Child Born In Train: मध्य प्रदेश के भोपाल रेल मंडल से गुजर रही लोकमान्य तिलक-सीतापुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस में एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया। घटना के बाद, जच्चा-बच्चा को भोपाल के हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां दोनों का इलाज चल रहा है। रेलवे अधिकारियों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए महिला और उसके नवजात को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया।
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कानपुर की महिला ट्रेन में कर रही थी यात्रा
जानकारी के अनुसार, गाड़ी संख्या 12107 लोकमान्य तिलक-सीतापुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस में कानपुर के निवासी धनीराम अपनी गर्भवती पत्नी पूजा देवी के साथ यात्रा कर रहे थे। पूजा देवी स्लीपर कोच छह की बर्थ संख्या 49 पर यात्रा कर रही थी। मंगलवार तड़के लगभग 3.30 बजे भुसावल और भोपाल के बीच उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। इस दौरान, टिकट चेकिंग स्टाफ ने भोपाल मंडल के वाणिज्य नियंत्रण कक्ष को सूचित किया कि महिला ने बच्चे को जन्म दिया है, लेकिन अभी तक नहीं कटा था।
रेलवे की तत्परता से जच्चा-बच्चा सुरक्षित अस्पताल पहुंचे
इसके बाद, तत्काल मेडिकल सहायता के लिए रेलवे कर्मचारियों ने त्वरित कार्रवाई की और महिला और बच्चे को भोपाल के हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनका इलाज चल रहा है।
अस्पताल में उपचार जारी
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ कटारिया ने बताया कि जैसे ही सूचना मिली, उप स्टेशन प्रबंधक (वाणिज्य) जावेद अंसारी को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए गए। इसके बाद, रेलवे अस्पताल भोपाल से डॉ. आशा के नेतृत्व में एक मेडिकल टीम को तुरंत घटनास्थल पर भेजा गया। रेलवे कर्मचारियों की तत्परता और मेडिकल टीम की सहायता से महिला और बच्चे को समय पर अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका उपचार जारी है।
भाोपाल सुबह छह बजे पहुंची ट्रेन
ट्रेन भोपाल स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर-2 पर सुबह लगभग छह बजे पहुंची, जहां रेलवे स्टाफ और मेडिकल टीम पहले से ही मौजूद थी। मेडिकल टीम ने तुरंत कोच में जाकर महिला और नवजात को प्राथमिक चिकित्सा दी। इसके बाद, उन्हें ट्रेन से उतारा गया और बेहतर चिकित्सा देखभाल के लिए हमीदिया अस्पताल भेजा गया। रेलवे के स्टाफ और मेडिकल टीम की तत्परता और समय पर की गई कार्रवाई ने मां और नवजात दोनों की जान बचाई, जिससे यह घटना एक जीवन रक्षक मिशन साबित हुई।
क्या पूरी जिंदगी ट्रेन में फ्री सफर करेगा नवजात?
यह सच है कि अक्सर यह अफवाहें सुनने को मिलती हैं कि ट्रेन या प्लेन में जन्म लेने वाले बच्चों को आजीवन मुफ्त यात्रा की सुविधा मिलती है, लेकिन भारतीय रेलवे में इस बारे में कोई आधिकारिक प्रावधान नहीं है। हालांकि, जब किसी महिला को प्रसव पीड़ा होती है और वह ट्रेन में यात्रा कर रही होती है, तो रेलवे द्वारा मेडिकल सहायता और प्राथमिक उपचार प्रदान किया जाता है, जैसा कि आपने हाल ही में भोपाल में हुई घटना में देखा।
रेलवे स्टाफ और मेडिकल टीम की तत्परता से प्रसव के दौरान मां और नवजात को उचित सहायता दी जाती है, लेकिन किसी भी प्रकार का लाइफटाइम फ्री यात्रा का लाभ इस मामले में भारतीय रेलवे द्वारा प्रदान नहीं किया जाता है।
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