West Bengal: पश्चिम बंगाल विधानसभा में मंगलवार को ‘अपराजिता महिला एवं बाल (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून संशोधन) विधेयक’ सर्वसम्मति से पारित हो गया। इस विधेयक के तहत राज्य में बलात्कार और हत्या के मामलों में या ऐसे बलात्कार के मामलों में जहां पीड़िता को मरने के लिए छोड़ दिया जाता है, आरोपी को मौत की सजा का प्रावधान किया गया है। विधेयक का समर्थन सभी दलों ने किया, जिसमें भाजपा भी शामिल थी। भाजपा ने अपने वादे के अनुसार विधेयक का समर्थन किया और इस पर मत विभाजन की मांग नहीं की। यह विधेयक महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर कठोर कार्रवाई के उद्देश्य से लाया गया है, जिससे राज्य में ऐसे अपराधों के प्रति एक कड़ा संदेश दिया जा सके।
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सीएम ममता ने केंद्र सरकार पर किया तीखा प्रहार
मुख्यमंत्री बनर्जी ने ‘अपराजिता महिला एवं बाल (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून संशोधन) विधेयक’ पर चर्चा के दौरान केंद्र सरकार पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि यह शर्म की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वह काम नहीं कर सके, जो उनकी सरकार ने किया है।
अमित शाह से मांग इस्तीफा
ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि चूंकि प्रधानमंत्री महिलाओं की सुरक्षा के लिए कोई ठोस पहल करने में असफल रहे हैं, इसलिए उन्हें और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए। यह बयान ममता बनर्जी की ओर से केंद्र सरकार की नीतियों और उनके कार्यान्वयन पर सीधा हमला था, खासकर महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर, जिसे लेकर उन्होंने केंद्र को कठघरे में खड़ा किया।
दुष्कर्म-विरोधी विधेयक बंगाल विधानसभा से सर्वसम्मति से पास
कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला डॉक्टर की बलात्कार और हत्या के खिलाफ देश भर में जारी विरोध के बीच ममता बनर्जी सरकार ने त्वरित कदम उठाते हुए एक विशेष सत्र बुलाया। इस सत्र में ‘अपराजिता महिला एवं बाल (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून संशोधन) विधेयक’ को विधानसभा में पेश किया गया और इसे आज ही सर्वसम्मति से पारित कराया गया।
बलात्कार के दोषियों को मौत की सजा
यह विधेयक महिलाओं और बच्चों के खिलाफ गंभीर अपराधों के लिए कड़े दंड का प्रावधान करता है, जिसमें बलात्कार और हत्या के मामलों में मौत की सजा भी शामिल है। विधेयक को तत्काल पेश करने और पारित करने का निर्णय सरकार की ओर से ऐसे अपराधों पर सख्त कार्रवाई और जनता की चिंताओं का जवाब देने की मंशा के रूप में देखा जा रहा है।
राज्यपाल की मंजूरी के बाद राष्ट्रपति के भेजा जाएगा विधेयक
ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि राज्यपाल को इस विधेयक को शीघ्र मंजूरी देनी चाहिए ताकि इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जा सके। यह कदम इस विधेयक को कानूनी रूप से लागू करने के लिए आवश्यक है, और मुख्यमंत्री ने इसकी त्वरित स्वीकृति की अपील की ताकि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए बनाए गए इस कानून का प्रभावी क्रियान्वयन हो सके।