दवा जांच अभियान चलाने की मांग की है। रंगनाथन की हिरासत से मामले में नया मोड़ आ सकता है, जिसमें वितरकों और सप्लायर्स पर भी शिकंजा कसेगा। मध्य प्रदेश सरकार ने प्रभावित परिवारों को 5 लाख रुपये मुआवजा घोषित किया है, लेकिन न्याय की मांग तेज है। डॉक्टरों का कहना है कि सस्ती दवाओं की आड़ में मिलावट रोकने के लिए लैब टेस्टिंग को अनिवार्य बनाना चाहिए।

आगे की कार्रवाई: न्याय का इंतजार

SIT की जांच जारी है और रंगनाथन को जल्द कोर्ट में पेश किया जाएगा। तमिलनाडु पुलिस भी स्थानीय स्तर पर सहयोग कर रही है। यह घोटाला दवा नियामकों के लिए चेतावनी है कि लापरवाही की कीमत मासूमों की जिंदगियां चुकानी पड़ सकती हैं। छिंदवाड़ा के शोकग्रस्त परिवारों ने कहा, हमारे बच्चों का खून व्यर्थ न जाए। सख्त सजा होनी चाहिए। सरकारें अब वादों से आगे बढ़कर ठोस कदम उठाएं, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी न दोहराई जाए।

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