Wayanad Landslide: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को केरल के वायनाड जिले में हाल ही में हुए भूस्खलन से प्रभावित इलाकों का दौरा किया। उन्होंने चूरलमाला नामक क्षेत्र का दौरा किया, जो इस भूस्खलन से बुरी तरह प्रभावित हुआ था। वहां उन्होंने एक राहत शिविर का भी निरीक्षण किया, जहां भूस्खलन में विस्थापित हुए लोग अस्थायी रूप से रह रहे हैं। प्रधानमंत्री ने इस दौरान रेस्क्यू किए गए लोगों से बातचीत की, जिनमें दो बच्चे भी शामिल थे। ये बच्चे इस आपदा में अपने प्रियजनों को खो चुके हैं। प्रधानमंत्री ने उनकी परेशानियों को सुना और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया। इस दौरे का उद्देश्य स्थिति की गंभीरता को समझना और राहत कार्यों की समीक्षा करना था।
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पीएम मोदी ने भूस्खलन से प्रभावित इलाकों का किया दौरा
प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को वायनाड के भूस्खलन से प्रभावित इलाकों का दौरा किया, जिसमें उन्होंने विशेष रूप से क्षतिग्रस्त जी.वी.एच.एस. स्कूल वेल्लारमाला का दौरा किया। जब वह कलपेट्टा में हवाई जहाज से उतरे, तो सबसे पहले इस स्कूल का निरीक्षण किया, जो भूस्खलन में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था।
‘कितने बच्चों ने अपने माता-पिता को खोया’
प्रधानमंत्री मोदी ने वहां मौजूद मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी से भावुक होकर पूछा कि कितने बच्चों ने इस आपदा में अपने माता-पिता को खो दिया है। उन्होंने इन बच्चों के हालात के बारे में जानकारी ली और उनकी सुरक्षा और पुनर्वास के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री का यह दौरा राहत कार्यों का जायजा लेने और पीड़ितों के प्रति सहानुभूति प्रकट करने के लिए था।
पीड़ितों की आपबीती सुन भावुक हुए पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने वायनाड के भूस्खलन पीड़ितों से मुलाकात के दौरान उनकी पीड़ा को महसूस किया और उन्हें सांत्वना दी। जब पीड़ित अपनी आपबीती सुनाते हुए भावुक हो गए और रोने लगे, तो प्रधानमंत्री ने सहानुभूति व्यक्त करते हुए उनके सिर और कंधों पर हाथ रखा।
सेना के हेलीकॉप्टर से किया हवाई सर्वेक्षण
कलपेट्टा में उतरने से पहले, मोदी ने भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर से भूस्खलन से प्रभावित चूरलमाला, मुंडक्कई और पंचिरिमट्टम बस्तियों का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके बाद वे कलपेट्टा के एसकेएमजे हायर सेकेंडरी स्कूल में उतरे और वहां से सड़क मार्ग से चूरलमाला पहुंचे। इस क्षेत्र में आपदा के बाद सेना द्वारा 190 फुट लंबा बेली ब्रिज बनाया गया था, जिसे प्रधानमंत्री ने भी देखा। उनके दौरे का उद्देश्य स्थिति का आकलन करना और प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करना था।
अस्पताल और राहत शिविर का भी किया दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वायनाड के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का दौरा करते हुए एक स्थानीय अस्पताल और राहत शिविर का भी दौरा किया, जहाँ उन्होंने घायलों से मुलाकात की और उनकी स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने घायलों से बातचीत की और उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री, राज्यपाल सहित उच्च अधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक
इसके बाद प्रधानमंत्री ने एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और अन्य उच्च अधिकारी शामिल हुए। इस बैठक में राहत और पुनर्वास कार्यों की समीक्षा की गई और आगे की योजनाओं पर चर्चा की गई।
केरल सरकार ने मांगे दो हजार करोड़
प्रधानमंत्री के इस दौरे से एक दिन पहले, केरल सरकार ने आपदा प्रभावित क्षेत्र में पुनर्वास और राहत कार्यों के लिए केंद्र से दो हजार करोड़ रुपये की मांग की थी। इस संदर्भ में प्रधानमंत्री के दौरे को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इससे केंद्र और राज्य सरकार के बीच आपदा प्रबंधन में समन्वय और सहयोग बढ़ाने की संभावना है।